वृंदावन: उत्तर प्रदेश के मथुरा-वृंदावन में हर रोज संत प्रेमानंद जी महाराज से मुलाकात करने भारी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। श्रीराधारानी के साधक संत प्रेमानंद महाराज के श्रीराधा केलिकुंज आश्रम में बुधवार को भक्ति और भावनाओं संगम होता दिखा। गुजरात की प्रसिद्ध भजन गायिका गीता रबारी ने संत प्रेमानंद महाराज से मुलाकात की। उन्हें प्रेमपूर्वक 'कच्छ की कोयल' कहा जाता है। गीता ने कृष्ण भक्ति से ओतप्रोत भजन प्रस्तुत किया। इसे सुनते हुए प्रेमानंद महाराज मंत्रमुग्ध दिखाई दिए।
सुबह पहुंची थी भजन गायिकासुबह साढ़े सात बजे के आसपास वृंदावन के परिक्रमा मार्ग स्थित श्रीराधा केलिकुंज आश्रम में पहुंचीं गीता रबारी का संत प्रेमानंद महाराज ने स्नेहपूर्वक स्वागत किया। एकांत वार्ता के दौरान उन्होंने संत को श्रीकृष्ण पर आधारित एक मधुर भजन सुनाया। गीता ने 'राधे किशोरी दया करो' भजन को प्रेमानंद महाराज के सामने पेश किया।
गीता रबारी की भक्ति और स्वर माधुरी सुनकर संत प्रेमानंद महाराज भावविभोर हो उठे। प्रेमानंद महाराज ने कहा कि कृष्ण प्रेम की धारा जब हृदय से बहती है, तो वह सीधे राधा तक पहुंचती है। तुम्हारा स्वर उसी प्रेम से भरा हुआ है।
प्रेमानंद महाराज ने दी सीखसंत प्रेमानंद ने गीता रबारी को राधा-कृष्ण भक्ति मार्ग पर स्थिर रहने का आशीर्वाद दिया। उन्होंने कहा कि भजन केवल स्वर नहीं, साधना है। यह राधा नाम का जप है, जो मन को निर्मल करता है। संत प्रेमानंद ने कहा जहां राधा है वहां क्या बात है। बहुत प्रकार के शारीरिक में कष्ट हैं। इसे उन्होंने बाधा नहीं है, कृपा बताया।
विदेशी श्रद्धालु को दिया जवाबसंत प्रेमानंद ने मुलाकात के दौरान आश्रम में उपस्थित एक विदेशी महिला श्रद्धालु के श्रीकृष्ण प्रेम में सबसे बड़ी बाधा क्या है, सवाल का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि जहां राधा हैं, वहां क्या बाधा है? शरीर के कष्ट बाधा नहीं हैं, वे तो कृपा हैं। यदि प्रेमी शरीर के दुखों को याद रखे, तो वह सच्चा प्रेमी कैसे हो सकता है? प्रेम का मार्ग बड़ा विचित्र है। प्रारब्ध शरीर पर कष्ट देगा, पर हम उसे 'राधा-राधा' कहकर सह लेंगे।
कौन हैं गीता रबारी?गीता रबारी एक गुजराती लोक गायिका हैं। उनका गाया गीत 'रोना सेर मां' खूब प्रसिद्ध हुआ है। इसके जरिए लोगों के बीच वे देश भर में चर्चित हुईं। गीता अपने गायन के कारण 'कच्छ की कोयल' के नाम से प्रसिद्ध हैं। उनका जन्म 31 दिसंबर, 1996 को गुजरात के कच्छ जिले के टप्पर गांव में हुआ था। गीता ने 2017 में अपने गायन की शुरुआत की। उनका गाया 'रोना सेर मां' गाना यूट्यूब पर 50 करोड़ से अधिक व्यूज पाने वाला पहला गुजराती गाना बना।
