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इजरायल पर हमास के हमले की दूसरी बरसी, ईयू को युद्धविराम का भरोसा

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New Delhi, 7 अक्टूबर . इजरायल पर हमास के सरप्राइज अटैक की दूसरी बरसी पर यूरोपीय संघ ने नरसंहार के पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उम्मीद जताई कि क्षेत्र में जल्द स्थायी शांति स्थापित होगी.

ईयू आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने एक बयान में कहा, “हम 7 अक्टूबर (2023) को हुए हमास के हमलों की भयावहता और दो साल पहले निर्दोष पीड़ितों, उनके परिवारों और पूरे इजरायल के लोगों को हुए दर्द को कभी नहीं भूलेंगे.”

उन्होंने कहा, “हम शांति के लिए अथक प्रयास करते हुए उनके दुख के भागी हैं. सभी बंधकों की तत्काल रिहाई और युद्धविराम अब हमारे हाथ में है… इस क्षण का लाभ उठाकर क्षेत्र में दो- राज्य समाधान के आधार पर स्थायी शांति का मार्ग प्रशस्त किया जाना चाहिए.”

इटली की Prime Minister जियोर्जिया मेलोनी ने भी अपने भाव व्यक्त किए. उन्होंने कहा, “हजारों निहत्थे और निर्दोष इजरायली नागरिकों, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे का हमास आतंकवादियों ने नरसंहार किया था. उस कलंक को बीते दो साल हो चुके हैं. ये अकल्पनीय अपराध है जो 7 अक्टूबर को इतिहास के सबसे काले पन्नों में से एक बनाते हैं.”

उन्होंने आगे कहा, “हमास की हिंसा ने मध्य पूर्व में एक अभूतपूर्व संकट पैदा कर दिया है. इजरायल की सैन्य प्रतिक्रिया भी कल्पना से परे है, जिसने गाजा के बहुत से निर्दोषों की जान ले ली है. हमारा यह कर्तव्य है कि अमेरिकी President डोनाल्ड ट्रंप की शांति योजना को हम सफल बनाएं.”

ग्रीक Prime Minister किरियाकोस मित्सोतकिस ने भी एक्स पर लिखा, “आज हम आतंक के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देते हैं. हम नफरत और हिंसा के खिलाफ दृढ़ता से खड़े हैं. जैसे-जैसे (ट्रंप को टैग किया है) शांति योजना के तहत बातचीत आगे बढ़ रही है, हम सभी पक्षों से एक स्थायी युद्धविराम, सभी बंधकों की रिहाई और सभी के लिए शांति और सुरक्षित भविष्य की दिशा में साहस और संयम से काम लेने का आग्रह करते हैं.”

स्वीडन के Prime Minister उल्फ क्रिस्टर्सन ने दुख जताते हुए कहा कि 7 अक्टूबर के बाद स्वीडन में रहने वाले यहूदियों ने माना है कि वे अपने ही देश में असुरक्षित महसूस करते हैं.

उन्होंने आगे कहा, “मेरा संदेश है: स्वीडन में यहूदी-विरोध के लिए कोई जगह नहीं है. स्वीडन में यहूदियों को गर्व से डेविड स्टार पहनने, प्रार्थना स्थल जाने और अपने बच्चों को यहूदी स्कूलों में छोड़ने का अधिकार होना चाहिए. सभी स्वीडिश यहूदियों को पता होना चाहिए कि हम आपके साथ हैं.”

केआर/

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