तिरुपति, 14 सितंबर . Lok Sabha अध्यक्ष ओम बिरला ने Sunday को तिरुपति में महिला सशक्तिकरण पर संसदीय और विधायी समितियों के पहले राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि भारतीय नारी केवल लाभार्थी नहीं, बल्कि राष्ट्र की वास्तविक शिल्पकार हैं. वे समाज की चेतना, संस्कृति की संरक्षक और विकास की धुरी हैं.
ओम बिरला ने कहा कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम महिलाओं के Political सशक्तिकरण के लिए एक बड़ा संवैधानिक परिवर्तन है. हमारी संसद के नए भवन में पारित यह पहला विधेयक रहा, जिसने महिला नेतृत्व की दिशा में उल्लेखनीय योगदान दिया है.
उन्होंने कहा कि संविधान सभा में द्रौपदी देवी, हंसा मेहता, दुर्गाबाई देशमुख जैसी महिलाओं ने अपने विचारों और संघर्ष से लोकतंत्र की जड़ों को मजबूती दी. आज वही परंपरा आगे बढ़ाते हुए नारी शक्ति वंदन अधिनियम महिलाओं को शासन व्यवस्था में निर्णायक भागीदारी प्रदान कर हमारे लोकतंत्र को और अधिक समतामूलक बना रहा है.
Lok Sabha अध्यक्ष ने कहा कि महिला सशक्तिकरण कोई क्षणिक प्रयास नहीं, बल्कि यह सतत यात्रा है, जिसका उद्देश्य प्रत्येक महिला को गरिमा, अवसर और स्वावलंबन देना है. ‘विकसित India के लिए महिला-नेतृत्व वाला विकास’ केवल एक नारा नहीं, बल्कि राष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य का संकल्प है.
India की नारी शक्ति स्व-सहायता समूहों से लेकर अंतरिक्ष अनुसंधान तक हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रही है और राष्ट्र निर्माण की नई राह प्रशस्त कर रही है. वास्तव में नारी सशक्तिकरण ही राष्ट्र सशक्तिकरण है.
इस दौरान राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण, आंध्र प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष अय्याना पत्रुडु, उपाध्यक्ष रघुराम कृष्णम राजू, Lok Sabha महिला समिति की अध्यक्ष दग्गुबाती पुरंदेश्वरी और राज्य/केंद्र शासित प्रदेश विधानमंडलों में महिलाओं के सशक्तिकरण पर समितियों के अध्यक्ष उपस्थित रहे.
इससे पहले Lok Sabha अध्यक्ष ओम बिरला ने Sunday को आंध्र प्रदेश के तिरुपति जिले के तिरुमाला स्थित श्री वेंकटेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना की.
ओम बिरला Saturday शाम तिरुमला पहुंचे और श्रीकृष्ण विश्राम गृह में रात्रि विश्राम किया. तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के अध्यक्ष बीआर नायडू और अन्य अधिकारियों ने ओम बिरला का स्वागत किया.
दर्शन के बाद ओम बिरला ने रंगनायकुला मंडपम में पुजारियों से वैदिक आशीर्वाद लिया. टीटीडी के अध्यक्ष ने ओम बिरला को एक पवित्र शॉल (शेष वस्त्रम) से सम्मानित किया और उन्हें प्रसादम और पवित्र जल भेंट किया. इस दौरान मंदिर परिसर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी मौजूद रहे.
ओम बिरला ने सदियों पुराने मंदिर के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हुए कहा कि तिरुमाला के दर्शन और भगवान वेंकटेश्वर की पूजा-अर्चना करना एक गहन आध्यात्मिक अनुभव था.
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एकेएस/वीसी
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