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महमूद: बॉलीवुड के कॉमेडी किंग की संघर्ष भरी कहानी

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महमूद का जीवन और संघर्ष

बॉलीवुड के एक ऐसे अदाकार, जिन्होंने अपने अभिनय से सभी को हंसने पर मजबूर किया, लेकिन खुद का जीवन कठिनाइयों से भरा रहा। महमूद ने कभी मुर्गियां और अंडे बेचे, तो कभी बस और ट्रेन में घूमकर टॉफियां बेचीं। अचानक एक दिन ऐसा हुआ कि वह बॉलीवुड के कॉमेडी सरताज बन गए।


महमूद, जो खुद को अमिताभ बच्चन का पिता मानते थे, के सामने बिग बी कभी गिड़गिड़ाते थे। लेकिन एक घटना ने उनके रिश्ते को हमेशा के लिए तोड़ दिया।


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हम बात कर रहे हैं महमूद की, जो 50 से 70 के दशक में हिंदी सिनेमा में सक्रिय रहे। महमूद केवल एक कॉमेडियन नहीं थे, बल्कि एक अभिनेता, गायक और निर्देशक भी थे। उनकी कॉमेडी आज भी लोगों को हंसाने में सक्षम है। महमूद अली का जन्म 29 सितंबर 1933 को मुंबई में हुआ था।


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महमूद के 8 भाई-बहन थे, और उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी। इस कारण उन्हें कई तरह के काम करने पड़े, जैसे मुर्गी और अंडे बेचना। उनके पिता मुमताज अली बॉम्बे टॉकीज में काम करते थे, जिससे महमूद को अभिनय में रुचि हुई। उन्होंने 1943 में अपनी पहली फिल्म 'किस्मत' से करियर की शुरुआत की।


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एक समय ऐसा आया जब लोग महमूद का नाम सुनकर ही उनकी फिल्में देखने आते थे। फिल्म निर्माताओं ने महमूद की तस्वीरें पोस्टर पर लगाना शुरू कर दिया। महमूद कभी रिहर्सल नहीं करते थे, वह हमेशा लाइव परफॉर्म करते थे।


महमूद ने जरूरतमंदों की मदद करने में हमेशा आगे रहते थे। उन्होंने कई मंदिरों, मस्जिदों और अनाथालयों में जाकर सहायता की।


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महमूद ने अपने जीवन में कई कठिनाइयों का सामना किया और दूसरों की मदद करने में हमेशा तत्पर रहे। उन्होंने अमिताभ बच्चन को भी अपने संघर्ष के दिनों में सहारा दिया। महमूद ने अमिताभ को अपने घर में पनाह दी और उन्हें कई फिल्मों में काम दिलवाया।


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हालांकि, अमिताभ की एक हरकत ने महमूद का दिल तोड़ दिया। महमूद ने बताया कि जब अमिताभ के पिता बीमार थे, तब वह उनसे मिलने गए, लेकिन जब महमूद की बाइपास सर्जरी हुई, तो अमिताभ ने उन्हें देखने नहीं आए।


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आपको क्या लगता है, क्या अमिताभ की यह हरकत सही थी या गलत? अपनी राय हमें कमेंट में बताएं।


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