New Delhi, 2 अक्टूबर . कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी ने Thursday को संघ प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कहा कि नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों में जो हिंसक प्रदर्शन हुए हैं, वे India के लिए चिंताजनक हैं. विजयादशमी पर कांग्रेस नेता ने कहा कि भगवान विष्णु के अंतिम अवतार कल्कि को जल्दी आना चाहिए ताकि धर्म की विजय हो और झूठे धार्मिक लोगों का अंत हो.
राशिद अल्वी ने से बातचीत में कहा, “मैं समझता हूं कि मोहन भागवत ने किसी हद तक ठीक बात कही है. जब देश के चारों तरफ इस तरीके के हालात हों तो हमें और सबसे ज्यादा India Government को चौकन्ना रहने की जरूरत है. मुझे लगता है कि आरएसएस के मुखिया ने यह कहकर India Government को चेतावनी दी है और उन्हें समझाने की कोशिश की है कि सीधे रास्ते पर चलो. ऐसा न हो कि India के अंदर भी नेपाल और बांग्लादेश को दोहराया जाए.”
भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने President को पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने पहले सरसंघचालक केशव बलिराम हेडगेवार को India रत्न देने की मांग की. इस मुद्दे पर राशिद अल्वी ने कहा कि यह आरएसएस और भाजपा को खुश करने के लिए कहा गया होगा.
उन्होंने India रत्न के मानदंड पर सवाल उठाए और कहा कि क्या ऐसे लोगों को India भारतरत्न दिया जा सकता है जो ब्रिटिश Government के साथ थे और देश की आजादी की लड़ाई में शामिल नहीं थे? आरएसएस का 25 साल का इतिहास बताता है कि वे ब्रिटिश Government के साथ थे और 1942 के आंदोलन में जब महात्मा गांधी और बाकी नेता जेल में थे, तब आरएसएस अंग्रेजों का समर्थन कर रहा था. अगर ऐसे लोगों को India रत्न मिलता है तो स्वतंत्रता सेनानियों की बेइज्जती होगी.
आज देशभर में विजयदशमी का पर्व मनाया जा रहा है. आज के समय में अगर रावण को परिभाषित किया जाए तो वह कौन होगा? इस सवाल पर राशिद अल्वी ने कहा कि हम कलयुग में जी रहे हैं, जहां धार्मिक लोग धार्मिक नहीं माने जाते और अधर्मी खुद को धर्म का प्रचारक बताते हैं. आज India समेत दुनिया में रावणों की संख्या बहुत अधिक हो गई है. हर जगह नए-नए रावण पैदा हो रहे हैं. उन्होंने पहलगाम में हालिया घटनाओं का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां जिन्होंने हिंसा की, वे भी रावण ही थे. कांग्रेस नेता ने कहा कि वे भगवान विष्णु के अंतिम अवतार कल्कि के जल्द आने की उम्मीद करते हैं, ताकि धर्म की विजय हो और झूठे धार्मिक लोगों का अंत हो.
सुप्रिया श्रीनेत ने एक्स पर लिखा था कि विनायक दामोदर सावरकर ब्रिटिश Government के सच्चे नौकर थे. इस विषय पर राशिद अल्वी ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि सावरकर महीने में 60 रुपए की तनख्वाह ब्रिटिश Government से लेते थे. उन्होंने खुद लिखित में ब्रिटिश Government को आश्वासन दिया था कि जेल से छूटने के बाद वे उनकी मदद करेंगे. यह डॉक्यूमेंटरी प्रूफ है, जिसे कोई नकार नहीं सकता.
सावरकर ब्रिटिश Government के सहयोगी थे और उनका नाम महात्मा गांधी की हत्या में भी संदिग्धों में आता है. हालांकि अदालत ने सबूतों के अभाव में उन्हें बरी कर दिया था पर बाद में बने कपूर कमीशन की रिपोर्ट में कहा गया कि उनके संदेह की परिधि से उन्हें बाहर नहीं रखा जा सकता.
बिहार में चुनाव के दौरान राहुल गांधी के विदेश दौरे को लेकर राशिद अल्वी ने कहा कि राहुल गांधी पर भारतीय जनता पार्टी अक्सर सवाल उठाती है, लेकिन उनकी ‘वोटर अधिकार यात्रा’ का फायदा कांग्रेस और उसके गठबंधन को हुआ है. अभी बिहार चुनाव का आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है, इसलिए सारी जिम्मेदारी राहुल गांधी पर डालना ठीक नहीं है. वे बहुत मेहनत करते हैं और विदेश जाना चुनाव से संबंधित नहीं है. उन्होंने सवाल किया कि भाजपा के कितने नेता बिहार में जाकर काम कर रहे हैं? भाजपा को राहुल गांधी पर आरोप लगाने से पहले अपने कार्यकर्ताओं की सूची साफ करनी चाहिए.
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वीकेयू/वीसी
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