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इस्लाम जब तक अस्तित्व में रहेगा, आतंकवाद जिंदा रहेगा... पहलगाम हमले पर तस्लीमा नसरीन का तीखा हमला

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ढाका/नई दिल्ली: कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमलों में 28 लोगों की मौत हो गई है। लेकिन सबसे ज्यादा खौफनाक बात ये है कि आतंकवादियों ने लोगों से उनका धर्म पूछकर मारा है। गोली मारने से पहले लोगों के पैंट खोलकर देखे गये कि वो हिंदू हैं या मुसलमान, फिर उन्हें गोली मारी गई। आतंकवादियों ने ये हमला धर्म के आधार पर किया है। यह हमला पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर के उस बयान के बाद हुई है, जिसमें उन्होंने हिंदुओं के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिए थे। हमले के बाद सामने वाले वाले वीडियो विभत्स हैं। चश्मदीदों को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि यह हमला धर्म के आधार पर किया गया है और आतंकवादियों ने पर्यटकों की हिंदू पहचान करने के बाद उन्हें गोली मारी है।हमले की एक भयावह तस्वीर जो सोशल मीडिया पर वायरल हुई है, उसमें एक महिला को अपने मृत पति के बदल में शून्य को निहारते देखा गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक महिला की हाल ही में शादी हुई थी और वह कश्मीर में हनीमून मनाने के लिए गई थी। उसी वक्त आतंकवादियों ने हमला किया और उनके पति की हत्या कर दी। इस बीच बांग्लादेश की प्रख्यात लेखिका तस्लीमा नसरीन ने कहा है कि "इस्लाम जब तक अस्तित्व में रहेगा, आतंकवाद तब तक जिंदा रहेगा।" तस्लीमा नसरीन का आतंकवाद पर करार बयानतस्लीमा नसरीन, जिन्हें उनके विचारों के लिए बांग्लादेश छोड़कर भागना पड़ा था, उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है कि 'जब तक इस्लाम रहेगा, आतंकवाद जिंदा रहेगा।' उन्होंने लिखा है कि "जब तक इस्लाम जीवित रहेगा, गैर-मुसलमानों को कोई सुरक्षा नहीं मिलेगी, स्वतंत्र विचारकों और तर्कवादियों को कोई सुरक्षा नहीं मिलेगी, महिलाओं को कोई सुरक्षा नहीं मिलेगी।" उन्होंने आगे लिखा है कि "जब तक इस्लाम जीवित रहेगा, फूल मुरझाते रहेंगे, बच्चे मरते रहेंगे, लाखों मरे हुए कबूतर बारिश की तरह गिरते रहेंगे।" तस्लीमा नसरीन ने आगे लिखा है कि "इस्लाम की कोख से नफरत पैदा होती रहेगी, बदसूरत राक्षस पैदा होते रहेंगे। जब तक इस्लाम जीवित रहेगा, कोई भी राज्य, कोई भी राज्य सभ्य नहीं बन पाएगा, दुनिया सभ्य नहीं बन पाएगी।" 26 साल के असावरी जगदाले, जिनके पिता की आतंकवादियों ने हत्या कर दी, उन्होंने बताया है कि बेताब घाटी में 'मिनी स्विट्जरलैंड' घुमने वो अपने परिवार के साथ गये थे। लेकिन यह सिर्फ एक आम हमला नहीं था। असावरी ने कहा कि आतंकवादियों ने "खौस तौर पर पुरुष पर्यटकों को निशाना बनाया और गोली मारने से पहले उनसे धर्म के बारे में पूछा था। उनसे पूछा कि वो हिंदू हैं या मुस्लिम।" उन्होंने कहा कि जो कुछ हुआ है वह पूरी तरह से भयावह था। स्थानीय पुलिस की तरह कपड़े पहने बंदूकधारियों ने इलाके में धावा बोल दिया और हमला किया।
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