पॉप गायिका केटी पेरी समेत सभी छह महिलाएं अंतरिक्ष यात्रा कर धरती पर सुरक्षित लौट आई हैं. उनकी यह यात्रा क़रीब 11 मिनटों की थी.
बताया जा रहा है कि जब यह क्रू अंतरिक्ष में पहुंचा तो केटी पैरी गाना गा रही थीं.
उनके विमान ने अधिकतम 2300 मील प्रति घंटे की रफ़्तार से यात्रा की है.
यह ध्वनि की गति से तीन गुना ज़्यादा गति है. इस टीम में पॉप गायिका, पत्रकार, वैज्ञानिक और फिल्म निर्माता सहित अलग-अलग क्षेत्रों की महिलाएं शामिल रहीं.
छह महिलाओं की इस पूरी टीम को जेफ़ बेज़ोस की अंतरिक्ष कंपनी ब्लू ओरिजिन ने 'न्यू शेपर्ड रॉकेट' के ज़रिए अंतरिक्ष में भेजा.
साल 1963 के बाद ऐसा पहली बार है जब महिलाओं की एक पूरी टीम ने अंतरिक्ष की यात्रा की.
इससे पहले रूसी अंतरिक्ष यात्री वेलेंटिना तेरेश्कोव ने साल 1963 में अंतरिक्ष की यात्रा की थी.
ब्लू ओरिजिन की बनाई इस यात्रा में पॉप गायिका केटी पेरी, पत्रकार गेल किंग, नागरिक अधिकार वकील अमांडा इंगुएन, नासा की पूर्व रॉकेट वैज्ञानिक आइशा बॉवे और फिल्म निर्माता कैरियन फ्लिन शामिल हैं.
उनके साथ छठी महिला लॉरेन सांचेज़ भी रहीं, जिन्होंने ग्रुप का नेतृत्व किया. वो जेफ़ बेज़ोस की मित्र हैं.
ये सभी महिलाएं कार्मन रेखा को पार करेंगी, जो पृथ्वी और अंतरिक्ष के बीच एक काल्पनिक सीमा है और जो पृथ्वी के वायुमंडल से दूर है.
इन छह महिलाओं ने न्यू शेपर्ड-31 नामक इस मिशन पर ब्लू ओरिजिन के न्यू शेपर्ड रॉकेट से यात्रा की.
इसके अंदर स्थित अंतरिक्ष यान पूरी तरह से स्वचालित तौर पर संचालित हो सकता है.
यह यात्रा लगभग 11 मिनट तक चली.
न्यू शेपर्ड रॉकेट 14 अप्रैल को अमेरिका के वेस्ट टेक्सास स्थित कंपनी के प्रक्षेपण केंद्र से अंतरिक्ष में भेजा गया.
लॉरेन सांचेज़ ने साल 2023 में वोग पत्रिका के साथ एक इंटरव्यू में सभी महिलाओं की अंतरिक्ष उड़ान के अपने सपने का ज़िक्र किया था.
ब्लू ओरिजिन ने एक बयान में कहा, "यह सिर्फ एक अंतरिक्ष मिशन नहीं है. यह लोगों की मानसिकता बदलने और भावी पीढ़ियों को प्रेरित करने के मक़सद से बनाया गया एक मिशन है."
कार्मन सीमा क्या है?
कार्मन रेखा एक काल्पनिक सीमा रेखा है. इसे पृथ्वी पर समुद्र तल से 100 किमी ऊपर होने के तौर पर परिभाषित किया जाता है.
इसे व्यापक रूप से वह बिंदु माना जाता है जहां पृथ्वी से निकलकर अंतरिक्ष की यात्रा शुरू हो जाती है. यानी इस बिंदु को पृथ्वी के वायुमंडल का अंत और अंतरिक्ष का आरंभ माना जाता है.
कार्मन रेखा का निर्धारण फेडरेशन एरोनॉटिक इंटरनेशनेल ने किया था और इस ऊंचाई पर पहुंचना अंतरिक्ष से जुड़े शोध में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जाता है.
मोहाली स्थित भारतीय इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च के प्रोफेसर और पूर्व वैज्ञानिक डॉक्टर टीवी वेंकटेश्वरन कहते हैं, "अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत नियमों के अनुसार, अंतरिक्ष की यही परिभाषा है. यही कार्मन रेखा है."
उनके अनुसार, वायुमंडल का 99.9% भाग 100 किमी की ऊंचाई से नीचे मौजूद है, जिसे कार्मन सीमा के रूप में निर्धारित किया गया है, इसीलिए यह फ़ैसला लिया गया कि इसके ऊपर का क्षेत्र अंतरिक्ष है.
जो लोग इस सीमा रेखा से आगे यात्रा करते हैं उन्हें "अंतरिक्ष यात्री" का दर्जा प्राप्त होता है. यही कारण है कि ब्लू ओरिजिन का अंतरिक्ष मिशन भी इस सीमा से आगे बढ़कर अपने यात्रियों को अंतरिक्ष का वास्तविक अनुभव देगा.
डॉक्टर वेंकटेश्वरन का कहना है कि इस मिशन का मक़सद अंतरिक्ष पर्यटन को बढ़ावा देना है.
वे कहते हैं, "इस कंपनी ने कई बार अंतरिक्ष पर्यटन का काम किया है. लेकिन जब आप इस यात्रा के बारे में सुनते हैं, तो आपको यह नहीं मान लेना चाहिए कि यह सुनीता विलियम्स जैसी ही यात्रा है."
सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष के ऐसे क्षेत्र में गई थीं जो लगभग 400 किलोमीटर ऊपर था.
इन महिलाओं की अंतरिक्ष उड़ान के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा था, "वे कार्मन सीमा के ठीक ऊपर जाएंगी, जहां से अंतरिक्ष शुरू होता है, और फिर कुछ ही मिनटों में वापस आ जाएंगीं."
वेंकटेश्वरन ने बताया, "इस यात्रा का कुल समय क़रीब 11 मिनट का होगा. वे सात मिनट तक रॉकेट में यात्रा करेंगीं. इसमें क़रीब 48 किलोमीटर की यात्रा करने के बाद यात्रियों को लेकर अंतरिक्ष यान रॉकेट से अंतरिक्ष में इस तरह प्रक्षेपित किया जाएगा, जैसे पत्थर को ऊपर की ओर फेंका जाता है."
उन्होंने बताया, "रॉकेट से प्रक्षेपित किया गया अंतरिक्ष यान, कार्मन रेखा के ठीक ऊपर से गुज़रेगा और फिर पृथ्वी पर वापस आ जाएगा."
उनका कहना है कि इस परियोजना का मक़सद लोगों को अंतरिक्ष पर्यटन की ओर आकर्षित करना और इसके माध्यम से एक नया उद्योग बनाना है. साथ ही, उन्होंने कहा कि इस तरह का प्रयास "महिलाओं के विकास पर ध्यान केंद्रित करेगा और भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगा."
अंतरिक्ष में जाने वाली महिलाओं की पृष्ठभूमि क्या है?लॉरेन सांचेज़

