Next Story
Newszop

रेलवे सेक्टर के स्टॉक्स में एक महीने में 16% की तेजी, एक्सपर्ट से जानिए क्या है यह उछाल अस्थायी या बड़ी बढ़त की तैयारी?

Send Push
रेलवे सेक्टर से जुड़े शेयर्स में बीते एक महीने में अच्छी तेजी देखने को मिली है। एक साल तक कमजोर परफॉर्मेंस के बाद अब इन शेयरों ने 16% तक का रिटर्न दिया है, जिससे निवेशकों की दिलचस्पी फिर से बढ़ गई है। इस तेजी के पीछे दो बड़े कारण माने जा रहे हैं -पहला, रेलवे कंपनियों को हाल ही में कई नए प्रोजेक्ट्स और ऑर्डर मिले हैं। दूसरा, शेयर बाजार में फिलहाल पॉजिटिव माहौल बना हुआ है, जिससे रैली को सपोर्ट मिला है।



हालांकि एक्सपर्ट्स इस तेजी को लेकर थोड़ा सतर्क नजर आ रहे हैं। एक्सिस सिक्योरिटीज के रिसर्च हेड राजेश पलविया का कहना है कि 'रेलवे स्टॉक्स में आई हालिया तेजी शायद सिर्फ एक शॉर्ट टर्म उछाल है। ये तेजी मुख्य रूप से इसलिए है क्योंकि इन शेयरों ने पिछले कुछ समय में खराब परफॉर्म किया था। यह कोई बड़ा फंडामेंटल बदलाव नहीं दर्शाता।' उन्होंने आगे कहा कि अगर इस सेक्टर के शेयरों में लंबी अवधि की ग्रोथ देखनी है, तो इसके लिए जरूरी होगा कि कंपनियां मौजूदा प्रोजेक्ट्स को तेजी से पूरा करें और नए ऑर्डर मिलना जारी रहे। फिलहाल, बाजार की नजर इस पर है कि क्या रेलवे कंपनियों का ये सुधार सिर्फ एक ब्रेक के बाद की तेजी है या फिर वाकई में किसी बड़े बदलाव की शुरुआत?



रेलवे सेक्टर में सावधानी और सीमित संभावनाएं

फिडेंट एसेट मैनेजमेंट की फाउंडर और CIO ऐश्वर्या दाधीच कहती हैं कि रेलवे के लिए अभी सावधानी बरतना जरूरी है। हाल ही में रेलवे ने 77,000 करोड़ रुपए के बड़े निवेश की घोषणा की है, जो अच्छी बात है। लेकिन असल में रेलवे अपनी मौजूद नेटवर्क की क्षमता को पहले ही पूरी तरह इस्तेमाल कर चुका है। जब तक नए बड़े प्रोजेक्ट्स के शुरू होने का साफ पता नहीं चलता, तब तक यह कहना मुश्किल है कि रेलवे सेक्टर में तेजी स्थायी होगी।



दाधीच ने यह भी कहा कि रेलवे सेक्टर की कंपनियों के शेयरों के दाम अभी भी बहुत ज्यादा हैं। भले ही कुछ गिरावट आई हो, लेकिन वे अभी भी महंगे ही हैं। इसलिए, निवेशकों को जल्द ही बड़ा फायदा मिलने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। पालविया ने भी यही बात कही कि इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ज्यादातर रेलवे के शेयरों का परफॉर्मेंस धीमा रहा। इसका कारण था कि प्रोजेक्ट्स में काम शुरू होने में देरी हुई। लेकिन उनके पास अभी भी अच्छे ऑर्डर हैं, जिससे अगले कुछ सालों में काम मिलेगा। हालांकि, अभी के लिए ज्यादा फायदा दिखना मुश्किल है क्योंकि काम की गति धीमी है और बाजार में पहले से ही अच्छे मौके कीमतों में शामिल हो चुके हैं।



