ज्योतिष के अनुसार, सनातन धर्म में खरमास का समय विशेष महत्व रखता है, जो साल में दो बार आता है। पहला खरमास तब होता है जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करता है, और दूसरा मीन राशि में। यह अवधि एक महीने तक चलती है, जिसमें मांगलिक कार्यों को करना वर्जित होता है।
इस वर्ष, खरमास 15 दिसंबर से शुरू हो चुका है और यह मकर संक्रांति पर समाप्त होगा। आइए जानते हैं कि इस दौरान किन कार्यों से बचना चाहिए, ताकि किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।
खरमास में न करें ये कार्य—
खरमास के दिनों को शुभ नहीं माना जाता है, इसलिए इस समय किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य जैसे विवाह, मुंडन, या नए कार्य की शुरुआत से बचना चाहिए। सगाई और उपनयन संस्कार भी इस दौरान नहीं करने चाहिए। इसके अलावा, नया व्यवसाय शुरू करना भी अशुभ माना जाता है।
इस अवधि में भगवान सूर्य की पूजा करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। प्रतिदिन सुबह स्नान के बाद सूर्य को जल अर्पित करें और मंत्र जाप करें। खरमास के दिनों में जप, तप और दान करना भी शुभ माना जाता है, जिससे सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं।
You may also like
31 जुलाई 2025 तक फाइल कर दें ITR वरना भरनी पड़ेगी ₹5,000 रुपये की पेनल्टी
बच्चों में मोबाइल के उपयोग से मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव
12kW सोलर सिस्टम: बिजली बिल में कमी और पर्यावरण की सुरक्षा
ऐश्वर्या राय ने बढ़ते वजन पर ट्रोलर्स को दिया करारा जवाब
112 वर्षीय महिला की जीवनशैली और शादी के प्रति उत्साह