एक कहावत है पहला सुख निरोगी काया अर्थात आप स्वस्थ रहेंगे तो आपको कोई दुख नही हो सकता है। सेहतमंद रहने के लिए शरीर में खून की सही मात्रा होना बहुत जरूरी है। शरीर में दो रक्त कोशिकाएं होती हैं लाल और सफेद।
लाल रक्त कोशिकाएं कम होने पर शरीर में खून की कमी हो जाती है, जिसे एनिमिया भी कहते हैं। शरीर में उचित रक्त की मात्रा न होने पर कमजोरी, चक्कर आना, अनिद्रा, थकावट जैसी समस्याएं के साथ कई गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। इसके अलावा शरीर में खून की कमी होने के कारण शरीर का रंग पीला और बेजान हो जाता है।
खून की कमी हमारे देश में एक बड़ी समस्या है। इसे दूर करने के लिए इसके कारणों और लक्षणों को पहचानने की जरूरत है। एक सर्वे के मुताबिक हमारे देश में 60 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जिनमें खून की कमी है।
इसमें महिलाओं का प्रतिशत पुरुषों से ज्यादा है। यह आंकड़ा बयां करता है कि हमारे देश की आधे से अधिक आबादी इस समस्या से जूझ रही है।
महिलाओं के शरीर को क्योंकि आयरन की ज्यादा जरूरत होती है। और गर्भावस्था के दौरान यह जरूरत और बढ़ जाती है। लेकिन उन्हें जरूरी पोषण नहीं मिल पाता। रक्त की कमी को एनीमिया कहा जाता है।
शरीर में लौह तत्वों की कमी से व्यक्ति एनीमिया का शिकार हो जाता है। इसलिए डॉक्टर रोगी का आयरन युक्त भोजन करने की सलाह देते हैं। अक्सर लोग एनीमिया को गंभीरता से नहीं लेते।
अक्सर गर्भवती महिलाओं को खून की कमी हो जाती है। गर्भावस्था में यदि शरीर में खून की कमी हो जाए तो थकान, कमजोरी, रंग पीला पड़ना, सांस लेने में समस्या, नाखूनों, आखों या होठों का पीला होना और बच्चा पैदा करने में बहुत सारी समस्याओं का समाना करना पड़ सकता है।
दरअसल, जब महिला गर्भवती होती है तो उसका खून पतला हो जाता है और साथ ही साथ हीमोग्लोबिन की स्तर भी गिरने लगता है। गर्भावस्था में ये काफी सामान्य है।
लेकिन, यदि हीमोग्लोबिन का स्तर 9 से कम हो जाए तो ये चिंता वाली बात होती है और गर्भवती महिला को अतिरिक्त आयरन की जरूरत पड़ती है।
ऐसी स्थिति में उसे अपने खानपान का खयाल रखना चाहिए। खानपान के द्वारा खून में हीमोग्लोबिन बढ़ाया जा सकता है। आइए जानें All Ayurvedic के माध्यम से खून की कमी के कारण, लक्षण और घरेलू उपाय के बारे में…
रक्त की कमी के कारणशरीर में आयरन की कमी होने से खून की कमी हो जाती है। पौष्टिक भोजन की कमी व हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन नहीं करना इसकी मुख्य वजह है।
अगर शरीर को जरूरत के हिसाब से भोजन नहीं मिले तो शरीर में खून की कमी हो जाती है।
बढ़ते बच्चों व किशोरों को जब शरीर की जरूरत के हिसाब से पर्याप्त पोषण नहीं मिलता है तो आयरन की कमी हो जाती है।
इसके अलावा महिलाओं में मासिक धर्म के समय अधिक खून बहने से रक्त की कमी हो जाती है या किसी दुर्घटना या टीबी, हड्डी का ट्यूमर, जैसी बीमारियां भी रक्त की कमी के कारण हैं।
आयरन की कमी से रक्त कोशिकाएं पीली और कमजोर हो जाती हैं जिससे वे शरीर में ऑक्सीजन ठीक से प्रवाहित नहीं कर पाती हैं। इसका सीधा असर हमारे शरीर की कार्यक्षमता पर होता है। आक्सीजन की मात्रा घट जाने से शरीर की प्रक्रियाएं धीमी हो जाती है।
पेट में इंफेक्शन के कारण, भोजन में पोषक तत्वों की कमी होना, किसी चोट के कारण, पोषक तत्वों की कमी, आयरन की कमी, विटामिन बी-12 की कमी, स्मोकिंग या शराब का सेवन, एजिंग या ब्लीडिंग की समस्या, शरीर में अधिक खून निकलने के कारण, किसी गंभीर रोग के कारण खून की कमी होना।
