New Delhi, 15 अगस्त . भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले की प्राचीर से देश को संबोधित किया. अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार ऐसा ईको सिस्टम विकसित करना चाहती है कि स्पोर्ट्स से जुड़े हर तरह के साधन बनाए जा सकें.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “एक जमाना था, जब बच्चे खेल में मन लगाते थे तो मां-बाप इसे पसंद नहीं करते थे. अब इसका ठीक उलटा हो गया है. आज बच्चे खेल कूद में आगे बढ़ते हैं, तो मां-बाप गर्व करते हैं. मैं इसे शुभ संकेत मानता हूं. देश के परिवार के अंदर खेल को प्रोत्साहन देने के वातावरण को देख मेरा मन गर्व से भर जाता है. यह देश के भविष्य के लिए शुभ संकेत है.”
पीएम मोदी ने कहा, “खेल को बढ़ावा देने के लिए हम नेशनल स्पोर्ट्स पॉलिसी और ‘खेलो भारत नीति’ लाए हैं. हमारा प्रयास खेल क्षेत्र के समग्र विकास का है. स्कूल से लेकर ओलंपिक तक हम खेल का एक पूरा ईकोसिस्टम तैयार करना चाहते हैं, जहां कोचिंग, फिटनेस की व्यवस्था हो, और खेल से जुड़े आवश्यक साधन हों. लघु-उद्योग को भी हम खेल संसाधन बनाने में मदद कर रहे हैं. हम ऐसा ईकोसिस्टम बनाना चाहते हैं, जिसकी पहुंच देश के गांव-गांव तक हो.”
बता दें, खेलो भारत नीति 2025 का उद्देश्य देश के खेल परिदृश्य को नया रूप देना और खेलों के माध्यम से नागरिकों को सशक्त बनाना है. यह पहल जमीनी स्तर से लेकर उच्च स्तर तक खेल कार्यक्रमों को मजबूत करने पर केंद्रित है. इसके तहत प्रतिभाओं की पहचान, प्रतिस्पर्धी लीग और प्रतियोगिताओं को बढ़ावा देने और ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए तंत्र का विकास करना शामिल है. इस नीति के तहत राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) की क्षमता और संचालन को बढ़ाते हुए प्रशिक्षण, कोचिंग और समग्र खिलाड़ियों के लिए विश्व स्तरीय प्रणाली विकसित करना भी शामिल है.
सरकार इस नीति के माध्यम से महिलाओं, हाशिए पर पड़े समूहों, जनजातीय समुदायों और विकलांग लोगों की खेल में भागीदारी को बढ़ावा देते हुए उन्हें सशक्त बनाना चाहती है. साथ ही खेल को एक करियर के रूप में भी स्थापित करना चाहती है. सरकार इस नीति के माध्यम से जनता के बीच स्वास्थ्य को एक आंदोलन के रूप में बदलना चाहती है.
खेलो भारत नीति का एक लक्ष्य 2036 ओलंपिक में उत्कृष्टता को एक रणनीतिक योजना के साथ भारत को वैश्विक खेल महाशक्ति के रूप में स्थापित करना और संभवतः उनकी मेजबानी के लिए मामला तैयार करना है.
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पीएके/केआर
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