नई दिल्ली: MCD के प्रॉपर्टी टैक्स विभाग को पहले महीने पिछले साल के मुकाबले इस साल ज्यादा टैक्स मिला है। इतना ही नहीं, प्रॉपर्टी टैक्स जमा कराने वालों की संख्या भी बढ़ी है। MCD को अप्रैल 2025 में टैक्स के रूप में 58 करोड़ रुपये मिले। पिछले साल यानी अप्रैल 2024 में मात्र 26 करोड़ रुपये मिले थे। पिछले साल 42 हजार की करीब लोगों ने टैक्स जमा कराया था जबकि इस साल यह आंकड़ा 52 हजार को पार कर गया। प्रॉपर्टी टैक्स रेवेन्यू का बड़ा सोर्सMCD अधिकारियों का कहना है कि प्रॉपर्टी टैक्स रेवेन्यू का सबसे बड़ा स्रोत है। प्रॉपर्टी टैक्स जमा नहीं करने वालों पर लगातार दबाव बनाया जा रहा था। डिफॉल्टरों के खिलाफ भी सख्त कार्यवाही की जा रही थी। इसी दौरान AAP ने सदन में एक प्रस्ताव पास कर यह घोषणा कर दी कि 100 वर्ग गज से कम क्षेत्रफल वाली सभी संपत्तियों को प्रॉपर्टी टैक्स में 100 पर्सेंट छूट मिलेगी। इसके अलावा 100 से 500 वर्ग गज क्षेत्रफल वाली संपत्तियों को प्रॉपर्टी टैक्स में 50 पर्सेंट की छूट दी जाएगी।जब लोगों ने प्रॉपर्टी टैक्स जमा करना किया बंदइस घोषणा के तुरंत बाद लोगों ने टैक्स जमा कराना बंद कर दिया। इसके परिणाम स्वरूप ही फाइनैंसियल ईयर 2024-25 में प्रॉपर्टी टैक्स के रूप में ₹2132.89 करोड़ की रिकवरी हो गई, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा ₹2163.57 करोड़ था। छूट की घोषणा के असर को समझाते हुए एक अधिकारी ने बताया कि फाइनैंसियल ईयर के आखिर में ₹193.28 करोड़ का ही टैक्स मिला, जबकि इसी अवधि में पिछले साल यह आंकड़ा ₹367.16 करोड़ था। इससे साफ हो जाता है कि छूट की घोषणा के कारण टैक्स जमा कराने वालों में संदेह पैदा हो गया। प्रॉपर्टी टैक्स में 10 साल के दौरान कोई वृद्धि नहींइतना ही नहीं, टैक्स रिकवरी में कमी के लिए यूजर चार्ज को भी एक बड़ी वजह बताया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि यूजर चार्ज को प्रॉपर्टी टैक्स के साथ वसूले जाने से लोगों ने अपना प्रॉपर्टी टैक्स ही जमा नहीं कराया। क्योंकि ज्यादातर लोग इस बात को लेकर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं कि उनका टैक्स तो कम बन रहा है, उसके मुकाबले यूजर चार्ज अधिक वसूला जा रहा है। इस संबंध में एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि लगभग 10 साल से प्रॉपर्टी टैक्स में किसी तरह की कोई वृद्धि नहीं की गई है। टैक्स जमा कराने वालों की संख्या में भी वृद्धिअगर प्रॉपर्टी टैक्स में नियमानुसार समय समय पर वृद्धि की जाती तो इस समय जिन लोगों को 2000 रुपये का टैक्स बन रहा है वह 10,000 के लगभग बैठता। तब लोगों को यूजर चार्ज कम नजर आता। उनका कहना है कि इन सबके बावजूद फाइनैंसियल ईयर के पहले महीने में जब से पोर्टल खुला है पिछले साल के मुकाबले इस साल न केवल ज्यादा टैक्स मिला, बल्कि टैक्स जमा कराने वालों की संख्या में भी वृद्धि हुई है।
You may also like
भारतीय संगीत का सुनहरा दौर चल रहा : अखिल सचदेवा
अफ़्रीका में कैसे किया हथियारबंद बाइक सवारों ने झारखंड के मज़दूरों का अपहरण, परिवार ने क्या बताया?
अजमेर के डिग्गी बाजार स्थित होटल में लगी भीषण आग, 4 की मौत
भारत-नॉर्वे के संबंध विश्वास और विकास के नए चरण में प्रवेश को तैयार: केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल
India vs England Test Series 2025: ऋषभ पंत की धमाकेदार वापसी