टोंक, 14 अप्रैल . कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और टोंक से विधायक सचिन पायलट ने सोमवार को अंबेडकर जयंती के अवसर पर टोंक दौरे के दौरान केंद्र और राजस्थान की भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला.
पायलट ने कृषि ऑडिटोरियम में एक पुस्तक विमोचन समारोह में हिस्सा लिया और कांग्रेस के बूथ स्तरीय कार्यकर्ताओं के कार्यक्रम को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने संविधान की भावना को नजरअंदाज करने, संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने और वक्फ कानून जैसे मुद्दों पर केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाए.
पायलट ने कहा कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर द्वारा रचित संविधान आज पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक है. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार संविधान की मूल भावना के अनुरूप काम नहीं कर रही.
सचिन पायलट ने कहा, “आज अंबेडकर जयंती पर हम बाबा साहेब को याद करते हैं, लेकिन उनकी मूर्तियों पर माला चढ़ाने के बजाय हमें उनके बनाए संविधान की रक्षा करनी चाहिए. केंद्र और राज्य सरकारें संवैधानिक संस्थाओं को खोखला करने का काम कर रही हैं.”
सचिन पायलट ने अंबेडकर जयंती को संविधान के सम्मान का दिन बताते हुए कहा कि हर भारतीय का कर्तव्य है कि वह संविधान की भावना को बनाए रखे. उन्होंने कार्यकर्ताओं से बाबा साहेब के दिखाए रास्ते पर चलने और सामाजिक न्याय के लिए काम करने की अपील की. इस दौरान स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पायलट का गर्मजोशी से स्वागत किया.
उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर तंज कसा. पायलट ने कहा, “वसुंधरा राजे की चिट्ठियां सामने आ रही हैं, जो सरकार की पोल खोल रही हैं. अगर उनकी बात इतनी सुनी जाती है, तो उन्हें प्रदेश के अन्य संभागों का दौरा करना चाहिए, ताकि जनता को राहत मिले.”
उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार को हर मोर्चे पर विफल करार देते हुए कहा कि जनता अब इनके असल चेहरे को पहचान चुकी है.
वक्फ कानून को लेकर पश्चिम बंगाल में हुए हिंसक प्रदर्शनों पर पायलट ने कहा, “लोकतंत्र में हिंसा की कोई जगह नहीं है. हमने हमेशा हिंसा का विरोध किया है. लेकिन केंद्र सरकार की मंशा भी इस मामले में साफ नहीं दिखती.”
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने वक्फ कानून को संख्या बल के आधार पर पारित करवाया, जिसका मकसद देश की ज्वलंत समस्याओं से ध्यान भटकाना है. पायलट ने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर न्यायपालिका का रुख करेगी और जनता के हितों की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रखेगी.
पायलट ने आगे कहा, “मुझे पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी, मैं उसे पूरी निष्ठा से निभाऊंगा. नेतृत्व तय करता है कि किसे क्या भूमिका दी जाए. हमारे कार्यकर्ता और नेता एकजुट होकर जनता के बीच जाएं और उनकी समस्याओं को उठाने का काम करें.”
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एकेएस/
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