नई दिल्ली। भारत में एक विशेष पेड़ है, जिसे सबसे अमीर माना जाता है। इस पेड़ की सुरक्षा के लिए सरकार ने 64 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। यह कोई साधारण पेड़ नहीं है, बल्कि यह बोधि वृक्ष है, जो मध्य प्रदेश के सांची में स्थित है। इस पेड़ का ऐतिहासिक महत्व अत्यधिक है और इसका इतिहास 2500 साल पुराना है। इसकी सुरक्षा के लिए 24 घंटे वर्दीधारी पुलिस तैनात रहती है। हालाँकि, वर्तमान में यह पेड़ कीड़ों के हमले से प्रभावित हो रहा है, जिसके चलते इसे बचाने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं।
बोधि वृक्ष का ऐतिहासिक महत्व
इस पेड़ का इतिहास 2500 साल पहले से शुरू होता है। कहा जाता है कि महात्मा बुद्ध ने बोधगया में इस वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त किया था। इसके बाद, हिन्दू और बौद्ध धर्म में इस वृक्ष का महत्व बढ़ गया। बौद्ध अनुयायी इस पेड़ की पूजा करने लगे और इसे बौद्ध स्थलों पर लगाया जाने लगा। 269 ईसा पूर्व, जब सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म अपनाया, तब सांची में स्तूप का निर्माण हुआ और बौद्ध धर्म का प्रचार-प्रसार शुरू हुआ। अशोक ने श्रीलंका के राजा को इस बोधि वृक्ष की शाखा भेजी थी।
श्रीलंका से आया उपहार
श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंद्रा राजपक्षे ने भारत यात्रा के दौरान इस ऐतिहासिक वृक्ष की शाखा लेकर आए थे। यह शाखा अशोक के उपहार के बोधिवृक्ष की वंशानुक्रम का हिस्सा थी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में इस शाखा को सलामतपुर में लगाया गया।
सुरक्षा और स्वास्थ्य की चुनौतियाँ
इस पेड़ की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है। अब तक राज्य ने इसकी देखभाल और पानी पर 64 लाख रुपये खर्च किए हैं। 24 घंटे चार होमगार्ड इस पेड़ की सुरक्षा में तैनात रहते हैं। हाल ही में, इस बोधि वृक्ष को लीफ कैटरपिलर नामक कीट ने संक्रमित कर दिया है, जिससे इसकी पत्तियाँ सूख रही हैं। सुरक्षा कर्मचारियों का कहना है कि उद्यान विभाग ने इस समस्या के समाधान के लिए कोई कदम नहीं उठाया है।
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