एक और मुश्किल बात यह है कि सरकार अपने खर्चे कहां लगाएगी, यह स्पष्ट नहीं है। सरकार का खर्चा बढ़ेगा, लेकिन यह कहना मुश्किल है कि वह रेलवे पर ज्यादा खर्च करेगी या फिर सड़कों, बंदरगाहों और शहरों के विकास पर। कुल मिलाकर, पूंजीगत निवेश बड़ा रहेगा, लेकिन यह देखना होगा कि नई फंडिंग कहां जाएगी। बाजार के जानकार भी मानते हैं कि जो ऑर्डर बुक अभी दिख रही है, वह पहले से ही शेयर की कीमतों में शामिल है। इसलिए अगर रेलवे सेक्टर में सच में बड़ा फायदा देखना है तो या तो नए बड़े प्रोजेक्ट्स की घोषणा होनी चाहिए या फिर काम की गति अचानक तेजी से बढ़नी चाहिए। फिलहाल, दोनों चीजें बीच के समय में साफ नजर नहीं आ रही हैं।



नए ऑर्डर से रेलवे सेक्टर में बढ़ रही उम्मीदें

रेलवे सेक्टर में हाल ही में जो अच्छा माहौल बना है, उसका बड़ा कारण कई कंपनियों को मिले नए ऑर्डर हैं। जैसे कि रेलटेल कंपनी को बिहार एजुकेशन प्रोजेक्ट से 210 करोड़ रुपए का बड़ा ऑर्डर मिला है। इसके अलावा, पिछले हफ्ते कंपनी को करीब 1,000 करोड़ रुपए के और भी ऑर्डर मिले हैं। ये ऑर्डर सेक्टर में आगे काम होने की उम्मीद बढ़ाते हैं।



RVNL ने भी वेस्ट सेंट्रल रेलवे से 169 करोड़ रुपए के एक प्रोजेक्ट के लिए सबसे कम बोली लगाई और उसे यह काम मिला। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में करीब 540 दिन लगेंगे। ऐसे ऑर्डर आने से कंपनियों के पास काम और पैसा आने का भरोसा बनता है। रेलवे के प्राइवेट सेक्टर के कुछ स्टॉक्स में भी तेजी देखने को मिल रही है। जुपिटर वैगन्स को रेलवे मंत्रालय से 9,000 LHB एक्सल की सप्लाई के लिए 113 करोड़ रुपए का ऑर्डर मिला है। यह दिखाता है कि प्राइवेट कंपनियों को भी अच्छे ऑर्डर मिल रहे हैं।



निवेशकों की नजरें बजट पर और सेक्टर का भविष्य

अगर हम शेयर की बात करें तो टिटागढ़ रेल सिस्टम्स के शेयर पिछले एक महीने में करीब 14% बढ़े हैं। लेकिन पिछले तीन सालों में जबरदस्त तेजी के बाद इस साल ये शेयर करीब 30% नीचे आ गए हैं। जुपिटर वैगन्स के शेयर भी पिछले एक महीने में 7% बढ़े हैं, लेकिन साल भर में 40% गिर गए हैं। RVNL के शेयर ने तीन साल में 950% की बढ़त ली है, लेकिन एक साल में 35% की गिरावट भी देखी गई है। हाल ही में शेयरों में आई तेजी से लगता है कि निवेशकों की रुचि फिर से बढ़ रही है। लेकिन पिछले सालों में भारी गिरावट और प्रोजेक्ट्स में देरी की वजह से इस सेक्टर में जोखिम भी हैं। इसलिए निवेशक इस सेक्टर में संभलकर कदम रखते हैं।



आने वाला समय यूनियन बजट का है, जो इस सेक्टर के लिए बड़ा मोड़ साबित हो सकता है। पिछले 1-2 सालों में रेलवे सेक्टर को बजट में ज्यादा तवज्जो नहीं मिली है, लेकिन अब यह देखना होगा कि इस बार सरकार अपने खर्चे में रेलवे के लिए कितनी जगह देती है।



डिस्क्लेमर: जो सुझाव या राय एक्सपर्ट/ ब्रोकरेज देते हैं, वो उनकी अपनी सोच है। ये इकोनॉमिक टाइम्स हिंदी की राय नहीं होती।

Loving Newspoint? Download the app now