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NCERT की बड़ी लापरवाही! बाजार में हो रहा नकली किताबों का कारोबार,बच्चों की पढ़ाई पर मंडरा रहा संकट….

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NCERT Books: स्कूलों में नया शैक्षणिक सत्र शुरू हो चुका है लेकिन बच्चों की पढ़ाई एक बार फिर मुश्किल में है। एनसीईआरटी की असली किताबों की कमी के कारण नकली किताबों का बाजार तेजी से फैल रहा है। हाल ही में पुलिस ने समयपुर बादली में एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो नकली किताबें तैयार कर स्कूलों और बाजारों में सप्लाई कर रहा था।

दैनिक जागरण तीन दिवसीय विशेष अभियान शुरू
इस गंभीर मुद्दे को देखते हुए दैनिक जागरण तीन दिवसीय विशेष अभियान शुरू कर रहा है। इस अभियान में हम बताएंगे कि एनसीईआरटी की किताबें बच्चों के लिए क्यों जरूरी हैं असली और नकली किताबों के बीच क्या फर्क होता है, और यह नकली किताबों का कारोबार कैसे बच्चों की शिक्षा को नुकसान पहुंचा रहा है। साथ ही जानेंगे कि इस बाजार का पूरा खेल कैसे चलता है और इसे रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए।

बच्चों को समय पर नहीं मिल पाती किताबें
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद कई सालों से सीबीएसई स्कूलों के लिए किताबें तैयार कर रही है। इतने सालों के अनुभव के बाद अब एनसीईआरटी को यह पता है कि किस कक्षा के लिए कितनी किताबें छापनी होती हैं। इसके बावजूद हर साल एक जैसी परेशानी सामने आती है और बच्चों को समय पर किताबें नहीं मिल पातीं। इससे उनकी पढ़ाई पर असर पड़ता है और स्कूलों को भी दिक्कत होती है।

10 गुना कीमत पर बेचते हैं किताबें
हर साल हालात ऐसे हो जाते हैं कि जब तक एनसीईआरटी की किताबें बाजार में आती हैं, तब तक आधा सत्र बीत चुका होता है और शिक्षक बच्चों को पुरानी किताबों से पढ़ा चुके होते हैं। इस मौके का फायदा निजी प्रकाशक उठाते हैं। वे समय पर किताबें छापकर छात्रों को 10 गुना कीमत पर बेचते हैं। अगर एनसीईआरटी समय पर किताबें छापकर सत्र शुरू होने से पहले बाजार और ऑनलाइन उपलब्ध कराए, तो बच्चों को इतनी परेशानी ना हो।

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