रक्त की कमी के लक्षणरक्त की कमी से आंखो की समस्या शुरु हो जाती है। नींद नहीं आना, आंख की रोशनी कम होना दिखाता है कि शरीर में खून की कमी है।
रोगी हमेशा थका हुआ सा महसूस करता है। किसी भी काम में उसका मन नहीं लगता है।
खून की कमी होने से त्वचा में पीलापन आ जाता है। रोगी के होंठ व नाखूनों का रंग भी बदल जाता है।
थोड़ा सा भी चलने पर रोगी की सांस फूलने लगती है और उसके सीने में दर्द शुरु हो जाता है।
जल्दी थक जाना, शरीर में कमजोरी आना, भूख कम लगना या ना लगना, हाथों-पैरों में सूजन या ठंडा पड़ना, त्वचा का फीका, पीला दिखना।
आंखों के नीचे काले घेरे होना, सीने और सिर में दर्द होना, चक्कर और उल्टी आना, घबराहट होना, बालों का अधिक झड़ना।
खून की कमी दूर करने का रामबाण उपायमुनक्का और लोहे की कड़ाही : मुनक्का को रात में लोहे की कड़ाही में पानी में 6 घंटे भिगोने के बाद प्रयोग करें, ऐसा करने से तेजी से खून में आयरन की मात्रा बढ़ेगी। साथ ही रोजाना 15 मिनट वरूण मुद्रा करें तो जल्द ही खून की कमी पूरी हो जाएगी।
कैसे बनाएं वरूण मुद्रा : किसी समतल स्थान पर आसन बिछाकर सुखासन में बैठ जाएं। गहरी सांस लें और छोड़ें।सबसे छोटी अंगुली तथा अंगूठे के पोर को मिलाकर शेष अंगुलियों को सीधा रखा जाए तो वरूण मुद्रा बनती है। इस मुद्रा का अभ्यास रोजाना पंद्रह मिनट करें। यह मुद्रा रक्त संचार संतुलित करने, चर्मरोग से मुक्ति दिलाने, खून की कमी (एनीमिया) को दूर करने में सहायक है। वरुण मुद्रा के नियमित अभ्यास से शरीर में पानी की कमी से होने वाली कई बीमारियां समाप्त हो जाती हैं। पानी की कमी से ही शरीर में खून से संबंधित बीमारियां होती हैं। यह मुद्रा त्वचा को सुन्दर बनाती है।
मुनक्का, अंजीर और दूध : 10 मुनक्के और 5 अंजीर 200 मिलीलीटर दूध में उबालकर खा लें। फिर ऊपर से उसी दूध का सेवन करें। इससे रक्तविकार दूर हो जाता है। कुछ ही दिनों में खून की कमी दूर हो जाती है।
पानी मे भिगोए हुए मुनक्का : शाम को सोते समय लगभग 10 या 12 मुनक्का को धोकर पानी में भिगो दें। इसके बाद सुबह उठकर मुनक्का के बीजों को निकालकर इन मुनक्कों को अच्छी तरह से चबाकर खाने से शरीर में खून बढ़ता है। इसके अलावा मुनक्का खाने से खून साफ होता है और नाक से बहने वाला खून भी बंद हो जाता है। मुनक्का का सेवन 2 से 4 हफ्ते तक करना चाहिए।
अंजीर और दूध : अंजीर को दूध में उबालकर-उबाला हुआ अंजीर खाकर वही दूध पीने से शक्ति में वृद्धि होती है तथा खून भी बढ़ता है।
चुकंदर का रस : यह चुकंदर हमारे ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है और हमारे खून को बराबर रखता है साथ ही शरीर में खून की कमी भी नहीं होती है।
कद्दू के बीज : कद्दू के बीज आवश्यक खनिजों जैसे फास्फोरस, मैग्नीशियम और आयरन के अच्छे स्रोत होते है। कद्दू के बीज विशेष रूप से हीमोग्लोबिन के स्तर में सुधार के लिए उपयोगी है।
दूध और छुहारे : शरीर में खून की कमी को पूरा करने के लिए सबसे आसान तरीका रात को दूध में खजूर या छुहारे डाल कर रख दे और सोने से पहले इसे पी ले और खजूर या छुहारे भी खा ले। यह उपाय करने से धीरे-धीरे खून बढ़ने लगता है।
पालक : पालक को आयुर्वेद में रक्त वर्धक आहार का नाम दिया गया है। यदि शरीर में खून की कमी रहती है तो पालक का जूस रोज पीना चाहिए। चाहे तो इस जूस में दो चम्मच शहद मिलाकर इसे पी भी सकते है जिससे खून में तेज़ी से बढ़ाने में मदद करता है।
टमाटर का जूस : तेजी से खून बढ़ने के लिए रोज आपको टमाटर का जूस पीना चाहिए इसके अलावा टमाटर का सूप बनाकर भी पी सकते है चाहे तो सेब और टमाटर का जूस मिलाकर भी पी सकते है।
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