राजस्थान में पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-2 ने एक नाबालिग लड़की को बेचने का प्रयास करने और उसके साथ बलात्कार में अपने बेटे की सहायता करने वाली महिला को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने आरोपी महिला पर 61 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
अदालत ने अन्य आरोपियों नैना, सपना, और मंजू के साथ उसके पति बबलू सिंह के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर मुकदमा चलाने का आदेश दिया है। अदालत ने कहा कि एक महिला होते हुए भी उसने पीड़िता के दर्द को नहीं समझा और अपने बेटे की सहायता की। जब पीड़िता ने यौन शोषण का विरोध किया, तो महिला ने उसे प्रताड़ित किया।
अदालत को बताया गया कि पीड़िता की मां ने 10 जुलाई 2014 को गलता गेट पुलिस स्टेशन में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें एक बाल अपचारी पर उसे बहला-फुसलाकर ले जाने का आरोप लगाया गया था।
पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई की और बाल अपचारी के खिलाफ किशोर न्याय बोर्ड में चालान पेश किया। इसके परिणामस्वरूप उसे तीन साल के लिए भीलवाड़ा के सुरक्षित स्थल पर भेजने का आदेश दिया गया। अदालत में पीड़िता ने कहा कि बाल अपचारी और अन्य आरोपी उसे बहला-फुसलाकर शिकोहाबाद ले गए, जहां उसके साथ बलात्कार किया गया।
इसके बाद, पीड़िता को एक दलाल के पास बेचने का प्रयास किया गया, लेकिन कम पैसे मिलने के कारण उसे वापस ले आया गया। फिर बाल अपचारी ने उसे फिरोजाबाद में रहने वाली मंजू के पास ले जाकर उसके साथ बलात्कार किया। अंततः मंजू की भाभी बबली ने पीड़िता को जयपुर रेलवे स्टेशन के बाहर छोड़ दिया और वहां से चली गई।
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