चेन्नई, 29 मई . तमिल फिल्मों के मशहूर और अनुभवी अभिनेता राजेश का गुरुवार को निधन हो गया. उन्होंने 75 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. उन्होंने 150 से ज्यादा फिल्मों में काम किया था. वह अपने दमदार किरदार और बेहतरीन अभिनय के लिए पसंद किए जाते थे.
राजेश का निधन चेन्नई के रामापुरम इलाके में उनके आवास पर हुआ. उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए वहीं रखा गया है.
उनके परिवार में अब उनकी बेटी दिव्या और बेटा दीपक हैं. उनकी पत्नी जोन सिल्विया का पहले ही निधन हो चुका है.
राजेश का जन्म 20 दिसंबर 1949 को तमिलनाडु के तिरुवरूर जिले के मन्नारगुडी में हुआ था. उन्होंने अपना करियर एक स्कूल टीचर के तौर पर शुरू किया था. लेकिन अभिनय के प्रति अधिक झुकाव होने के कारण उन्होंने टीचर की नौकरी छोड़ दी और फिल्मों में काम करना शुरू किया. यही फैसला उनकी सफल और यादगार फिल्मी जिंदगी की शुरुआत बना.
उनकी पहली तमिल फिल्म ‘अवल ओरु थोडरकथै’ थी, जो 1974 में रिलीज हुई थी. इस फिल्म को मशहूर निर्देशक के. बालाचंदर ने बनाया था, जिसे काफी सराहा गया. इसके बाद उन्हें 1979 में रिलीज हुई ‘कन्नी परुवथिले’ फिल्म में लीड हीरो का रोल करने का मौका मिला. इस फिल्म को राजकन्नू ने प्रोड्यूस किया था.
समय के साथ-साथ राजेश आगे बढ़ते रहे और उन्होंने तमिल ही नहीं, बल्कि मलयालम, तेलुगू और दूसरी दक्षिण भारतीय भाषाओं की फिल्मों में भी काम किया. इस तरह वे दक्षिण भारत की फिल्मों में लोकप्रिय अभिनेता बन गए.
राजेश के अभिनय ने दर्शकों पर अलग छाप छोड़ी. उन्होंने कभी हीरो तो कभी सहयोगी कलाकार का किरदार निभाया और दर्शकों के दिलों में जगह बनाई.
अभिनय के अलावा, राजेश एक अच्छे डबिंग कलाकार भी थे. उन्होंने कई बड़ी फिल्मों और प्रोजेक्ट्स में अपनी आवाज दी. उनकी अलग तरह की आवाज ने कई किरदारों को और भी खास बना दिया.
–
पीके/केआर
The post first appeared on .
You may also like
Crude oil : सरकार ने महंगाई रोकने के लिए कच्चे खाद्य तेलों पर आयात शुल्क घटाकर 10% किया
'जब भी आपको लगे कि मैच हाथ से फिसल रहा है, तो बुमराह को बुलाओ': पांड्या
तंबाकू एक लत है, इसे जागरूकता से ही कम किया जा सकता : विजेंद्र गुप्ता
पाकिस्तान के स्पीकर जैसे होते हैं विपक्षी नेताओं के बयान : संजय निषाद
बच्चों में वॉकिंग निमोनिया: लक्षण, कारण और बचाव के उपाय