पंजाब के पूर्व डीजीपी (ह्यूमन राइट्स) मोहम्मद मुस्तफा के बेटे अकील अख्तर की संदिग्ध मौत का मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई है. अकील अख्तर के दाएं बाजू पर कोहनी के करीब 7 सेंटीमीटर नीचे सिरिंज का निशान मिला. शुरुआती पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इस बात का खुलासा तो हुआ है कि अकील ड्रग्स का आदि था. लेकिन वो किस तरह का ड्रग लेता था और क्या ये ड्रग इंजेक्शन के माध्यम से लिया जाता था, इस पर कुछ भी नहीं कहा गया है.
हालांकि, मेडिकल एक्सपर्ट्स का मानना है कि ड्रग एडिक्ट व्यक्ति आमतौर पर अपने बाएं बाजू में सिरिंज के माध्यम से ड्रग्स की डोज लेता है. क्योंकि ऐसा करना आसान होता है. लेकिन अकील के बाजुओं पर सीरिंज लगाने के कई निशान नहीं मिले हैं, जोकि आमतौर पर किसी भी ड्रग एडिक्ट व्यक्ति के बाजुओं पर दिखाई देते हैं. पोस्टमार्टम के दौरान दाएं बाजू पर एक सिंगल सिरिंज मार्क ही दिखाई दिया है. पोस्टमार्टम की शुरुआती रिपोर्ट के आधार पर हरियाणा पुलिस की SIT ने ACP विक्रम नेहरा की अगवाई में जांच शुरू कर दी है.
वहीं, दूसरी तरफ अकील के एक नए वीडियो ने भी केस में नया ट्विस्ट सामने लाकर रख दिया है. करीब 3 मिनट के इस नए वीडियो में अकील अख्तर परिवार पर लगाए सभी आरोपों को नकारता हुआ नजर आया. वीडियो में वह अपने पूरे परिवार की, खासकर अपनी बहन की तारीफ भी करता नजर आ रहा है. बोला- मैं उस वक्त क्या बोल रहा था मुझे कुछ पता नहीं. तभी इसे पागलपन कहते हैं शायद. उसने कहा है कि बीमारी के दौरान उसके परिवार ने उसकी बहुत अच्छे तरीके से देखभाल की. हालांकि वीडियो के अंत में अकील यह भी कहता है कि देखते हैं ये लोग मुझे जान से मरवाएंगे कि नहीं.
इससे पहले अकील अख्तर की मौत के सिलसिले में पंजाब के डीजीपी रह चुके मोहम्मद मुस्तफा के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. साथ ही अकील की मां, पत्नी और बहन पर भी FIR दर्ज है. यह तहरीर अकील के पड़ोसी ने दर्ज करवाई थी. इसे लेकर पूर्व डीजीपी ने भी मंगलवार को चुप्पी तोड़ी थी.
पूर्व डीजीपी ने क्या कहा मामले पर?
पूर्व डीजीपी ने कहा- हमारे परिवार पर जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वो पूरी तरह बेबुनियाद और मनगढ़ंत हैं, जिसने मुकदमा दर्ज कराया है, उस व्यक्ति का नाम शम्शुद्दीन चौधरी है, जिसे मैं जानता तक नहीं. उन्होंने आगे कहा कि शम्शुद्दीन पर करोड़ों रुपए के फ्रॉड के केस दर्ज हैं और वही व्यक्ति अब उन्हें और उनके परिवार को फंसाने की साजिश कर रहा है. वो मेरा रिश्तेदार होने का दावा कर रहा है, जबकि वो न मेरा रिश्तेदार है, न परिचित. वो मेरे घर से करीब ढाई किलोमीटर दूर रहता है और सिर्फ एक केस के सिलसिले में कभी मेरे पास आया था. अब वही व्यक्ति राजनीति और बदले की भावना से प्रेरित होकर झूठे आरोप लगवा रहा है. पुलिस की जांच में चंद दिनों बाद सबको सच और झूठ का पता लग जाएगा.
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