मधेपुरा विधानसभा (Madhepura Assembly) सीट बिहार की सबसे चर्चित सीटों में से एक है। यह सीट यादव राजनीति का गढ़ मानी जाती है और पिछले तीन चुनावों से यहां राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का दबदबा कायम है।
खासकर चंद्रशेखर (Chandra Shekhar) ने लगातार तीन बार यहां जीत हासिल कर सीट को आरजेडी का किला बना दिया है। अब सवाल है कि क्या 2025 में भी आरजेडी अपनी जीत की हैट्रिक को आगे बढ़ाकर चौथी बार कमाल करेगी या विपक्षी दल भाजपा (BJP) और जदयू (JDU) कोई बड़ा उलटफेर कर पाएंगे?
2010 का चुनाव: कांटे की टक्कर
- साल 2010 में मधुबनी सीट पर आरजेडी के समीर कुमार महासेठ और जेडीयू के हरेराम चौधरी के बीच कड़ा मुकाबला हुआ।
- समीर कुमार महासेठ (RJD) को मिले 38,721 वोट
- हरेराम चौधरी (JDU) को मिले 34,135 वोट
नोट .: इस चुनाव में समीर महासेठ ने 4,586 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की और अपनी पकड़ मजबूत की।
2015 का चुनाव: जीत का अंतर और बड़ा
- 2015 में इस सीट पर मुकाबला और दिलचस्प हुआ।
- समीर कुमार महासेठ (RJD) -68,089 वोट
- रितुराज (BJP) -55,182 वोट
नोट: इस बार आरजेडी प्रत्याशी ने 12,907 वोटों के अंतर से शानदार जीत दर्ज की। लगातार दूसरी जीत ने यह साबित कर दिया कि मधुबनी पर आरजेडी का दबदबा लगातार बढ़ रहा है।
2020 का चुनाव: त्रिकोणीय मुकाबला और फिर आरजेडी की जीत
- 2020 का चुनाव सबसे दिलचस्प रहा। मैदान में कई उम्मीदवार थे लेकिन असली लड़ाई आरजेडी और बीजेपी के बीच रही।
- समीर कुमार महासेठ (RJD)- 76,118 वोट
- निशिकांत झा (BJP) – 64,283 वोट
नोट: इस बार भी आरजेडी ने बाजी मारी और 11,835 वोटों से जीत दर्ज की। लगातार तीसरी जीत ने समीर कुमार महासेठ को मधुबनी का सबसे मजबूत चेहरा बना दिया।
बीते चुनावों की तस्वीर
- 2010 में जदयू के मजबूत कैंडिडेट को मात देकर चंद्रशेखर ने आरजेडी का झंडा गाड़ा।
- 2015 आते-आते जीत का अंतर 37 हजार से ज्यादा वोट तक पहुंच गया।
- 2020 में मुकाबला त्रिकोणीय हो गया- पप्पू यादव की एंट्री से समीकरण बिगड़े, लेकिन फिर भी चंद्रशेखर ने 15 हजार वोट से जीत कायम रखी।
मधेपुरा में आरजेडी बनाम बीजेपी का खेल
अगर पिछले चुनावों पर नजर डालें तो साफ है कि आरजेडी यहां लगातार जीत दर्ज कर रही है। लेकिन बीजेपी भी हार नहीं मान रही। हर बार वह नए चेहरे के साथ मैदान में उतरती है और आरजेडी को कड़ी चुनौती देती है। 2025 में भी यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या आरजेडी समीर कुमार महासेठ को ही उतारती है या कोई नया चेहरा लाती है। वहीं, बीजेपी भी किस पर भरोसा करती है, यह बड़ा सवाल है।
2025 का मुकाबला: क्या होगा नया सरप्राइज?
आरजेडी का वोट बैंक यहां अब तक मजबूत रहा है।
बीजेपी लगातार समीकरण साधने की कोशिश कर रही है।
तीसरे और चौथे दल भी मुकाबले को दिलचस्प बना सकते हैं।
आने वाले विधानसभा चुनाव में यह सीट फिर से बिहार की राजनीति की सुर्खियों में रहेगी।
मधेपुरा के मतदाता अब सिर्फ जातीय समीकरण नहीं, बल्कि बेरोजगारी, सड़क, शिक्षा और बाढ़ जैसे स्थानीय मुद्दों को भी तवज्जो दे रहे हैं।
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