नई दिल्ली: दिनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का एक वीडियो काफी वायरल है। इसमें निर्मला सीतारमण एक नेशनल टीवी चैनल पर बोलती दिखाई देती हैं। वीडियो में वह लोगों से कहती दिखाई देती हैं कि 21,000 रुपये के इन्वेस्टमेंट पर सात दिनों में 6.5 लाख रुपये का रिटर्न मिलेगा। हालांकि यह वीडियो पूरी तरह से फर्जी है। लेकिन काफी लोग इस वीडियो को सही मानकर अपनी कमाई उसमें लगा रहे हैं। जब तक वह कुछ समझ पाते हैं, उनके साथ फ्रॉड हो चुका होता है। हाल ही में रुड़की के एक शख्स के साथ लाखों रुपये की ठगी हुई।
एआई से बनाया है वीडियोवित्त मंत्री का यह वीडियो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से बनाया गया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह वीडियो काफी वायरल है। इसमें एक लिंक दिया होता है। इस वीडियो को असली मानकर दिए लिंक पर क्लिक करते हैं और उसमें बताए ऐप को अपने फोन में इंस्टॉल कर लेते हैं। इसके बाद वह उस ऐप में रकम निवेश करते हैं। बाद में वह रकम निकल नहीं पाती। जब तक वह कुछ समझ पाते हैं, उन्हें बड़ी रकम का चूना लग चुका होता है।
कैसे करते हैं ठगी?जब कोई शख्स उस फर्जी ऐप को डाउनलोड कर लेता है तो ठग उस शख्स से उसकी डिटेल्स मांगते हैं। इसमें फोन नंबर, ईमेल आईडी, पैन कार्ड, आधार कार्ड, बैंक आदि की डिटेल्स शामिल होती हैं। इसके बाद ये ठग वॉट्सऐप या टेलीग्राम या ईमेल के जरिए संपर्क करते हैं। ये ठग खुद को फाइनेंशियल एक्सपर्ट या एडवाइजर बताते हैं। इसके बाद ये किसी इन्वेस्टमेंट ऐप में निवेश कर मोटे रिटर्न का झांसा देते हैं। यह ऐप क्रिप्टोकरेंसी या शेयर मार्केट या किसी दूसरी स्कीम से जुड़ी हो सकती है, लेकिन यह पूरी तरह से फर्जी होती है।
ये शुरू में थोड़ी रकम निवेश कराते हैं और उस पर अच्छा रिटर्न देते हैं। जैसे शुरू में 10 या 15 हजार रुपये निवेश करने पर ये उसे एक हफ्ते में ही दोगुना रिटर्न दे देते हैं। निवेश करने वाला वह शख्स उस रकम को उस ऐप से निकालकर अपने बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर लेता है। यह सब उस शख्स का भरोसा जीतने के लिए होता है।
भरोसा जीतने के बाद असली खेल शुरूअसली खेल इसके बाद शुरू होता है। भरोसा जीतने के बाद ठग उससे बड़ी रकम जमा करवाते हैं। उस ऐप में जबरदस्त रिटर्न दिखाई देता है और निवेश की हुई रकम कुछ ही दिनों में करोड़ों की हो जाती है। जब वह शख्स उस रकम को निकालने की कोशिश करता है तो उससे और रकम निवेश कराई जाती है। ऐसा करके काफी लोग लाखों-करोड़ों रुपये निवेश कर देते हैं। जब सच्चाई पता चलती है, उनके साथ ठगी हो चुकी होती है। ज्यादातर लोगों को वह पैसा कभी वापस नहीं मिलता।
काफी लोग गंवा चुके हैं बड़ी रकमइस वीडियो को असली मानकर काफी लोग ऐप में निवेश कर करोड़ों रुपये की रकम गंवा चुके हैं। हाल ही में रुड़की के एक शख्स के साथ इस वीडियो के जरिए 66 लाख रुपये की ठगी हुई है। ठगों ने उस आदमी से 7 मई से 29 मई के बीच कई बार में 66 लाख रुपये अपने बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करवाए।
इससे पहले जून में हैदराबाद के एक 71 साल के बुजुर्ग के साथ भी 20 लाख रुपये की ठगी हुई थी। यह ठगी भी वित्त मंत्री के डीपफेक वीडियो के जरिए हुई थी। पिछले महीने भी मैंगलोर के एक शख्स ने निर्मला सीतारमण के उस वीडियो को असली समझ 22 लाख रुपये से ज्यादा की रकम निवेश कर दी थी। ये कुछ उदाहरण हैं। वित्त मंत्री के इस नकली वीडियो को असली समझ बहुत सारे लोग करोड़ों रुपये की रकम से हाथ धो बैठे हैं।
पीआईबी ने बताया था फर्जीअगस्त में पीआईबी ने इस वीडियो को फर्जी बताया था। पीआईबी फैक्ट चेक टीम का कहना है कि ये सब स्कैम है। ये वीडियो डिजिटल तरीके से बदले गए हैं। टीम ने लोगों को सावधान रहने की सलाह देते हुए कहा कि ऐसे किसी भी संदिग्ध दावे के झांसे में न आएं। पीआईबी ने कहा था कि सरकार या फाइनेंस मिनिस्टर ने ऐसा कोई भी प्रोग्राम शुरू या अप्रूव नहीं किया है।
