देश के केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा बैंकों की कार्यवाही पर सख्त निगरानी रखी जाती है। जो भी बैंक आरबीआई के द्वारा बनाए गए बैंकिंग नियमों का अनुपालन नहीं करते हैं उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाता है। ऐसे ही अब आरबीआई ने महाराष्ट्र के एक कोऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। यह एक्शन सतारा के जीजामाता महिला सहकारी बैंक के खिलाफ लिया गया है।
जीजामाता महिला सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्दआरबीआई के द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार महाराष्ट्र के जीजामाता महिला सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द किया गया है। रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने बताया कि बैंक के पास बैंकिंग गतिविधियों के लिए पर्याप्त फंड नहीं है। इसके अलावा उन्हें कोई ऐसी संभावना भी नहीं दिख रही है, जिससे बैंक कमाई कर सकें। केंद्रीय बैंक के द्वारा जारी अधिसूचना में यह बताया गया है कि बैंकिंग सिस्टम को सुचारू रूप से जारी रखने के लिए और स्थिरता बनाए रखने के लिए बैंक का लाइसेंस रद्द करना अनिवार्य था।
क्या होगा आगे?अब से बैंक न ही कोई राशि का भुगतान कर पाएंगे और न ही जमा स्वीकार कर पाएंगे। सभी प्रकार के बैंकिंग कारोबार के लिए बैंक को प्रतिबंधित किया गया है। राज्य के सहकारी समितियों के पंजीयक को बैंक की गतिविधियों को बंद करने के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का भी आदेश दिया गया है।
ग्राहकों पर असरजब भी किसी बैंक का लाइसेंस रद्द किया जाता है तो ग्राहकों को उनके खाते में जमा राशि पर 5,00,000 रुपये तक का भुगतान प्राप्त हो जाता है। सभी जमाकर्ता डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कारपोरेशन के अंतर्गत अपनी जमा राशि में से 5,00,000 रुपये पाने हकदार होंगे। बैंक के लगभग 94.4 1% जमा राशि इस बीमा के अंतर्गत ग्राहकों को लौटा दी जाएगी।
पहले भी रद्द हुआ था लाइसेंस यह पहली बार नहीं है इसके पहले भी केंद्रीय बैंक के द्वारा जीजामाता महिला सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द किया जा चुका है। 30 जून 2016 को बैंक के खिलाफ आरबीआई ने सख्त कार्यवाही की थी और लाइसेंस रद्द कर दिया था। लेकिन 23 अक्टूबर 2019 को बैंक की अपील के बाद फिर से इस आदेश को बहाल कर दिया गया। इसके बाद बैंक का फॉरेंसिक ऑडिट करने का भी आदेश दिया था। ताकि वित्तीय स्थिति का पता चल सके।
बैंक नहीं कर रहा था सहयोगआरबीआई के द्वारा यह कहा गया है कि बैंक ने सहयोग नहीं किया जिसकी वजह से वित्तीय स्थिति का आकलन करने के लिए ऑडिट नहीं हो सका। इस कोऑपरेटिव बैंक की वित्तीय स्थिति लगातार बिगड़ती ही जा रही थी, जिसके कारण फिर से आरबीआई ने बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है।
जीजामाता महिला सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्दआरबीआई के द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार महाराष्ट्र के जीजामाता महिला सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द किया गया है। रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने बताया कि बैंक के पास बैंकिंग गतिविधियों के लिए पर्याप्त फंड नहीं है। इसके अलावा उन्हें कोई ऐसी संभावना भी नहीं दिख रही है, जिससे बैंक कमाई कर सकें। केंद्रीय बैंक के द्वारा जारी अधिसूचना में यह बताया गया है कि बैंकिंग सिस्टम को सुचारू रूप से जारी रखने के लिए और स्थिरता बनाए रखने के लिए बैंक का लाइसेंस रद्द करना अनिवार्य था।
क्या होगा आगे?अब से बैंक न ही कोई राशि का भुगतान कर पाएंगे और न ही जमा स्वीकार कर पाएंगे। सभी प्रकार के बैंकिंग कारोबार के लिए बैंक को प्रतिबंधित किया गया है। राज्य के सहकारी समितियों के पंजीयक को बैंक की गतिविधियों को बंद करने के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का भी आदेश दिया गया है।
ग्राहकों पर असरजब भी किसी बैंक का लाइसेंस रद्द किया जाता है तो ग्राहकों को उनके खाते में जमा राशि पर 5,00,000 रुपये तक का भुगतान प्राप्त हो जाता है। सभी जमाकर्ता डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कारपोरेशन के अंतर्गत अपनी जमा राशि में से 5,00,000 रुपये पाने हकदार होंगे। बैंक के लगभग 94.4 1% जमा राशि इस बीमा के अंतर्गत ग्राहकों को लौटा दी जाएगी।
पहले भी रद्द हुआ था लाइसेंस यह पहली बार नहीं है इसके पहले भी केंद्रीय बैंक के द्वारा जीजामाता महिला सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द किया जा चुका है। 30 जून 2016 को बैंक के खिलाफ आरबीआई ने सख्त कार्यवाही की थी और लाइसेंस रद्द कर दिया था। लेकिन 23 अक्टूबर 2019 को बैंक की अपील के बाद फिर से इस आदेश को बहाल कर दिया गया। इसके बाद बैंक का फॉरेंसिक ऑडिट करने का भी आदेश दिया था। ताकि वित्तीय स्थिति का पता चल सके।
बैंक नहीं कर रहा था सहयोगआरबीआई के द्वारा यह कहा गया है कि बैंक ने सहयोग नहीं किया जिसकी वजह से वित्तीय स्थिति का आकलन करने के लिए ऑडिट नहीं हो सका। इस कोऑपरेटिव बैंक की वित्तीय स्थिति लगातार बिगड़ती ही जा रही थी, जिसके कारण फिर से आरबीआई ने बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है।
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