Rahu Transit Effects : सूर्य, चन्द्र आदि की भांति राहु का भौतिक अस्तित्व नहीं है, ज्योतिष शास्त्र में राहु को छाया ग्रह माना गया है, छाया ग्रह होने के बावजूद राहु के अस्तित्व एवं प्रभाव से इंकार नहीं किया जा सकता। राहु का गोचर देश, राष्ट्र, जड़-चेतन के साथ प्रत्येक व्यक्ति के भाग्य को भी प्रभावित करता है। 18 मई 2025 से राहु के परिवर्तन का परिणाम दृष्टिगोचर होगा। मकर राशि- मकर राशि वालों के लिए राहु का परिवर्तन मिश्रित फल प्रदान करने वाला है, शेयर-सट्टे एवं जोखिम भरे कार्यों से दूर रहें, लोगों से व्यहवार में वाणी में संयम रखें, क्रोध के कारण मान-सम्मान में कमी आ सकती है। राहु का यह गोचर स्वास्थ्य की दृष्टि से आपके लिए प्रतिकूल है, मानसिक उलझनों में वृद्धि होगी, अकारण ही आस-पास के लोग ईर्ष्यावश आपको प्रताड़ित करने का प्रयास करेंगे। राहु का गोचर स्वर्ण पाद से होने के कारण व्यर्थ भ्रमण, अनावश्यक यात्राऐं, मन को पीड़ा पहुंचा सकती हैं। कुम्भ राशि- कुम्भ राशि में राहु मानसिक चिंताओं में वृद्धि करेगा, सिरदर्द, माइग्रेन, डिप्रेशन को बढ़ावा देगा, क्रोध चरम सीमा पर रहेगा, शारीरिक कष्ट के कारण दवाओं पर अधिक खर्च होगा, कोई बड़ा ऋण लेना पड़ सकता है। अत्यधिक परिश्रम से ही दैनिक कामकाज बाधा के साथ पूरे होंगे, अव्यवस्थित दिनचर्या रहेगी, स्वास्थ्य का ध्यान रखें। लौह पाद से छाया ग्रह राहु का यह गोचर सामाजिक प्रतिष्ठा में कमी, परिवार में तनाव प्रस्तुत करेगा। राहु का उपाय खोया हुआ मान-सम्मान एवं धन वापस दिलवाएगा। मीन राशि- मीन राशि वालों के लिए बारहवां राहु अनावश्यक खर्च में वृद्धि करेगा, मुख एवं नेत्र सम्बंधित रोगों के कारण धन खर्च होगा, यात्राऐं अधिक होंगी परन्तु लाभ कम होगा। गोचर का बारहवां राहु अशुभ होता है, शारीरिक, बौद्धिक एवं मानसिक कष्ट बढ़ाता है, छाया ग्रह राहु का गोचर स्वर्ण पाद से होने के कारण पारिवारिक माहौल असंतुलित रहता है। व्यर्थ भ्रमण कराता है, ऐसे समय में राहु का उपाय बेहद हितकारी रहता है। उपाय- जिन राशियों के लिए राहु अशुभ है, उन्हें भैरव बाबा की पूजा-अर्चना से नहीं चूकना चाहिए। राहु के कुप्रभाव से बचने के लिए चंदन की माला धारण करे। सफेद चंदन अथवा गोमेद की माला से राहु का जप करना विशेष फलदायी होता है। बुधवार, शनिवार को भूरे रंग के कुत्तों को मोतीचूर के लड्डू, भूरी गाय को गुड़ तथा चना खिलाना चाहिए। महामृत्युंजय शिव की आरधना एवं जप तथा नीली-काली वस्तुओं का दान कर, गोमेद धारण करें, राहु स्तोत्र का पाठ एवम् राहु के मंत्रों का जप करें।
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