क्या है डीपफेक वीडियो?ऐसे वीडियो एआई की मदद से तैयार किए जाते हैं। डीपफेक वीडियो एक तरह की भ्रम पैदा करने वाली वीडियो होती है। इसमें उस शख्स की आवाज का भी इस्तेमाल किया जाता है। यह सब फर्जी तरीके से होता है। इसे देखकर लगता है कि वीडियो में दिखाई दे रहा शख्स बिल्कुल असली है और वही बोल रहा है।
कैसे बचें ऐसे वीडियो से?अगर निवेश से जुड़ा हुआ ऐसा कोई भी वीडियो आता है या कोई शख्स किसी सरकारी स्कीम के बारे में बताता है तो उसके बारे में ऑफिशियल वेबसाइट से जानकारी जरूर लें। साथ ही न्यूजपेपर और न्यूज वेबसाइट पर भी ऐसी स्कीम के बारे में पता करें। इसके अलावा गूगल की भी मदद ले सकते हैं कि वहीं यह स्कीम फेक तो नहीं। सबसे बड़ी बात, लालच से बचें और किसी भी स्कीम में निवेश करने से पहले फाइनेंशियल एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
ठगी होने पर क्या करें?अगर आपके साथ इस प्रकार की ऑनलाइन ठगी हो जाए तो ये कदम उठाएं:
सोशल मीडिया पर भी करें शिकायतअगर स्कैमर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए कॉल की है तो उस प्लेटफॉर्म के हेल्प सेक्शन में जाकर भी कॉल करने वाले शख्स को रिपोर्ट कर सकते हैं और उसकी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।
7 साल तक की सजासाइबर फ्रॉड करने वाले शख्स पर आईबी ऐक्ट और आईपीसी के तहत केस दर्ज हो सकता है और उसे 7 साल तक की सजा हो सकती है। शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस की जिम्मेदारी है कि वह फ्रॉड करने वाले शख्स को आईपी ऐड्रेस, लोकेशन या सोशल मीडिया या दूसरे प्लेटफॉर्म पर मौजूद बेसिक जानकारी के आधार पर तलाशे।
एआई से बनाया है वीडियोवित्त मंत्री का यह वीडियो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से बनाया गया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह वीडियो काफी वायरल है। इसमें एक लिंक दिया होता है। इस वीडियो को असली मानकर दिए लिंक पर क्लिक करते हैं और उसमें बताए ऐप को अपने फोन में इंस्टॉल कर लेते हैं। इसके बाद वह उस ऐप में रकम निवेश करते हैं। बाद में वह रकम निकल नहीं पाती। जब तक वह कुछ समझ पाते हैं, उन्हें बड़ी रकम का चूना लग चुका होता है।
कैसे करते हैं ठगी?जब कोई शख्स उस फर्जी ऐप को डाउनलोड कर लेता है तो ठग उस शख्स से उसकी डिटेल्स मांगते हैं। इसमें फोन नंबर, ईमेल आईडी, पैन कार्ड, आधार कार्ड, बैंक आदि की डिटेल्स शामिल होती हैं। इसके बाद ये ठग वॉट्सऐप या टेलीग्राम या ईमेल के जरिए संपर्क करते हैं। ये ठग खुद को फाइनेंशियल एक्सपर्ट या एडवाइजर बताते हैं। इसके बाद ये किसी इन्वेस्टमेंट ऐप में निवेश कर मोटे रिटर्न का झांसा देते हैं। यह ऐप क्रिप्टोकरेंसी या शेयर मार्केट या किसी दूसरी स्कीम से जुड़ी हो सकती है, लेकिन यह पूरी तरह से फर्जी होती है।
ये शुरू में थोड़ी रकम निवेश कराते हैं और उस पर अच्छा रिटर्न देते हैं। जैसे शुरू में 10 या 15 हजार रुपये निवेश करने पर ये उसे एक हफ्ते में ही दोगुना रिटर्न दे देते हैं। निवेश करने वाला वह शख्स उस रकम को उस ऐप से निकालकर अपने बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर लेता है। यह सब उस शख्स का भरोसा जीतने के लिए होता है।
भरोसा जीतने के बाद असली खेल शुरूअसली खेल इसके बाद शुरू होता है। भरोसा जीतने के बाद ठग उससे बड़ी रकम जमा करवाते हैं। उस ऐप में जबरदस्त रिटर्न दिखाई देता है और निवेश की हुई रकम कुछ ही दिनों में करोड़ों की हो जाती है। जब वह शख्स उस रकम को निकालने की कोशिश करता है तो उससे और रकम निवेश कराई जाती है। ऐसा करके काफी लोग लाखों-करोड़ों रुपये निवेश कर देते हैं। जब सच्चाई पता चलती है, उनके साथ ठगी हो चुकी होती है। ज्यादातर लोगों को वह पैसा कभी वापस नहीं मिलता।
