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इस दिन राजस्थान के झुंझुनू पहुंचेंगे CM भजनलाल शर्मा, यमुना जल परियोजना समेत इन मुद्दों पर रहेगा फोकस

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मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा 20 अप्रैल को झुंझुनूं जिले में रहेंगे। इस दिन वे कहीं भी कोई बड़ी बैठक नहीं करेंगे। वे सड़क मार्ग से आएंगे। वे जगह-जगह कार्यकर्ताओं से बातचीत करेंगे और लोगों की समस्याएं सुनेंगे। सीएम के दौरे की सूचना मिलते ही भाजपा पदाधिकारी, जिला प्रशासन और पुलिस ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। भाजपा जिला महामंत्री सरजीत चौधरी ने बताया कि अभी अधिकृत कार्यक्रम नहीं आया है, लेकिन यह लगभग तय है कि मुख्यमंत्री 19 अप्रैल की रात को फतेहपुर में रुकेंगे। वहां से वे 20 की सुबह मंडावा आएंगे। वे मंडावा में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे और जनता की समस्याएं सुनेंगे। इसके बाद वे मुकुंदगढ़ आएंगे। यहां से वे झुंझुनूं पहुंचकर कार्यकर्ताओं से संवाद करेंगे। वे जिला स्तरीय पदाधिकारियों की बैठक लेंगे और आमजन की समस्याएं सुनेंगे। यहां से वे बगड़ और चिड़ावा बाइपास होते हुए पिलानी जाएंगे। वे रात को पिलानी में रुकेंगे। अगले दिन वे मलसीसर बांध का निरीक्षण करेंगे। आईजी अजयपाल लाबा, एसपी शरद चौधरी और कलेक्टर रामावतार मीना ने बैठक कर निर्देश दिए।

सीएम के दौरे में उठ सकते हैं ये मुद्दे
1. यमुना का पानी: जिले में सबसे बड़ी समस्या पानी की किल्लत है। यमुना का पानी लाने का मुद्दा लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव में उठा था। इसके लिए भाजपा ने सत्ता में आते ही हरियाणा सरकार से समझौता भी किया था। लेकिन सवा साल में डीपीआर तैयार नहीं हो पाई। हालांकि सरकार ने पिछले दिनों दावा किया था कि अगले दो से तीन महीने में इस प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार हो जाएगी। डीपीआर को लेकर हाल ही में दिल्ली में अधिकारियों की बैठक भी हुई है। इस प्रोजेक्ट के तहत हरियाणा के ताजेवाला हेड से पाइप लाइन के जरिए सीकर, चूरू और झुंझुनूं जिलों में पानी लाया जाना है। लेकिन अभी तक धरातल पर कुछ नहीं हुआ है। चिड़ावा के लाल चौक इलाके में यमुना के पानी को लेकर विरोध भी हो रहा है। पानी भूमिगत हो रहा है। सबसे ज्यादा समस्या बुहाना, पिलानी और सूरजगढ़ इलाके में है।

2. परिसीमन का विरोध: जिले में एक दर्जन से अधिक स्थानों पर ग्राम पंचायतों के नए परिसीमन का विरोध हो रहा है। कई स्थानों पर ग्रामीण नई पंचायत में शामिल नहीं होना चाहते हैं। तो कई स्थानों पर नगर परिषद में शामिल किए जाने का विरोध हो रहा है। मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान भी इस मुद्दे पर विरोध हो सकता है। इसको लेकर एजेंसियां भी सतर्क हैं। प्रशासन के अधिकारी भी जानकारी जुटा रहे हैं कि कहां विरोध हो सकता है और इसे कैसे रोका जा सकता है।

3. कहां खुलेगा खेल विश्वविद्यालय: इस दौरान खिलाड़ियों और युवाओं का सवाल रहेगा कि बजट घोषणा के अनुसार किस जिले में महाराणा प्रताप खेल विश्वविद्यालय खुलेगा? झुंझुनूं के दोरासर गांव में यह खेल विश्वविद्यालय खुलेगा या नहीं? इसके अलावा खेल प्रशिक्षकों की भर्ती कब होगी? बास्केटबॉल के लिए सरकारी खेल अकादमी कब बनेगी?

4. ओवरब्रिज और ऑडिटोरियम: यमुना जल के अलावा ओवरब्रिज और ऑडिटोरियम का मुद्दा भी विधानसभा उपचुनाव में छाया रहा। कागजों पर तो कई बार घोषणाएं हो चुकी हैं, लेकिन हकीकत में धरातल पर काम शुरू नहीं हो रहा है।

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