हिंदू धर्म में काले धागे का विशेष स्थान है, जिसे हाथ या पैर में बांधना शुभ माना जाता है। यह एक साधारण धागा नहीं है, बल्कि इसे पहनने से जीवन की कई समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। आजकल लोग इसे फैशन के रूप में पहनते हैं, लेकिन इसके पीछे एक गहरा अर्थ है। यह धागा बुरी नजर और मानसिक-शारीरिक परेशानियों से सुरक्षा प्रदान करता है। आइए, इसके फायदों और पहनने के नियमों पर चर्चा करें।
काले धागे पहनने के नियम
जब आप काला धागा बांधते हैं, तो ध्यान रखें कि उस हाथ या पैर में किसी अन्य रंग का धागा न हो। कलावा या अन्य पवित्र धागे का उपयोग न करें। काले धागे को पहनने का सबसे शुभ दिन शनिवार है, क्योंकि यह दिन शनिदेव को समर्पित है। इस दिन काला धागा पहनने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है।
बुरी नजर से सुरक्षा
काला धागा पहनने से बुरी नजर का प्रभाव नहीं पड़ता। यह नकारात्मक ऊर्जा को भी समाप्त करता है।
गर्भवती महिलाओं के लिए
कहा जाता है कि गर्भवती महिलाओं के पैरों में काला धागा बांधने से उन्हें गर्भावस्था के दौरान होने वाले दर्द में राहत मिलती है और स्वास्थ्य पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता। इससे मां और बच्चे दोनों की सुरक्षा होती है।
काले धागे के अन्य लाभ
ज्योतिष के अनुसार, अगर काला धागा बाजू पर बांधा जाए, तो नौकरी में लाभ के अवसर बढ़ते हैं और प्रमोशन के रास्ते खुलते हैं। इसके अलावा, यह स्वास्थ्य में सुधार लाने और शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने में मदद करता है।
नई दुल्हन के लिए काला धागा
नई दुल्हन के दाएं पैर के अंगूठे में काला धागा बांधने की परंपरा है। ऐसा करने से दुल्हन को बुरी नजर से बचाया जाता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है। यह उसे मानसिक शांति और शारीरिक सुरक्षा प्रदान करता है।
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