ऑनलाइन गेमिंग के नाम पर अवैध जुआ अब आभासी नहीं रह गया है, बल्कि वास्तविक गिरफ्तारियों के स्तर तक पहुंच गया है। उदयपुर की गोवर्धन विलास पुलिस ने रेडी अन्ना नामक गेमिंग वेबसाइट पर सट्टा लगाने के आरोप में 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से बरामद सामग्री न केवल तकनीक का विशाल भंडार है, बल्कि डिजिटल अपराध की पूरी स्क्रिप्ट है - 30 मोबाइल फोन, 7 लैपटॉप, 5 कंप्यूटर सेट, 8 बैंक पासबुक, 13 एटीएम कार्ड, 10 सिम कार्ड और 4 रजिस्टर।
एसपी योगेश गोयल ने खुलासा किया कि यह पूरा नेटवर्क रेडी अन्ना ऑनलाइन गेमिंग ऐप के जरिए क्रिकेट, फुटबॉल और कबड्डी जैसे खेलों पर सट्टा लगा रहा था। दिलचस्प बात यह है कि ग्राहक को शुरू में जीत का स्वाद चखाया जाता है ताकि वह इसका आदी हो जाए और फिर हार का सिलसिला शुरू हो जाता है। यह उनका "कमाई मंत्र" था।
कैसे फंसा मासूम ग्राहक?
इस पूरे गिरोह का मास्टरमाइंड मोहित पाहुजा बताया जा रहा है, जो छापेमारी की भनक लगते ही फरार हो गया। एसएचओ दिलीप सिंह झाला ने बताया कि जीवनतारा कॉलोनी स्थित एक फ्लैट पर छापा मारा गया, जहां आरोपी अलग-अलग सिस्टम पर पैसों का लेनदेन करते पकड़े गए। ग्राहकों को व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से एक गेम आईडी प्राप्त होगी और भुगतान एक क्यूआर कोड के माध्यम से किया जाएगा।
किसे गिरफ्तार किया गया? : संजय सालवी-तीतरड़ी, केशव लखारा-नागौर, सिद्धार्थ विश्वकर्मा-सतना, मप्र, रामचन्द्र प्रजापत-पादुकाला, नागौर, तरूण बागड़ा-कुचामन सिटी, विकास प्रजापत-डेगाना, नागौर।
इन सभी लोगों से पूछताछ जारी है। पुलिस ने कुल 19 बैंक खाते फ्रीज कर दिए हैं, जिनकी परतें धीरे-धीरे खुल रही हैं।
ऑनलाइन गेमिंग अब सिर्फ टाइम पास नहीं रह गया है, यह अपराध का नया जरिया बन गया है। युवाओं को जीतने की लत और झूठे बोनस के नाम पर धोखा दिया जा रहा है। उदयपुर पुलिस की यह कार्रवाई आने वाले समय में डिजिटल सट्टे के खिलाफ बड़ा संदेश दे सकती है।
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