US Student Visa News: अमेरिका में विदेशी छात्रों को स्टूडेंट वीजा पाने के लिए कड़ी जांच से गुजरना होगा। उनके सोशल मीडिया अकाउंट की गतिविधियां चेक की जाएंगी, जिसके आधार पर तय होगा कि उन्हें वीजा मिलेगा या नहीं। जांच के नए तरीकों की वजह से वीजा इंटरव्यू की शेड्यूलिंग को भी रोक दिया गया है। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका इस बात की जांच करना जारी रखेगा कि किसी स्टूडेंट या टूरिस्ट को वीजा की जरूरत है या नहीं। टैमी ब्रूस ने कहा, "हालांकि, हम जानते हैं कि हम देश में आने वाले लोगों की जांच करने की प्रक्रिया को बहुत गंभीरता से लेते हैं और हम ऐसा करना जारी भी रखेंगे। हम जांच करना जारी रखने वाले हैं। चाहे आप छात्र हों या पर्यटक, जिसे वीजा की जरूरत है। या फिर आप कोई भी हों, हम आप पर नजर रखेंगे। ऐसा क्यों माना जा रहा है कि ये एक विवादास्पद मामला है? लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए।" कुल मिलाकर अमेरिकी सरकार ने साफ कर दिया है कि वीजा से पहले आवेदकों की कड़ाई से जांच की जाएगी। वीजा इंटरव्यू अप्वाइंटमेंट बुकिंग बंदविदेश मंत्री मार्को रूबियो ने सभी अमेरिकी दूतावासों और महावाणिज्य दूतावासों को आदेश दिया है कि वे नए स्टूडेंट वीजा इंटरव्यू अप्वाइंटमेंट बुकिंग शेड्यूल करना बंद कर दें। माना जा रहा है कि ऐसा इसलिए किया गया है, ताकि आवेदकों के सोशल मीडिया अकाउंट की जांच हो सके। अमेरिका में पिछले साल कॉलेज कैंपसों में फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शन हुए थे, जिसे देखते हुए अब सरकार चौंकन्नी हो गई है। सोशल मीडिया पर की जाने वाली पोस्ट के जरिए तय होगा कि वीजा दिया जाएगा या नहीं। सोशल मीडिया जांच के लिए क्या करेंगे दूतावास?रॉयटर्स ने विदेश मंत्री के आदेश के हवाले से बताया कि सोशल मीडिया जांच के लिए वाणिज्य दूतावासों के सेक्शन को अपने ऑपरेशन, प्रोसेस और संसाधनों के आवंटन को संशोधित करने की जरूरत होगी। सेक्शन को सलाह मिली है कि वे वर्कलोड और संसाधन की जरूरत का ध्यान रखें, ताकि जांच के दौरान दिक्कतें नहीं हों। आदेश में ये भी सलाह दी गई है कि दूतावास के सेक्शन अमेरिकी नागरिकों की सेवाओं, इमिग्रेंट वीजा और धोखाधड़ी रोकने के काम पर भी ध्यान रखें। सोशल मीडिया जांच से क्या मतलब है?सोशल मीडिया जांच का मतलब है कि स्टूडेंट वीजा के लिए अप्लाई करने वाले छात्र की ऑनलाइन एक्टिविटी की जांच करना। वीजा अधिकारी संभावित छात्रों के सोशल मीडिया प्रोफाइल का रिव्यू करेंगे, ताकि ये तय किया जा सके कि उन्हें अमेरिकी यूनिवर्सिटीज में पढ़ने की इजाजत दी जानी चाहिए या नहीं। सरकार देखना चाहती है कि जिस छात्र को वीजा दिया जा रहा है, वह किसी आतंकी संगठन का समर्थक या अमेरिका की नीतियों के खिलाफ तो नहीं है। यूएस आने वाले लोगों को यहां का कानून समझना होगा: विदेश मंत्रालयटैमी ब्रूस ने आगे कहा कि ट्रंप सरकार द्वारा उठाए गए कदम हानिकारक लग सकते हैं, लेकिन अमेरिका आने वाले लोगों को यहां का कानून समझना होगा। उन्होंने कहा, "हम यहां मीडिया को नहीं बताने वाले हैं कि किस तरह के कदम उठाए गए हैं। हम जिन तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं, वो बहुत से लोगों को हानिकारक लग सकता है। शायद हमारा यही लक्ष्य था।"उन्होंने आगे कहा, "राष्ट्रपति ट्रंप और विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने कहा है कि हमें ये सुनिश्चित करना होगा कि यहां आने वाले लोग कानून को समझें। उनकी कोई आपराधिक इच्छा नहीं होनी चाहिए। वे यहां के अनुभव में योगदान देने वाले होने चाहिए। इसलिए हम डिटेल्स का खुलासा नहीं करेंगे। लेकिन उम्मीद है कि इससे हमें यह समझने में मदद मिलेगी कि कौन इस देश की यात्रा करने का हकदार है और कौन नहीं।"
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