Mumbai , 4 सितंबर . Prime Minister Narendra Modi पर अमर्यादित शब्दों के इस्तेमाल को लेकर बिहार में पांच घंटे का बंद बुलाया गया. इस पर शिवसेना प्रवक्ता संजय निरुपम ने कांग्रेस और राजद पर तीखा प्रहार किया.
शिवसेना प्रवक्ता संजय निरुपम ने से खास बातचीत में कहा कि बिहार चुनाव का रुझान लगभग तय है, लेकिन कांग्रेस अभी भी स्थिति नहीं समझ पाई, जबकि तेजस्वी यादव को इसका एहसास हो गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने तेजस्वी यादव के सही दिशा में चल रहे चुनाव को बिगाड़ दिया. कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा Prime Minister मोदी को अपशब्द कहना बिहार की महिलाओं को आहत करने वाला कदम था, जिसके कारण बिहार में पांच घंटे का बंद रहा. निरुपम ने कहा कि बिहार का समाज सभ्य और सुसंस्कृत है, जो ऐसी भाषा स्वीकार नहीं करता. अंततः यह गलती कांग्रेस और राजद की साबित हुई है, जिससे चुनाव एनडीए के पक्ष में दिख रहा है.
निरुपम ने मराठा आंदोलन को लेकर कहा कि मराठा समाज को आरक्षण मिलना चाहिए. उन्होंने बताया कि मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मनोज जरांगे पाटिल अपने समाज के प्रतिनिधियों के साथ Mumbai आए और आमरण उपवास पर बैठ गए थे. सरकार ने उनकी आठ में से छह मांगों को मान लिया, जिसमें मुख्य मांग थी कि हैदराबाद निजाम के गजेटियर को लागू किया जाए, क्योंकि उसमें मराठा समाज के बारे में उल्लेख है कि वे ओबीसी कैटेगरी में आ सकते हैं. सरकार ने यह गजेटियर लागू करते हुए लगभग 8 लाख मराठा युवकों को ओबीसी का प्रमाणपत्र भी दे दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने ध्यान रखा है कि ओबीसी समाज के आरक्षण को किसी तरह का नुकसान न पहुंचे और मराठा समाज के युवाओं को भी शिक्षा में पर्याप्त कोटा मिले ताकि वे अपने जीवन में आगे बढ़ सकें और प्रगति कर सकें.
शिवसेना प्रवक्ता संजय निरुपम ने जीएसटी में किए गए सुधार का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि 2017 में जीएसटी लागू होना एक नई व्यवस्था थी और शुरुआत में उसमें खामियां स्वाभाविक थीं. अब आठ साल बाद Prime Minister Narendra Modi की सरकार ने सुधार कर जीएसटी को सरल बनाया है और इसे दो स्लैब पांच प्रतिशत और 18 प्रतिशत में सीमित किया है. उन्होंने कहा कि यह बदलाव व्यापारियों, छोटे और मध्यम वर्ग के लिए राहत देने वाला है. निरुपम ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि जो पार्टी पहले जीएसटी सुधार की मांग करती थी, अब उसी का विरोध कर रही है. उन्होंने इसे जनता के हित में बड़ा कदम बताया. कांग्रेस की मांग थी कि जीएसटी व्यवस्था में सुधार होना चाहिए, अब सुधार का विरोध कर रहे हैं. कई विपक्षी लोगों का कहना है कि यह सुधार हमारे कहने पर किया गया. कांग्रेस को अपने दोहरेपन से बाज आना चाहिए और सुधार का स्वागत करना चाहिए.
निरुपम ने इसे किसी एक नेता की नहीं बल्कि लोकतंत्र की जीत बताया. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र तभी मजबूत होता है जब सरकार और विपक्ष समाजहित के मुद्दों पर मिलकर काम करें और जनता की आवाज को महत्व दें. यही लोकतांत्रिक व्यवस्था की असली पहचान है.
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एएसएच/डीएससी
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