गीता रबारी को बचपन से गाने का शौक था। पांचवीं कक्षा में पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने गाना शुरू किया था। 20 साल की आयु तक उन्होंने गाने से कमाई करनी शुरू कर दी। जी-20 समिट और अन्य इंटरनेशनल स्तर के कार्यक्रमों में उन्होंने प्रस्तुति दी। उनका श्रीराम घर आए गाना भी खूब चर्चित हुआ है।
सुबह पहुंची थी भजन गायिकासुबह साढ़े सात बजे के आसपास वृंदावन के परिक्रमा मार्ग स्थित श्रीराधा केलिकुंज आश्रम में पहुंचीं गीता रबारी का संत प्रेमानंद महाराज ने स्नेहपूर्वक स्वागत किया। एकांत वार्ता के दौरान उन्होंने संत को श्रीकृष्ण पर आधारित एक मधुर भजन सुनाया। गीता ने 'राधे किशोरी दया करो' भजन को प्रेमानंद महाराज के सामने पेश किया।
गीता रबारी की भक्ति और स्वर माधुरी सुनकर संत प्रेमानंद महाराज भावविभोर हो उठे। प्रेमानंद महाराज ने कहा कि कृष्ण प्रेम की धारा जब हृदय से बहती है, तो वह सीधे राधा तक पहुंचती है। तुम्हारा स्वर उसी प्रेम से भरा हुआ है।
प्रेमानंद महाराज ने दी सीखसंत प्रेमानंद ने गीता रबारी को राधा-कृष्ण भक्ति मार्ग पर स्थिर रहने का आशीर्वाद दिया। उन्होंने कहा कि भजन केवल स्वर नहीं, साधना है। यह राधा नाम का जप है, जो मन को निर्मल करता है। संत प्रेमानंद ने कहा जहां राधा है वहां क्या बात है। बहुत प्रकार के शारीरिक में कष्ट हैं। इसे उन्होंने बाधा नहीं है, कृपा बताया।
विदेशी श्रद्धालु को दिया जवाबसंत प्रेमानंद ने मुलाकात के दौरान आश्रम में उपस्थित एक विदेशी महिला श्रद्धालु के श्रीकृष्ण प्रेम में सबसे बड़ी बाधा क्या है, सवाल का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि जहां राधा हैं, वहां क्या बाधा है? शरीर के कष्ट बाधा नहीं हैं, वे तो कृपा हैं। यदि प्रेमी शरीर के दुखों को याद रखे, तो वह सच्चा प्रेमी कैसे हो सकता है? प्रेम का मार्ग बड़ा विचित्र है। प्रारब्ध शरीर पर कष्ट देगा, पर हम उसे 'राधा-राधा' कहकर सह लेंगे।
कौन हैं गीता रबारी?गीता रबारी एक गुजराती लोक गायिका हैं। उनका गाया गीत 'रोना सेर मां' खूब प्रसिद्ध हुआ है। इसके जरिए लोगों के बीच वे देश भर में चर्चित हुईं। गीता अपने गायन के कारण 'कच्छ की कोयल' के नाम से प्रसिद्ध हैं। उनका जन्म 31 दिसंबर, 1996 को गुजरात के कच्छ जिले के टप्पर गांव में हुआ था। गीता ने 2017 में अपने गायन की शुरुआत की। उनका गाया 'रोना सेर मां' गाना यूट्यूब पर 50 करोड़ से अधिक व्यूज पाने वाला पहला गुजराती गाना बना।
गीता रबारी को बचपन से गाने का शौक था। पांचवीं कक्षा में पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने गाना शुरू किया था। 20 साल की आयु तक उन्होंने गाने से कमाई करनी शुरू कर दी। जी-20 समिट और अन्य इंटरनेशनल स्तर के कार्यक्रमों में उन्होंने प्रस्तुति दी। उनका श्रीराम घर आए गाना भी खूब चर्चित हुआ है।
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