नई दिल्ली में, ओडिशा के डिविजनल रेलवे मैनेजर (DRM) की बेटी के जूते खो गए थे। यह जानकर हैरानी होती है कि इन जूतों की खोज में राजकीय रेलवे पुलिस (GRP), रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (IRCTC) के अधिकारी जुट गए। दरअसल, DRM विनीत सिंह की बेटी के जूते ट्रेन यात्रा के दौरान गुम हो गए थे, जिसके बाद संबलपुर GRP में इसकी रिपोर्ट दर्ज कराई गई।
एक रिपोर्ट के अनुसार, शिकायत में कहा गया कि यात्रा के दौरान एक महिला ने जूते चुराए। इसके बाद GRP, RPF और IRCTC के अधिकारियों ने जूते खोजने में दिन-रात मेहनत की। पुलिस ने इस काम के लिए दो मंडलों की रेलवे पुलिस को लगाया। अंततः डेढ़ महीने की मेहनत के बाद जूते मिल गए, जिनकी कीमत लगभग दस हजार रुपये थी।
अब सोचिए, यदि किसी आम व्यक्ति का सामान खो जाए, तो क्या पुलिस इतनी मेहनत करती? शायद नहीं। लेकिन चूंकि यह मामला एक अधिकारी की बेटी का था, इसलिए पुलिस ने पूरी ताकत झोंक दी। अधिकारी की बेटी, मानवी, 3 तारीख को दिल्ली से लखनऊ यात्रा कर रही थीं। यात्रा के दौरान उनके साथ एक अन्य महिला भी थी। मानवी ने बताया कि 4 तारीख को सुबह लगभग 4:15 बजे वह महिला बरेली जंक्शन पर उतर गई। कुछ समय बाद उन्हें अपने जूते नहीं मिले, जिससे उन्हें उस महिला पर शक हुआ।
मानवी ने इस घटना की रिपोर्ट GRP में दर्ज कराई। इसके बाद संबलपुर GRP ने बरेली की रेलवे पुलिस के साथ मिलकर जूते खोजने का काम शुरू किया। पुलिस ने उस महिला को ढूंढ निकाला जो मानवी के साथ यात्रा कर रही थी। रेलवे टिकट से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने उस महिला तक पहुंच बनाई। पता चला कि वह महिला पेशे से डॉक्टर हैं। हालांकि, उन्होंने मानवी के जूते पहनकर ट्रेन से उतरने की बात स्वीकार की, लेकिन कहा कि यह गलती से हुआ।
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