विश्व विरासत स्थल चित्तौड़गढ़ किला तक जाने वाली सड़कें कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। सड़क की यह स्थिति वाहन चालकों के लिए गंभीर समस्या बन गई है। सड़कें टूटने और गड्ढों से भर जाने के कारण यात्रियों को असुविधा हो रही है और दुर्घटना का खतरा बढ़ गया है।
स्थानीय लोगों और वाहन चालकों ने बताया कि कई स्थानों पर सड़कें इतनी खराब हो गई हैं कि गाड़ियों का सुरक्षित चलना मुश्किल हो गया है। मोटरसाइकिल और कार चालकों को लगातार सतर्क रहना पड़ता है। बारिश के मौसम में यह समस्या और बढ़ जाती है, जिससे दुर्घटना का जोखिम और बढ़ जाता है।
स्थानीय प्रशासन और नागरिक संगठन सड़क सुधार की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि चित्तौड़गढ़ एक प्रमुख पर्यटन स्थल है और सड़क की इस स्थिति से न केवल यातायात प्रभावित हो रहा है, बल्कि पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी नकारात्मक असर पड़ रहा है।
हालांकि, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASAR) यूआईटी (यूनिटेड इन्फ्रास्ट्रक्चर टाउनशिप) को सड़क निर्माण की अनुमति नहीं दे रहा है। विभाग का तर्क है कि चित्तौड़गढ़ किला विश्व विरासत स्थल में शामिल होने के कारण सड़क निर्माण और बड़े निर्माण कार्यों पर रोक है। विभाग का कहना है कि किसी भी निर्माण कार्य से किले की सुरक्षा और सौंदर्य को खतरा नहीं होना चाहिए।
स्थानीय प्रशासन और पर्यटक संगठन अब सरकार और संबंधित विभाग से अपील कर रहे हैं कि सड़क की मरम्मत और निर्माण के लिए विशेष अनुमति दी जाए। उनका कहना है कि यदि जल्द सुधार नहीं किया गया तो न केवल पर्यटक प्रभावित होंगे, बल्कि स्थानीय लोगों और वाहन चालकों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ेगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि विश्व विरासत स्थलों के पास सड़क और बुनियादी ढांचा बनाए रखना चुनौतीपूर्ण है। इसके लिए किले और पर्यटक स्थल की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए संवेदनशील निर्माण तकनीक का उपयोग किया जाना चाहिए।
स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि पर्यटन स्थल तक पहुंचने वाली सड़क की खराब स्थिति से पर्यटकों की संख्या प्रभावित हो रही है। यह स्थानीय दुकानदारों और होटल व्यवसाय पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है।
इस प्रकार, चित्तौड़गढ़ किले तक जाने वाली सड़कें वर्तमान में गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हैं। वाहन चालक और स्थानीय लोग असुविधा और जोखिम झेल रहे हैं। इसके बावजूद, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की अनुमति न मिलने के कारण सड़क निर्माण कार्य ठप्प पड़ा है। स्थानीय प्रशासन और नागरिक संगठन सरकार और संबंधित विभाग से शीघ्र समाधान की मांग कर रहे हैं।
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