चंडीगढ़, 10 अक्टूबर . Haryana के आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार के सुसाइड मामले में विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया गया है. टीम का नेतृत्व चंडीगढ़ के आईजी पुष्पेंद्र कुमार करेंगे. इनके अलावा पांच आईपीएस और सीपीएस अधिकारियों को टीम में शामिल किया गया है.
एसआईटी में शामिल अन्य सदस्यों में चंडीगढ़ की एसएसपी कंवरदीप सिंह, एसपी सिटी केएम प्रियंका, डीएसपी (ट्रैफिक) चरणजीत सिंह विर्क, एसडीपीओ (साउथ) गुरजीत कौर और एसएचओ (पश्चिम) जयवीर सिंह राणा शामिल हैं. चंडीगढ़ के Police महानिदेशक (डीजीपी) सागर प्रीत ने Friday को एसआईटी गठन के संबंध में आदेश जारी किया.
आदेश में कहा गया, “First Information Report संख्या 156/2025, धारा 108/3(5) बीएनएस और 3(1)(आर) एससी/एसटी (पीओए) अधिनियम, 2013 के तहत Police स्टेशन सेक्टर-11 (पश्चिम), चंडीगढ़ में आरोपों की गंभीरता और संवेदनशीलता को देखते हुए आईजीपी, चंडीगढ़ की देखरेख में मामले की त्वरित, निष्पक्ष और गहन जांच करने के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का तत्काल प्रभाव से गठन किया जाता है.”
आदेश के अनुसार, एसआईटी मामले में सभी पहलुओं की समयबद्ध तरीके से जांच करेगी, जिसमें साक्ष्य जुटाना, गवाहों से पूछताछ, विशेषज्ञों की राय और कानूनी सलाह जैसे विषय शामिल हैं. जांच पूरी होने पर एसआईटी अंतिम रिपोर्ट तैयार करेगी. आदेश में यह भी बताया गया है कि एसआईटी जरूरत के अनुसार अन्य अधिकारियों और विशेषज्ञों को भी शामिल कर सकती है.
2001 बैच के आईपीएस अधिकारी, Police महानिरीक्षक (आईजीपी) वाई पूरन कुमार चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर मृत पाए गए थे. चंडीगढ़ Police के अनुसार, उन्होंने अपनी सर्विस पिस्टल से खुद को गोली मारी और मौके पर ही उनकी मौत हो गई. अधिकारी ने 9 पन्नों का एक ‘सुसाइड नोट’ छोड़ा, जिसमें 15 सेवारत और पूर्व अधिकारियों के नाम हैं.
चंडीगढ़ Police ने उनके ‘सुसाइड नोट’ में नामजद लोगों के खिलाफ सेक्टर 11 Police स्टेशन में First Information Report दर्ज की.
फिलहाल, इस मामले पर राजनीति जारी है. कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा ने कहा, “अगर उन्हें न्याय नहीं मिला, तो आप कल्पना कर सकते हैं कि भाजपा Government के तहत किसे न्याय मिलेगा. एक अधिकारी, जिसने बार-बार न्याय मांगा, लेकिन उसे इनकार कर दिया गया.”
Friday को आम आदमी पार्टी के सांसद मालविंदर सिंह कंग चंडीगढ़ में परिवार से मिलने पहुंचे. उन्होंने कहा, “यह मौत अपने आप में कई सवाल खड़े करती है.”
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डीसीएच/एबीएम
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