New Delhi, 2 नवंबर . भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने Sunday को सबसे भारी उपग्रह सीएमएस-03 का सफल प्रक्षेपण किया. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफलता को लेकर इसरो को बधाई दी.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने social media प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर इसरो को सीएमएस-03 के सफल प्रक्षेपण पर बधाई दी.
उन्होंने social media प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “India के सबसे उन्नत संचार उपग्रह सीएमएस-03 के सफल प्रक्षेपण पर इसरो को बधाई. यह हमारे देश की आत्मनिर्भरता और अत्याधुनिक नवाचार की भावना का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है. तकनीकी उत्कृष्टता के लिए इसरो की निरंतर खोज India को गौरवान्वित करती है.”
इससे पहले Prime Minister Narendra Modi ने भी सफल प्रक्षेपण पर इसरो को बधाई दी. उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, “हमारा अंतरिक्ष क्षेत्र हमें निरंतर गौरवान्वित करता है. India के सबसे भारी संचार उपग्रह सीएमएस-03 के सफल प्रक्षेपण पर इसरो को बधाई. हमारे अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की बदौलत हमारा अंतरिक्ष क्षेत्र उत्कृष्टता और नवाचार का पर्याय बन गया है, यह सराहनीय है. उनकी सफलताओं ने राष्ट्रीय प्रगति को आगे बढ़ाया है और अनगिनत लोगों को सशक्त बनाया है.”
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने Sunday को भारतीय नौसेना के जीएसएटी-7आर (सीएमएस-03) संचार उपग्रह का पृथक्करण और प्रक्षेपण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया, जिससे नौसेना की अंतरिक्ष-आधारित संचार और समुद्री क्षेत्र जागरूकता क्षमताओं को बल मिलेगा.
यह उपग्रह, जो भारतीय नौसेना का अब तक का सबसे उन्नत संचार उपग्रह है और एलवीएम3-ए5 रॉकेट पर प्रक्षेपित किया गया, आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से निर्धारित समय शाम 5.26 बजे प्रक्षेपित किया गया.
इसरो ने अपने मिशन के बारे में एक अपडेट में बताया, ”सीएमएस-03 सफलतापूर्वक पृथक हुआ. उत्तम प्रक्षेपण.”
इसरो प्रमुख वी. नारायणन के अनुसार, जीएसएलवी लॉन्चर की क्षमता लगभग 4,000 किलोग्राम जीटीओ तक ले जाने की है और पहली बार हमने 4,410 किलोग्राम भार को दीर्घवृत्तीय कक्षा में पहुंचाया है. इसने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है और यह एलबीएम-3 यान का आठवां प्रक्षेपण है. एलबीएम-3 यान के सभी प्रक्षेपण इसरो द्वारा सफलतापूर्वक किए गए हैं और यह 100 प्रतिशत विश्वसनीय यान है. यही यान हमारे गगनयात्री-2 को अंतरिक्ष में ले जाने के लिए भी निर्धारित है.
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एससीएच/एबीएम
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