NEET UG: NEET-UG, जो MBBS, BDS और अन्य चिकित्सा स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए सबसे बड़ा परीक्षा है, में कुछ बदलाव हो सकते हैं। केंद्रीय सरकार NEET-UG को कंप्यूटर आधारित परीक्षा (CBT) मोड में आयोजित करने पर विचार कर रही है। वर्तमान में, यह परीक्षा ऑफलाइन, यानी पेन-एंड-पेपर मोड में होती है। यदि NEET-UG ऑनलाइन होता है, तो परीक्षा देने का तरीका पूरी तरह से बदल जाएगा। यह कदम चिकित्सा करियर की तैयारी कर रहे लाखों छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण परिवर्तन साबित हो सकता है।
सरकार की योजनाएँ
आइए जानते हैं कि NEET-UG के संबंध में सरकार की क्या योजनाएँ हैं। केंद्रीय सरकार इस दिशा में क्या कार्य कर रही है? हम इन परिवर्तनों के पीछे के कारणों को भी समझेंगे।
अंतिम निर्णय अभी नहीं हुआ है
अंतिम निर्णय अभी नहीं हुआ है।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, शिक्षा मंत्रालय वर्तमान में यह समझने के लिए डेटा का विश्लेषण कर रहा है कि क्या ऑनलाइन मोड में परीक्षा आयोजित करना छात्रों के लिए लाभकारी या हानिकारक होगा। अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, सबसे बड़ी चिंता यह है कि क्या CBT मोड सभी छात्रों के लिए समान रूप से सुविधाजनक होगा। देश के कई हिस्सों में कंप्यूटर प्रयोगशालाएँ और इंटरनेट की पहुँच सीमित है, जिससे यह चिंता है कि ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों के छात्रों को नुकसान हो सकता है।
हर साल लाखों छात्र परीक्षा देते हैं
हर साल लाखों छात्र परीक्षा देते हैं।
NEET UG एकमात्र कार्यक्रम है जो चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्रदान करता है, जिसमें MBBS, BDS, BAMS, BUMS, BSMS, BHMS, BVSc & AH, और BSc नर्सिंग शामिल हैं। 2025 में 2.2 मिलियन से अधिक छात्रों ने परीक्षा दी।
वर्तमान में सीटों की संख्या
वर्तमान में सीटों की संख्या:
MBBS के लिए 120,000 से अधिक सीटें उपलब्ध हैं। इनमें से लगभग 56,000 सरकारी चिकित्सा कॉलेजों में और 52,000 निजी कॉलेजों में हैं। NEET परीक्षा हर साल राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित की जाती है।
यह परिवर्तन क्यों विचाराधीन है?
यह परिवर्तन क्यों विचाराधीन है?
वास्तव में, दुनिया के कई देशों में चिकित्सा और अन्य पेशेवर पाठ्यक्रमों की परीक्षाएँ कंप्यूटर आधारित मोड में आयोजित की जाती हैं। भारत में, JEE मेन जैसी प्रमुख परीक्षाएँ भी ऑनलाइन आयोजित की जाती हैं।
शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, यदि तकनीकी और अवसंरचना से संबंधित मुद्दों का समाधान किया जाता है, तो यह परिवर्तन छात्रों के लिए लाभकारी हो सकता है। डेटा विश्लेषण पूरा होने के बाद, स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ मिलकर आगे की रणनीति तय की जाएगी।
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