नवी मुंबई: महाराष्ट्र में मराठी बनाम बाहरी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब एक बार फिर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने बाहरी और मराठी के मुद्दे को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि गुजरात में बाहरी व्यक्ति जमीन नहीं खरीद सकता है, लेकिन महाराष्ट्र में आकर कहीं से कोई भी जमीन खरीदता है और उद्योग चालू करता है। राज ठाकरे ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि अब आगे से अगर कोई जमीन खरीदने आए तो आप अपनी जमीनें मत बेचना। बल्कि उनको बोलना कि हमें कंपनी में हिस्सेदारी दो और मराठी लोगों को काम पर रखो।
राज ठाकरे ने क्या कहा?
इस अवसर पर राज ठाकरे ने कहा कि मुझे पता चला है कि महाराष्ट्र सरकार सरकारी खर्च पर गुजराती साहित्य सम्मेलन करवाने जा रही है। सरकार ने जानबूझकर यह किया है ताकि हम इस पर प्रतिक्रिया दें और सरकार को राजनीति करने का मौका मिल जाए। हम अब सरकार के बहकावे में नहीं आएंगे, लेकिन जब हमें लगेगा कि सरकार महाराष्ट्र को बर्बाद करने के लिए कदम उठा रही है, तब हम अवश्य आवाज उठाएंगे। आप सभी लोग जागृत रहिए और बारीकी से नजर रखिए कि आखिर सरकार कर क्या रही है।
मराठी व्यक्ति की कब्र पर उद्योग नहीं लगेंगे-राज ठाकरे
ठाकरे ने चुनौती देते हुए कहा कि अगर आप किसी को नए कानून के तहत किसी परियोजना के खिलाफ बोलने पर अर्बन नक्सल कहने वाले हैं, तो उसे गिरफ्तार करके दिखाइए। उन्होंने आगे कहा कि किसी मराठी व्यक्ति की कब्र पर उद्योग नहीं लगेंगे। उद्योगों को मराठी व्यक्ति के सम्मान के अनुरूप लाना होगा। छत्रपति की राजधानी में डांस बार खुले होने से ज़्यादा शर्मनाक क्या हो सकता है? बंद डांस बार कैसे खुले रह सकते हैं?
गुजरात से दो बार बिहारी लोगों को भगाया-मनसे प्रमुख
मनसे प्रमुख ने कहा कि हमारे ऊपर आरोप लगाते हैं कि हम हिंदी-मराठी का मुद्दा उठाकर बाहरी लोगों को परेशान करते हैं, लेकिन गुजरात से दो बार बिहारी लोगों को भगाया गया। वहां पर जिस व्यक्ति ने बिहारियों के खिलाफ आंदोलन किया और उन्हें मारकर राज्य के बाहर किया उसे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपनी पार्टी में लेकर विधायक बना दिया। आप अपने राज्य को व्यवस्थित रख रहे हैं और दूसरे के राज्यों में अगर वे अपनी भाषा और संस्कृति को बचाने की बात करें तो उसे आप उसे बदनाम करते हैं।
हिंदी पर सरकार को घेरा
मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री इस बारे में सोचते हैं कि महाराष्ट्र के बच्चे हिंदी कैसे सीखेंगे? लेकिन वे बाहर से महाराष्ट्र आने वालों को मराठी सिखाने की कोशिश नहीं करते। राज ठाकरे ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री गुजराती हैं। महाराष्ट्र की कई परियोजनाएं गुजरात ले जाई गईं। गृह मंत्री एक इंटरव्यू में कहते हैं कि मैं हिंदी भाषी नहीं हूं। मैं गुजराती हूं। हालांकि, अगर हम भाषा, राज्य की बात करें, तो बात संकीर्ण हो जाती है। गुजरात में हिंदी भाषा अनिवार्य नहीं है। फिर महाराष्ट्र में ही हिंदी क्यों?
राज ठाकरे ने क्या कहा?
इस अवसर पर राज ठाकरे ने कहा कि मुझे पता चला है कि महाराष्ट्र सरकार सरकारी खर्च पर गुजराती साहित्य सम्मेलन करवाने जा रही है। सरकार ने जानबूझकर यह किया है ताकि हम इस पर प्रतिक्रिया दें और सरकार को राजनीति करने का मौका मिल जाए। हम अब सरकार के बहकावे में नहीं आएंगे, लेकिन जब हमें लगेगा कि सरकार महाराष्ट्र को बर्बाद करने के लिए कदम उठा रही है, तब हम अवश्य आवाज उठाएंगे। आप सभी लोग जागृत रहिए और बारीकी से नजर रखिए कि आखिर सरकार कर क्या रही है।
मराठी व्यक्ति की कब्र पर उद्योग नहीं लगेंगे-राज ठाकरे
ठाकरे ने चुनौती देते हुए कहा कि अगर आप किसी को नए कानून के तहत किसी परियोजना के खिलाफ बोलने पर अर्बन नक्सल कहने वाले हैं, तो उसे गिरफ्तार करके दिखाइए। उन्होंने आगे कहा कि किसी मराठी व्यक्ति की कब्र पर उद्योग नहीं लगेंगे। उद्योगों को मराठी व्यक्ति के सम्मान के अनुरूप लाना होगा। छत्रपति की राजधानी में डांस बार खुले होने से ज़्यादा शर्मनाक क्या हो सकता है? बंद डांस बार कैसे खुले रह सकते हैं?
गुजरात से दो बार बिहारी लोगों को भगाया-मनसे प्रमुख
मनसे प्रमुख ने कहा कि हमारे ऊपर आरोप लगाते हैं कि हम हिंदी-मराठी का मुद्दा उठाकर बाहरी लोगों को परेशान करते हैं, लेकिन गुजरात से दो बार बिहारी लोगों को भगाया गया। वहां पर जिस व्यक्ति ने बिहारियों के खिलाफ आंदोलन किया और उन्हें मारकर राज्य के बाहर किया उसे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपनी पार्टी में लेकर विधायक बना दिया। आप अपने राज्य को व्यवस्थित रख रहे हैं और दूसरे के राज्यों में अगर वे अपनी भाषा और संस्कृति को बचाने की बात करें तो उसे आप उसे बदनाम करते हैं।
हिंदी पर सरकार को घेरा
मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री इस बारे में सोचते हैं कि महाराष्ट्र के बच्चे हिंदी कैसे सीखेंगे? लेकिन वे बाहर से महाराष्ट्र आने वालों को मराठी सिखाने की कोशिश नहीं करते। राज ठाकरे ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री गुजराती हैं। महाराष्ट्र की कई परियोजनाएं गुजरात ले जाई गईं। गृह मंत्री एक इंटरव्यू में कहते हैं कि मैं हिंदी भाषी नहीं हूं। मैं गुजराती हूं। हालांकि, अगर हम भाषा, राज्य की बात करें, तो बात संकीर्ण हो जाती है। गुजरात में हिंदी भाषा अनिवार्य नहीं है। फिर महाराष्ट्र में ही हिंदी क्यों?
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