Study Abroad News: भारत से 6000 किलोमीटर दूर एक छोटा सा देश है, जो हायर एजुकेशन के लिए भारतीयों के बीच पॉपुलर डेस्टिनेशन बन सकता है। यहां जिस देश की बात हो रही है, उसका नाम सिंगापुर है। सिंगापुर में भारतीय समुदाय भी बड़ी संख्या में रहता है और इसे दुनिया के सबसे आधुनिक देशों में से एक माना जाता है। अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा जैसे पश्चिमी देशों की तुलना में सिंगापुर में पढ़ाई करना फायदे का सौदा है, क्योंकि यहां कम फीस में UG-PG की डिग्री हासिल की जा सकती है।
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सिंगापुर में 8000 से ज्यादा भारतीय छात्र डिग्री भी हासिल कर रहे हैं। बावजूद इसके बहुत से छात्रों को तो सिंगापुर में पढ़ने के फायदे मालूम ही नहीं है। नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी ( NTU), नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर (NUS) और सिंगापुर मैनेजमेंट यूनिवर्सिटी (SMU) सिंगापुर की ही नहीं, बल्कि दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटीज में गिनी जाती हैं। सिंगापुर में पढ़ने का सबसे बड़ा फायदा ये है कि यहां पर कई तरह की स्कॉलरशिप भी मिलती हैं, जो पढ़ने का खर्च कम कर देती हैं।
बैचलर्स की पढ़ाई का फायदा
12वीं के बाद अगर आप यहां पर UG करने आ रहे हैं, तो फिर आपको हाई-क्वालिटी एजुकेशन के साथ-साथ स्कॉलरशिप भी मिल जाएगी। NTU में ASEAN अंडरग्रेजुएट स्कॉलरशिप दी जाती है, जिसके जरिए आपकी पूरी ट्यूशन फीस माफ हो सकती है। सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि आपको हर साल लगभग 4 लाख रुपये का अलाउंस भी मिलेगा। NUS में साइंस एंड टेक्नोलॉजी अंडरग्रेजुएट स्कॉलरशिप दी जाती है। इसे पाने वाले स्टूडेंट की ना सिर्फ ट्यूशन फीस माफ हो जाती है, बल्कि उन्हें लिविंग अलाउंस भी दिया जाता है।
इसी तरह से SMU में ली कोंग चियान स्कॉलरशिप प्रोग्राम चलाया जाता है, जिसके जरिए स्टूडेंट्स की ट्यूशन फीस माफ हो जाती है और उन्हें स्टाइपेंड भी मिलता है। स्कॉलर्स को इंटरनेशनल एक्सचेंज स्टूडेंट के तौर पर विदेश भी भेजा जाता है। सिंगापुर में बैचलर्स करने का सबसे बड़ा फायदा ये है कि यहां पर फाइनेंस, हेल्थकेयर और इंजीनियरिंग सेक्टर काफी अच्छे हैं, जहां तुरंत जॉब मिल जाती है। सिंगापुर में UG करने वाले स्टूडेंट्स की शुरुआती सैलरी औसतन 2.86 लाख रुपये महीना है और 95% स्टूडेंट्स को 6 महीने में जॉब मिल जाती है।
मास्टर्स डिग्री लेने पर भी मिलेगा लाभ
पोस्टग्रेजुएट की पढ़ाई के लिए सिंगापुर बेहतरीन देश बनकर उभर रहा है, जो रिसर्च और इंडस्ट्री का हब बन चुका है। NTU में नानयांग प्रेसिडेंट ग्रेजुएट स्कॉलरशिप (NPGS) दी जाती है, जिसमें ट्यूशन फीस कवर हो जाती है। इसके अलावा हर महीने स्टाइपेंड भी दिया जाता है। NUS के जरिए रिसर्च स्कॉलरशिप मिलती है, जिसमें भी ट्यूशन फीस माफ हो जाती है। साथ ही लाखों रुपये महीना स्टाइपेंड दिया जाता है। यहां इंजीनियरिंग और कंप्यूटिंग डिग्री लेने वाले स्टूडेंट्स का सालाना पैकेज 38 लाख से 48 लाख रुपये सालाना के बीच है।
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सिंगापुर में 8000 से ज्यादा भारतीय छात्र डिग्री भी हासिल कर रहे हैं। बावजूद इसके बहुत से छात्रों को तो सिंगापुर में पढ़ने के फायदे मालूम ही नहीं है। नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी ( NTU), नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर (NUS) और सिंगापुर मैनेजमेंट यूनिवर्सिटी (SMU) सिंगापुर की ही नहीं, बल्कि दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटीज में गिनी जाती हैं। सिंगापुर में पढ़ने का सबसे बड़ा फायदा ये है कि यहां पर कई तरह की स्कॉलरशिप भी मिलती हैं, जो पढ़ने का खर्च कम कर देती हैं।
बैचलर्स की पढ़ाई का फायदा
12वीं के बाद अगर आप यहां पर UG करने आ रहे हैं, तो फिर आपको हाई-क्वालिटी एजुकेशन के साथ-साथ स्कॉलरशिप भी मिल जाएगी। NTU में ASEAN अंडरग्रेजुएट स्कॉलरशिप दी जाती है, जिसके जरिए आपकी पूरी ट्यूशन फीस माफ हो सकती है। सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि आपको हर साल लगभग 4 लाख रुपये का अलाउंस भी मिलेगा। NUS में साइंस एंड टेक्नोलॉजी अंडरग्रेजुएट स्कॉलरशिप दी जाती है। इसे पाने वाले स्टूडेंट की ना सिर्फ ट्यूशन फीस माफ हो जाती है, बल्कि उन्हें लिविंग अलाउंस भी दिया जाता है।
इसी तरह से SMU में ली कोंग चियान स्कॉलरशिप प्रोग्राम चलाया जाता है, जिसके जरिए स्टूडेंट्स की ट्यूशन फीस माफ हो जाती है और उन्हें स्टाइपेंड भी मिलता है। स्कॉलर्स को इंटरनेशनल एक्सचेंज स्टूडेंट के तौर पर विदेश भी भेजा जाता है। सिंगापुर में बैचलर्स करने का सबसे बड़ा फायदा ये है कि यहां पर फाइनेंस, हेल्थकेयर और इंजीनियरिंग सेक्टर काफी अच्छे हैं, जहां तुरंत जॉब मिल जाती है। सिंगापुर में UG करने वाले स्टूडेंट्स की शुरुआती सैलरी औसतन 2.86 लाख रुपये महीना है और 95% स्टूडेंट्स को 6 महीने में जॉब मिल जाती है।
मास्टर्स डिग्री लेने पर भी मिलेगा लाभ
पोस्टग्रेजुएट की पढ़ाई के लिए सिंगापुर बेहतरीन देश बनकर उभर रहा है, जो रिसर्च और इंडस्ट्री का हब बन चुका है। NTU में नानयांग प्रेसिडेंट ग्रेजुएट स्कॉलरशिप (NPGS) दी जाती है, जिसमें ट्यूशन फीस कवर हो जाती है। इसके अलावा हर महीने स्टाइपेंड भी दिया जाता है। NUS के जरिए रिसर्च स्कॉलरशिप मिलती है, जिसमें भी ट्यूशन फीस माफ हो जाती है। साथ ही लाखों रुपये महीना स्टाइपेंड दिया जाता है। यहां इंजीनियरिंग और कंप्यूटिंग डिग्री लेने वाले स्टूडेंट्स का सालाना पैकेज 38 लाख से 48 लाख रुपये सालाना के बीच है।
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