वाराणसी, 10 नवम्बर(हि. स.)। वाराणसी में चौकाघाट स्थित सांस्कृतिक संकुल प्रांगण में चल रहे हस्तशिल्प मेला में चीनी मिट्टी के बर्तन बेच रहे बुलंदशहर के दुकानदार भीमसेन और उनके साथी ने बताया कि लोगों के चीनी मिट्टी के शौक ने ही इसे जिंदा कर रखा है। घरों में स्टील बर्तनों के उपयोग ज्यादा हैं और चीनी मिट्टी के बर्तनों के कम हैं।
स्टील के बर्तन से चीनी मिट्टी के बर्तन का मुकाबला है। फिर भी चीनी मिट्टी अपनी पहचान बने हुए हैं। चीनी मिट्टी के गमले, अचार रखने के बर्तन, चीनी मिट्टी के कप अत्यधिक लोकप्रिय हैं।
हस्तशिल्प मेला में अभी तक के प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि डेढ़ सौ रुपए से लेकर तीन सौ रुपए के आधा दर्जन कप सेट की बिक्री सबसे ज्यादा हुई है। इसके बाद चीनी मिट्टी के अचार रखने के बर्तन बिके हैं। सूप पीने का बड़ा बर्तन, घरों में फूलों को सजाने का बर्तन, पानी पीने की बोतल, केतली ने भी महिलाओं को अपनी ओर आकर्षित किया है।
उन्होंने आगे कहा कि मेले के आखिरी तक उन्हें बुलंदशहर से आने-जाने और कुछ पैसा बचाने तक का मौका मिला है। बनारस में लगने वाले हस्तशिल्प मेले में वह हर साल आना चाहेंगे। यह साल भी उनके लिए अभी तक फायदे का ही रहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / श.चन्द्र
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