क्रिकेट के सबसे बड़े और सनसनीखेज मुकाबलों में से एक भारत बनाम पाकिस्तान (IND vs PAK) मैच के दौरान पूर्व भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर ने खिलाड़ियों को एक खास सलाह दी, जो चर्चा का विषय बनी हुई है। गंभीर ने खिलाड़ियों को कहा, “अंपायर से तो मिल लो”, जिसका मकसद मैदान पर अनुशासन बनाए रखना था। उन्होंने साथ ही पाकिस्तान की टीम की कुछ घटनाओं पर भी कड़ी निंदा की, जिससे वह फिर से विवादों में घिर गई।
गौतम गंभीर का बयान और उसकी पृष्ठभूमि
गौतम गंभीर, जो अपने समय के दिग्गज बल्लेबाज रहे हैं और आज क्रिकेट विश्लेषक के रूप में सक्रिय हैं, ने हाल ही में अपने टॉक शो में कहा कि भारत-पाकिस्तान मुकाबले में खिलाड़ियों को खेल भावना और अनुशासन बनाए रखना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि विवादों से बचने के लिए खिलाड़ियों को अंपायर से संवाद स्थापित करना चाहिए और मैदान पर शालीनता से काम लेना चाहिए।
गंभीर ने कहा, “जब भी कोई विवाद हो, खिलाड़ियों को अंपायर से मिलने और अपनी बात साफ करने की कोशिश करनी चाहिए। इससे खेल में सम्मान बना रहता है और मैच का मजा भी आता है।”
पाकिस्तान टीम पर फिर गंभीर की टिप्पणी
गौतम गंभीर ने पाकिस्तान की टीम की कुछ हरकतों की आलोचना भी की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की टीम अक्सर मैदान पर अनुशासनहीनता दिखाती है, जिससे भारतीय टीम के खिलाड़ियों को मानसिक दबाव का सामना करना पड़ता है। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की हरकतें क्रिकेट के खेल की गरिमा को नुकसान पहुंचाती हैं।
गंभीर ने कहा, “पाकिस्तान की टीम को खेल के नियमों का सम्मान करना चाहिए। बार-बार विवादित फैसलों पर हंगामा करना और अंपायर के निर्णयों को चुनौती देना खेल भावना के खिलाफ है। इससे उनका खुद का भी नुकसान होता है।”
IND vs PAK मुकाबलों में नजदीक से नजर
भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मुकाबले हमेशा से बड़े पैमाने पर देखे जाते हैं। दोनों देशों के बीच राजनीतिक तनाव के बीच यह मैच क्रिकेट प्रेमियों के लिए उत्सव जैसा होता है। लेकिन, मैदान पर विवाद और अनुशासनहीनता की घटनाएं मैच की साख को प्रभावित करती हैं।
गौतम गंभीर का यह बयान इसीलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि वे एक ऐसे खिलाड़ी रहे हैं, जिन्होंने इन दोनों टीमों के बीच कई हाई-प्रेशर मैच खेले हैं और खेल की गंभीरता को भली-भांति समझते हैं।
खेल भावना बनाए रखना जरूरी
विश्लेषकों का मानना है कि क्रिकेट जैसी खेल में खेल भावना (स्पोर्ट्समैनशिप) का होना अत्यंत आवश्यक है। खिलाड़ियों और टीमों को चाहिए कि वे फैसलों को सम्मान दें, विवादों से बचें और केवल अपने प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित करें।
गौतम गंभीर का संदेश भी यही है कि मैदान पर अनुशासन और सम्मान से खेला जाए ताकि मुकाबला रोमांचक और सम्मानजनक बना रहे।
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