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उत्तर प्रदेश: छात्रवृत्ति से वंचित नहीं रहेगा प्रदेश का कोई भी छात्रः सीएम योगी आदित्यनाथ

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Lucknow, 17 अक्टूबर . उत्तर प्रदेश के Chief Minister योगी आदित्यनाथ ने दीपावली के ठीक पहले प्रदेश के छात्र-छात्राओं को बड़ी सौगात देते हुए दशमोत्तर एवं पूर्वदशम छात्रवृत्ति वितरण कार्यक्रम के अंतर्गत एक साथ 10 लाख 28 हजार 205 विद्यार्थियों को 300 करोड़ रुपए की छात्रवृत्ति राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके बैंक खातों में प्रेषित की.

इस अवसर पर Chief Minister ने कहा कि यह कार्यक्रम प्रदेश के होनहार विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने और उनकी शिक्षा में किसी प्रकार की बाधा न आने देने के संकल्प के साथ आयोजित किया गया है. यह डबल इंजन Government द्वारा Prime Minister Narendra Modi के नेतृत्व में चलाए जा रहे शिक्षा-सशक्तिकरण अभियान की एक नई कड़ी है.

उन्होंने कहा कि इससे पहले भी विजयादशमी के अवसर पर बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति दी गई थी. पहले छात्रवृत्ति वितरण प्रक्रिया में भेदभाव, विलंब और भ्रष्टाचार जैसी समस्याएं आम थीं, लेकिन Prime Minister मोदी के नेतृत्व में टेक्नोलॉजी आधारित डीबीटी प्रणाली लागू होने से अब पात्र छात्रों के खाते में राशि सीधे पहुंच रही है.

Chief Minister ने कहा कि अब छात्रवृत्ति वर्ष में एक बार नहीं बल्कि दो चरणों में (अक्टूबर और जनवरी में) दी जाएगी, ताकि छात्रों को समय पर सहायता मिले. उन्होंने बताया कि वर्ष 2016-17 तक जहां केवल 8.64 लाख विद्यार्थी छात्रवृत्ति से लाभान्वित होते थे, वहीं अब यह संख्या 62 लाख तक पहुंच गई है. उन्होंने बताया कि इस अवसर पर अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के 3 लाख 56 हजार से अधिक विद्यार्थियों को 114 करोड़ 92 लाख रुपए, सामान्य वर्ग के 97 हजार से अधिक छात्रों को 29 करोड़ 18 लाख रुपए, अन्य पिछड़ा वर्ग के 4 लाख 83 हजार से अधिक विद्यार्थियों को 126 करोड़ 69 लाख रुपए और अल्पसंख्यक वर्ग के 90 हजार 758 विद्यार्थियों को 27 करोड़ 16 लाख रुपए की राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके खातों में भेजी गई है.

उन्होंने कहा कि Government की मंशा एकदम स्पष्ट है, जैसा कि Prime Minister मोदी कहते हैं, ‘पारदर्शिता ही सुशासन की पहचान है.’ डीबीटी प्रणाली इसी पारदर्शिता का सशक्त उदाहरण है. Chief Minister ने कहा कि Government ने यह सुनिश्चित किया है कि कोई भी पात्र छात्र छात्रवृत्ति से वंचित न रहे. गत वर्ष जिन विद्यार्थियों को संस्थानों की लापरवाही या पोर्टल की त्रुटियों के कारण छात्रवृत्ति नहीं मिल पाई थी, उनके लिए पोर्टल को पुनः सक्रिय किया गया है. जैसे ही डेटा एंट्री पूरी होगी, एक विशेष समारोह में उन्हें भी डीबीटी के माध्यम से राशि दी जाएगी.

उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य स्पष्ट है कि प्रदेश का कोई भी बच्चा शिक्षा के अधिकार से वंचित न रहे, हर छात्र अपने सपनों की उड़ान भर सके. Chief Minister ने अपने संबोधन में India रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर का उल्लेख करते हुए कहा कि बाबा साहब ने कहा था कि ‘पढ़-लिखकर ही हम स्वावलंबी बन सकते हैं और समाज के लिए कुछ कर सकते हैं.’

उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि कठिन परिस्थितियों में भी बाबा साहब ने शिक्षा के बल पर अपनी राह बनाई. आज हमारे पास संसाधनों की कमी नहीं है, आवश्यकता है मेहनत, अनुशासन और लगन की. Chief Minister ने बताया कि पिछले आठ वर्षों में 4 करोड़ 27 लाख से अधिक विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का लाभ दिया गया है. 2016-17 से पहले की Governmentों ने अनुसूचित जाति और जनजाति छात्रों की छात्रवृत्ति रोक दी थी, लेकिन हमारी Government ने न केवल वह राशि जारी की बल्कि दो वर्षों की छात्रवृत्ति एक साथ दी.

उन्होंने कहा कि हमारा स्पष्ट संकल्प है कि किसी भी विद्यार्थी के साथ भेदभाव नहीं होगा. ईमानदारी, पारदर्शिता और समान अवसर हमारी Government की प्राथमिकता है. Chief Minister ने कहा कि Prime Minister मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश में शिक्षा-सशक्तिकरण के लिए कई नई पहलें की गई हैं. अटल आवासीय विद्यालय के माध्यम से सभी 18 कमिश्नरी में विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं, जहां श्रमिक परिवारों के बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा, आवास और भोजन की सुविधा मिल रही है. आश्रम पद्धति विद्यालय के अंतर्गत अनुसूचित जाति वर्ग के छात्रों के लिए उत्कृष्ट शिक्षा, आवास और भोजन की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है.

Chief Minister ने बताया कि समाज कल्याण विभाग के माध्यम से प्रदेश के 1 करोड़ 5 लाख परिवारों को ₹12,000 वार्षिक पेंशन डीबीटी के जरिए दी जा रही है. पहले 300 रुपए मासिक पेंशन छह महीने में दी जाती थी, जिसमें बिचौलिये हिस्सा खा जाते थे. हमारी Government ने इसे बढ़ाकर अब 1,000 रुपए प्रति माह किया है. उन्होंने बताया कि Chief Minister सामूहिक विवाह योजना के तहत अब तक 4 लाख से अधिक बेटियों के विवाह कराए जा चुके हैं. प्रत्येक विवाह हेतु 1 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाती है.

विकेटी/डीकेपी

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