नई दिल्ली: UPI यूजर्स ध्यान दें, UPI पेमेंट्स में थोड़ी सी बदलाव होने वाली हैं. नैशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने एक नया आदेश जारी किया है. आइयें जानते है क्या चेंज हुआ है. नैशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने 21 मई को एक नया सर्कुलर जारी करके सभी बैंकों और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स (PSPs) को 31 जुलाई तक UPI नेटवर्क पर चलने वाले 10 सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले APIs पर लगाम लगाना होगा. बैलेंस चेक करने, ऑटोपेमेंट शुरू करने, ट्रांजेक्शन स्टेटस देखने जैसे काम APIS करते हैं.31 जुलाई से आप UPI बैलेंस चेक करने के लिए हर ऐप से सिर्फ 50 बार ही अपना बैलेंस चेक कर पाएगा. NPCI ने ये भी साफ किया है कि बार-बार बैलेंस चेक करने से बचने के लिए बैंकों को हर सफल ट्रांजैक्शन के साथ ही अकाउंट बैलेंस भी भेजना होगा.NPCI यानी नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के UPI ट्रांजैक्शन में 30 जून 2025 से भी एक बदलाव होने वाला है. फिलहाल हम किसी को UPI से पेमेंट करते हैं, तो मोबाइल ऐप पर वो नाम दिखता है जो हमने अपने फोन में सेव किया था. इससे कई बार फ्रॉड की संभावना बढ़ जाती है. स्कैमर्स नकली नाम या फोटो लगाकर लोगों को धोखा दे देते थे.नए नियम के मुताबिक, अब QR कोड स्कैन करने पर या मोबाइल नंबर डालने पर आपको उस व्यक्ति का बैंक में रजिस्टर्ड असली नाम ही दिखाई देगा. इससे यह कन्फर्म रहेगा कि आप सही व्यक्ति को पैसे भेज रहे हैं या नहीं और फ्रॉड का भी खतरा नहीं रहेगा.
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