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पाकिस्तान के निशाने पर क्यों है रिलायंस की जामनगर रिफाइनरी? मुनीर की धमकी के मायने समझ लीजिए

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नई दिल्ली : पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसीम मुनीर एक फिर अमेरिका दौरे पर गए हैं। मुनीर ने हाल ही में अपने आक्रामक भाषण में, भारत पर परमाणु हमला करने की धमकी दी।पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने भविष्य में भारत के साथ किसी भी सैन्य संघर्ष की स्थिति में, गुजरात के जामनगर में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की रिफाइनरी को निशाना बनाने की मंशा का संकेत मिला। जामनगर रिफाइनरी दुनिया का सबसे बड़ा सिंगल-साइट रिफाइनिंग कॉम्प्लेक्स है।



अमेरिका में फ्लोरिडा के टाम्पा में एक औपचारिक डिनर में बोलते हुए, मुनीर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट का हवाला दिया। इसमें कुरान की एक आयत के साथ आरआईएल के अध्यक्ष मुकेश अंबानी की तस्वीर थी। मुनीर ने कहा कि उन्होंने भारत के साथ हालिया संघर्ष के दौरान इसे अधिकृत किया था, ताकि उन्हें दिखाया जा सके कि अगली बार हम क्या करेंगे। मीडिया रिपोर्टों में बंद कमरे में आयोजित इस कार्यक्रम में मौजूद लोगों के हवाले से यह जानकारी दी गई।



570 ई. पूर्व हाथी वर्ष का कनेक्शन

हालांकि इससे यह चर्चा शुरू हो गई कि मुनीर तेल से लेकर दूरसंचार और रिटेल कारोबार तक के सबसे अमीर भारतीय समूह को धमकी दे रहे हैं। अंबानी की कुल संपत्ति 115 अरब डॉलर से अधिक है। कुरान के 105वें अध्याय सूरह अल-फिल (हाथी) की आयत में वर्णित इस कथन की व्याख्या आधुनिक युद्ध में हवाई हमले के रूप में की जा सकती है।



खुले स्रोतों से मिली जानकारी के अनुसार, यह आयत लगभग 570 ई. में हाथी वर्ष का उल्लेख करती है। उस समय यमन के शासक अब्राहा ने काबा को नष्ट करने के लिए हाथियों की एक सेना का नेतृत्व किया था। तब अल्लाह ने पकी हुई मिट्टी के पत्थर ले जाने वाले पक्षियों के झुंड भेजे, जिन्होंने अब्राहा की सेना पर हमला करके उसे नष्ट कर दिया।



भारत करता है खतरों का आकलन

भारत अपने संवेदनशील आर्थिक प्रतिष्ठानों, खासकर सीमावर्ती राज्यों में स्थित या पाकिस्तानी हवाई हमलों की जद में आने वाले प्रतिष्ठानों, के लिए सैन्य और अन्य खतरों का लगातार आकलन करता रहता है। अतीत में, खुफिया एजेंसियों की ओर से ऐसे प्रतिष्ठानों, खासकर आरआईएल रिफाइनरी, को पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों से खतरे के बारे में अलग-अलग रिपोर्टें आई हैं।



आर्थिक ताकत, क्षमता का प्रतीक

मुनीर ने अपनी धमकी के लिए अंबानी को इसलिए चुना क्योंकि आरआईएल प्रमुख भारत की आर्थिक शक्ति और क्षमता के प्रतीक हैं। हालांकि अन्य तेल प्रतिष्ठान और संपत्तियाँ भी असुरक्षित मानी जा सकती हैं। जामनगर परिसर का विशाल आकार इसे भारत के रिफाइनिंग क्षेत्र में एक प्रमुख आकर्षण बनाता है। इसकी वार्षिक क्षमता 33 मिलियन टन कच्चे तेल के प्रोसेसिंग की है। ये भारत की कुल रिफाइनिंग क्षमता का 12% है। यह रिफाइंड पेट्रोलियम प्रोडक्ट का एक प्रमुख एक्सपोर्टर हैं।

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