Next Story
Newszop

भारत की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री का राजस्व 2030 तक दोगुना होकर 108 बिलियन डॉलर हो सकता है: रिपोर्ट

Send Push

नई दिल्ली, 13 अप्रैल वित्तीय सेवा फर्म यूबीएस की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री का राजस्व 2025 से 2030 के बीच 54 बिलियन डॉलर से दोगुना होकर 108 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है.

रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई है कि अमेरिका-चीन टैरिफ युद्ध के बीच भारत को लाभ होगा और दूसरी तरफ चीनी अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा. इसके साथ ही, भारत, आपूर्ति श्रृंखला स्थापित करने की इच्छुक वैश्विक दिग्गज कंपनियों के लिए एक मजबूत विकल्प के रूप में उभरेगा.

रिपोर्ट में बताया गया कि भारत में सेमीकंडक्टर के बाजार में मजबूत वृद्धि होगी और स्थानीयकरण एक बड़ा अवसर है.

यूबीएस ने कहा कि भारतीय सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के लिए 15 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) का अनुमान वैश्विक सेमीकंडक्टर एंड मार्केट के लिए हमारे पूर्वानुमान से अधिक है, जिसका श्रेय भारत की अनुकूल जनसांख्यिकी को जाता है, जिसके कारण इलेक्ट्रॉनिक्स की मांग मजबूत बनी हुई और एडवांस सेमीकंडक्टर्स को तेजी से अपनाया जा रहा है. साथ ही सरकारी नीति भी अनुकूल हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक वेफर क्षमता में भारत की हिस्सेदारी केवल 0.1 प्रतिशत है. वहीं, देश की वार्षिक उपकरण व्यय में लगभग 1 प्रतिशत और सेमीकंडक्टर की मांग में 6.5 प्रतिशत की हिस्सेदारी है.

रिपोर्ट के अनुसार, प्रमुख तकनीकी कंपनियां अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा शुरू की गई टैरिफ अनिश्चितताओं के बीच अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं के स्थानांतरण का मूल्यांकन कर रही हैं

रिपोर्ट में बताया गया है कि कुछ कंपनियों ने चीन से परे अपनी अंतिम असेंबली स्थानों में विविधता लाकर अपनी “चीन प्लस वन” रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है. इससे भारत को बड़ा लाभ हो सकता है, क्योंकि वैश्विक कंपनियां चीन के मुकाबले भारत को एक विकल्प के रूप में देख रही हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत वैश्विक सेमीकंडक्टर के लिए एक बड़ा बाजार है, जिसका राजस्व 2025 में 54 बिलियन डॉलर रहने का अनुमान है.

एबीएस/

The post first appeared on .

Loving Newspoint? Download the app now