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ब्रजेश पाठक ने छोड़ दी सरकारी फॉर्च्यूनर, निजी SUV से आ रहे ऑफिस... जानिए क्यों डिप्टी सीएम ने छोड़ी VIP सुविधा

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अभय सिंह राठौड़, लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के ताकतवर मंत्रियों की फेहरिस्त में शामिल उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक इन दिनों चर्चा में बने हुए हैं। ब्रजेश पाठक कभी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करने के बाद सीधे उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से मिलने पहुंच जाते हैं। कभी अपनी सादगी के चलते वो सुर्खियों में आ जाते हैं। इसी क्रम में एक बार फिर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक चर्चाओं में बने हुए हैं। ब्रजेश पाठक लग्जरी फॉर्च्यूनर गाड़ी को छोड़ साधारण एसयूवी गाड़ी को अपना वाहन बना लिया है। दरअसल, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के पास सबसे अहम स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी है।



बोलेरो से आ रहे ऑफिसउपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने महंगी और लग्जरी फॉर्च्यूनर गाड़ी से दूरी बना ली है। अब वे न्यू बोलेरो गाड़ी से चल रहे हैं। हालांकि, बताया जा रहा है कि उनको अनुमन्य सुरक्षा के मुताबिक ये गाड़ी नहीं है। इसके बाद भी ब्रजेश पाठक ने सादगी दिखाते हुए फॉरच्यूनर और अन्य गाड़ियां वापिस कर दी। जानकारों की माने तो पिछले हफ्ते भर से उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक बोलेरो गाड़ी से चल रहे हैं।



इतना ही नहीं, उपमुख्यमंत्री ने अपने पहनावे में भी बदलाव किया है। अब वे धोती-कुर्ता में नजर आ रहे हैं। उनसे जुड़ी एक तस्वीर में वे धोती-कुर्ता पहने हुए नजर आ रहे हैं। बोलेरो गाड़ी में बैठे हुए दिख रहे हैं।



बदले अंदाज की हो रही तारीफउपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के बदले-बदले अंदाज की हर तरफ तारीफ हो रही है। वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश सिंह कहते हैं कि ब्रजेश पाठक एक सरल और सहज नेता हैं उनसे कोई भी व्यक्ति आसानी से मिल सकता है और वह भी ज्यादा से ज्यादा लोगों से मिलने की कोशिश करते हैं वर्ष पत्रकार ने बताया कि ब्रजेश पाठक रोजाना अपने आवास पर जनता दरबार में 100 से 200 लोगों से मिलते हैं।



ब्रजेश पाठक इस दौरान ज्यादा से ज्यादा लोगों की समस्याओं को हल करने का हर संभव प्रयास करते हैं। ब्रजेश सिंह ने कहा कि ब्रजेश पाठक के स्वभाव में सरलता और सहजता है। इसीलिए, वह पुराने नेताओं की परंपराओं का धोती पहनकर निर्वहन भी कर रहे हैं। वे सामान्य तरीके से लोगों से मिलना भी पसंद करते हैं।

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कदम की हो रही सराहनावरिष्ठ पत्रकार ने कहा कि उनके इस कदम की जितनी भी सराहना की जाए, वो कम है। उनसे अन्य लोगों को सीख लेनी चाहिए। क्योंकि आज के समय राजनीति का कखहरा पढ़ने वाले छुटभैया नेता महंगी और लग्जरी गाड़ियों से चलना ज्यादा पसंद करते हैं। लेकिन स्वाभाविक रूप से जो असल नेता होगा, वो बिल्कुल सरल और सहज होता है। वो बातचीत करने के तरीके, स्वभाव और रहन-सहन से बहुत सरल होगा। लेकिन, जो नेता का चोला ओढ़ कर होगा, वहीं रेला लेकर चलेगा। बंदूकधारी लेकर चलते हुए खूब प्रदर्शन करता है।



उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक अक्सर सपा मुखिया अखिलेश यादव समेत अन्य विपक्षी नेताओं पर जोरदार हमला बोलते नजर आ जाते हैं। साथ ही स्वास्थ्य विभाग का जिम्मा होने के नाते वो अस्पतालों का निरीक्षण करते हुए भी चर्चाओ में आ जाते हैं।



बसपा से करियर की शुरुआतब्रजेश पाठक का जन्म 25 जून 1960 को उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के मल्लावां में सुरेश पाठक के घर हुआ था। वह पेशे से वकील हैं। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक (एलएलबी) की डिग्री प्राप्त की। ब्रजेश पाठक को 2004 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के लिए काम करने के लिए कहा गया। वह संसद सदस्य बने। अगले कुछ वर्षों में उन्हें पूरे प्रदेश के लिए पार्टी की गतिविधियों के आयोजन की जिम्मेदारी सौंपी गई।



भाजपा में हुए शामिललखनऊ में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा की उपस्थिति में शामिल हुए। यूपी चुनाव 2017 में वे लखनऊ जिले के लखनऊ मध्य से विधानसभा सदस्य चुने गए। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार रविदास मेहरोत्रा को 5094 मतों के अंतर से हराया। इस सीट को जीतने के बाद उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया। उन्हें कानून और न्याय विभाग की जिम्मेदारी दी गई।



योगी सरकार के पहले कैबिनेट विस्तार 21 अगस्त 2014 को उनका मंत्रालय बदल कर विभाग विधायी, न्याय, ग्रामीण इंजीनियरिंग सेवा मंत्री बनाया गया।25 मार्च 2022 को वे केशव प्रसाद मौर्य के साथ उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बने। इस समय लखनऊ की कैंट सीट से विधायक है। कोरोना काल के दौरान उनके प्रयासों को अब भी लोग याद करते हैं।

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