राज्य सरकार कक्षा 11वीं से पीएचडी तक की छात्राओं को प्रोत्साहन राशि देगी। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की ऐसी छात्राएं, जो कक्षा 10वीं पास करने के बाद 11वीं में कृषि विषय लेना चाहती हैं और कृषि विषय में उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहती हैं, उन्हें यह प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। योजना में आवेदन की अंतिम तिथि 31 जनवरी 2026 तक होगी। जानकारी के अनुसार सीएम भजनलाल शर्मा की ओर से अधिकारियों को विशेष निर्देश जारी किए गए हैं। इसके तहत राज्य सरकार कृषि विषय के साथ सीनियर सेकेंडरी में अध्ययनरत छात्राओं को 15 हजार रुपए प्रति वर्ष (11वीं व 12वीं कक्षा के लिए), उद्यानिकी, डेयरी, कृषि अभियांत्रिकी, खाद्य प्रसंस्करण में कृषि स्नातक में अध्ययनरत छात्राओं को 25 हजार रुपए प्रति वर्ष (4 वर्षीय पाठ्यक्रम के लिए), श्री कर्ण नरेन्द्र व्यवसाय प्रबंधन महाविद्यालय जोबनेर में बीएससी कृषि एवं कृषि व्यवसाय में अध्ययनरत छात्राओं को 25 हजार रुपए प्रति वर्ष या 5 वर्षीय पाठ्यक्रम के लिए, एमएससी कृषि में अध्ययनरत छात्राओं को 2 वर्ष के लिए 25 हजार रुपए प्रति वर्ष या 5 वर्षीय पाठ्यक्रम के लिए तथा कृषि में पीएचडी में अध्ययनरत छात्राओं को अधिकतम 3 वर्ष के लिए 40 हजार रुपए प्रति वर्ष दिए जाएंगे।
ये होगी पात्रता
ऐसी छात्राएं जो राजस्थान की मूल निवासी हैं तथा सरकारी व राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी में अध्ययनरत हैं। आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेजों में मूल निवास प्रमाण पत्र व पिछले वर्ष की मार्कशीट शामिल है।
आवेदन कैसे करें
योजना के तहत प्रोत्साहन राशि के लिए पात्र बालिकाओं को ई-मित्र के माध्यम से अथवा राज किसान साथी पोर्टल पर स्वयं की एसएसओ आईडी से अथवा नजदीकी ई-मित्र केन्द्र पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। संबंधित कृषि अधिकारी द्वारा ऑनलाइन प्राप्त आवेदनों की जांच कर ई-साइन प्रमाण-पत्र जारी करने के लिए संबंधित विद्यालय, महाविद्यालय अथवा विश्वविद्यालय के संस्था प्रधान को अग्रेषित किया जाएगा।
संस्था प्रधान जारी करेंगे ई-साइन प्रमाण-पत्र
राज किसान साथी पोर्टल पर पंजीकरण के पश्चात संबंधित संस्था प्रधान आवेदनों की जांच कर ई-साइन प्रमाण-पत्र जारी करेंगे, जिससे यह पता चलेगा कि छात्रा किस कक्षा में अध्ययनरत है। साथ ही संस्था प्रधान यह प्रमाणित करेंगे कि छात्रा ने पुनः उसी कक्षा में प्रवेश नहीं लिया है तथा फेल नहीं हुई है। यदि छात्राओं के गलत आवेदनों पर ई-साइन प्रमाण-पत्र जारी होता है तो इसकी जिम्मेदारी संस्था प्रधान की होगी। संस्था प्रधान द्वारा जारी ई-साइन प्रमाण-पत्र की जांच के पश्चात संयुक्त निदेशक (कृषि विस्तार) जिला परिषद द्वारा वित्तीय स्वीकृति दी जाएगी।
यदि संस्था प्रधान द्वारा उसी वित्तीय वर्ष में ई-साइन प्रमाण-पत्र जारी नहीं किया जाता है, जिसके लिए विद्यार्थियों ने प्रोत्साहन राशि के लिए आवेदन किया है, तो प्रोत्साहन राशि देय नहीं होगी। पिछले वर्ष अनुत्तीर्ण हुए विद्यार्थी, जिन्होंने पुनः उसी कक्षा में प्रवेश लिया है, ग्रेड सुधारने के लिए पुनः उसी कक्षा में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी, सत्र के बीच में स्कूल, कॉलेज या विश्वविद्यालय छोड़ने वाले विद्यार्थी प्रोत्साहन राशि का लाभ नहीं ले सकेंगे।
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