लॉरेन सांचेज़, लाइसेंस प्राप्त हेलीकॉप्टर पायलट हैं. सांचेज़ ने साल 2016 में ब्लैक ऑप्स एविएशन की स्थापना की थी. वो और बेजोस अर्थ फंड की उपाध्यक्ष हैं. वो तीन बच्चों की मां हैं.
आइशा बॉवे
आइशा बॉवे बहामास की मूल निवासी हैं. नासा की पूर्व रॉकेट वैज्ञानिक और उद्यमी. ये विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित के विषय के जुड़ी हुई हैं.
आइशा स्टेम बोर्ड की की सीईओ भी हैं, जो एक इंजीनियरिंग कंपनी है और जिसे दो बार आईएनसी 5000 में सूचीबद्ध किया गया है, जो अमेरिका में सबसे तेजी से बढ़ती निजी कंपनियों की सूची है.
उन्होंने 'लिंगो' नामक कंपनी की भी स्थापना की है जिसका मक़सद दस लाख छात्रों को ज़रूरी तकनीकी कौशल सिखाना है.
अमांडा इंगुएन

अमांडा एक बायोस्पेस अनुसंधान वैज्ञानिक हैं. उन्होंने हार्वर्ड से स्नातक की डिग्री ली है. उन्होंने हार्वर्ड सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स, एमआईटी, नासा में भी शोध कार्य किया है.
अमांडा ने साल 1981 से 2011 तक नासा के एक अंतरिक्ष मिशन में काम किया.
यौन हिंसा से पीड़ित लोगों के लिए उन्होंने काफ़ी काम किया, जिसके लिए उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था. उन्हें साल 2022 में टाइम मैग्ज़ीन का वूमन ऑफ द ईयर अवॉर्ड भी मिला है.
कैटी पेरी
पॉप गायिका कैटी पेरी उन परफॉर्मर में से एक हैं जिनके म्यूज़िक एलबम सबसे ज़्यादा बिकने वाले एलबम में से हैं. उनके गानों को 115 अरब से ज़्यादा बार देखा गया है.
वैश्विक पॉप सुपरस्टार के रूप में जानी जाने वाली कैटी कई मानवीय मुद्दों की आवाज़ भी रही हैं. यूनिसेफ सद्भावना राजदूत के रूप में, वह हर बच्चे के स्वास्थ्य, शिक्षा, समानता और सुरक्षा के अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए अपनी आवाज उठा रही हैं.
गेल किंग
गेल किंग एक पुरस्कार विजेता पत्रकार हैं. वह सीबीएस मॉर्निंग्स की को-होस्ट और ओपरा डेली की संपादक हैं.
पत्रकारिता के क्षेत्र में अपने कई साल के अनुभव के आधार पर गेल को साक्षात्कारों में सार्थक बातचीत करने में माहिर माना जाता है.
केरियन फ्लिन

फैशन और मानव संसाधन में बैचलर्स की डिग्री लेने के बाद, केरियन फ्लिन ने पिछले दस साल से एलन-स्टीवेन्सन स्कूल, द हाई लाइन और हडसन रिवर पार्क सहित कई गैर-लाभकारी संगठनों के साथ वोलंटियर के तौर पर काम किया है
स्टोरी टेलिंग की ताक़त को लेकर उत्साहित कैरियन ने विचारोत्तेजक फिल्मों का निर्माण किया है. इनमें दिस चेंजेज़ एवरीथिंग (2018), जो हॉलीवुड में महिलाओं के इतिहास की पड़ताल करती है, और लिली (2024), जो वकील लिली लेडबेटर के बारे में है.
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