काफी लोग गंवा चुके हैं बड़ी रकमइस वीडियो को असली मानकर काफी लोग ऐप में निवेश कर करोड़ों रुपये की रकम गंवा चुके हैं। हाल ही में रुड़की के एक शख्स के साथ इस वीडियो के जरिए 66 लाख रुपये की ठगी हुई है। ठगों ने उस आदमी से 7 मई से 29 मई के बीच कई बार में 66 लाख रुपये अपने बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करवाए।
इससे पहले जून में हैदराबाद के एक 71 साल के बुजुर्ग के साथ भी 20 लाख रुपये की ठगी हुई थी। यह ठगी भी वित्त मंत्री के डीपफेक वीडियो के जरिए हुई थी। पिछले महीने भी मैंगलोर के एक शख्स ने निर्मला सीतारमण के उस वीडियो को असली समझ 22 लाख रुपये से ज्यादा की रकम निवेश कर दी थी। ये कुछ उदाहरण हैं। वित्त मंत्री के इस नकली वीडियो को असली समझ बहुत सारे लोग करोड़ों रुपये की रकम से हाथ धो बैठे हैं।
पीआईबी ने बताया था फर्जीअगस्त में पीआईबी ने इस वीडियो को फर्जी बताया था। पीआईबी फैक्ट चेक टीम का कहना है कि ये सब स्कैम है। ये वीडियो डिजिटल तरीके से बदले गए हैं। टीम ने लोगों को सावधान रहने की सलाह देते हुए कहा कि ऐसे किसी भी संदिग्ध दावे के झांसे में न आएं। पीआईबी ने कहा था कि सरकार या फाइनेंस मिनिस्टर ने ऐसा कोई भी प्रोग्राम शुरू या अप्रूव नहीं किया है।
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क्या है डीपफेक वीडियो?ऐसे वीडियो एआई की मदद से तैयार किए जाते हैं। डीपफेक वीडियो एक तरह की भ्रम पैदा करने वाली वीडियो होती है। इसमें उस शख्स की आवाज का भी इस्तेमाल किया जाता है। यह सब फर्जी तरीके से होता है। इसे देखकर लगता है कि वीडियो में दिखाई दे रहा शख्स बिल्कुल असली है और वही बोल रहा है।
कैसे बचें ऐसे वीडियो से?अगर निवेश से जुड़ा हुआ ऐसा कोई भी वीडियो आता है या कोई शख्स किसी सरकारी स्कीम के बारे में बताता है तो उसके बारे में ऑफिशियल वेबसाइट से जानकारी जरूर लें। साथ ही न्यूजपेपर और न्यूज वेबसाइट पर भी ऐसी स्कीम के बारे में पता करें। इसके अलावा गूगल की भी मदद ले सकते हैं कि वहीं यह स्कीम फेक तो नहीं। सबसे बड़ी बात, लालच से बचें और किसी भी स्कीम में निवेश करने से पहले फाइनेंशियल एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
ठगी होने पर क्या करें?अगर आपके साथ इस प्रकार की ऑनलाइन ठगी हो जाए तो ये कदम उठाएं:
- पुलिस की नजदीकी साइबर सेल में जाकर लिखित रूप से शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
- अगर नजदीक में साइबर सेल नहीं है तो स्थानीय थाने में जाकर भी लिखित रूप से शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। वहां पुलिस की जिम्मेदारी है कि वह उस शिकायत को साइबर सेल में ट्रांसफर कर दे।
- पुलिस में या साइबर सेल में सुनवाई न हो तो डिस्ट्रिक कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
- केंद्र सरकार की वेबसाइट cybercrime.gov.in पर जाकर भी ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
सोशल मीडिया पर भी करें शिकायतअगर स्कैमर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए कॉल की है तो उस प्लेटफॉर्म के हेल्प सेक्शन में जाकर भी कॉल करने वाले शख्स को रिपोर्ट कर सकते हैं और उसकी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।
7 साल तक की सजासाइबर फ्रॉड करने वाले शख्स पर आईबी ऐक्ट और आईपीसी के तहत केस दर्ज हो सकता है और उसे 7 साल तक की सजा हो सकती है। शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस की जिम्मेदारी है कि वह फ्रॉड करने वाले शख्स को आईपी ऐड्रेस, लोकेशन या सोशल मीडिया या दूसरे प्लेटफॉर्म पर मौजूद बेसिक जानकारी के आधार पर तलाशे।
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