नई दिल्ली:भारतीय सेना में महिलाओं और पुरुषों के बीच फिजिकल टेस्ट पैरामीटर के मानकीकरण (standardisation) करने की दिशा में काम हो रहा है। इसे लेकर अभी स्टडी चल रही है और माना जा रहा है कि स्टडी पूरी होने के बाद सेना में महिला और पुरुष के बीच फिजिकल पैरामीटर में गैप को कम किया जा सकता है। कई दूसरे देश में जहां महिलाएं सेना में हर रोल में शामिल हैं वहां सामान्य तौर पर तो महिला और पुरुषों के लिए फिजिकल पैरामीटर लिंग के हिसाब से ही तय किए गए हैं लेकिन कुछ देशों में कॉम्बेट रोल के लिए महिला और पुरुषों के लिए एक जैसे ही मानक रखे गए हैं।
भारत में कॉम्बेट रोल में नहीं हैं महिलाएंभारतीय सेना में अभी महिलाएं कॉम्बेट रोल में नहीं हैं। भारतीय सेना में इंफ्रेंट्री, आर्मर्ड और मैकेनाइज्ड इंफ्रेंट्री आर्मी की कॉम्बेट आर्म यानी लड़ाकू शाखाएं हैं। इनमें अभी महिलाएं नहीं हैं। हालांकि अब आर्टिलरी में महिलाएं हैं और एयर डिफेंस सहित आर्मी एविएशन में भी महिलाएं हैं। लेकिन एनडीए में लड़कियों की एंट्री के साथ ही इस पर भी चर्चा होने लगी थी कि क्या लड़ाकू भूमिकाएं भी महिलाओं के लिए खोली जानी चाहिए।
SC के आदेश के बाद हुई एंट्री
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एनडीए में लड़कियों की एंट्री हुई और जून 2022 में एनडीए में लड़कियों का पहला बैच पहुंचा। एनडीए का पहला लड़कियों का बैच पासआउट होकर इंडियन मिलिट्री अकेडमी में ट्रेनिंग ले रहा है। इसी साल जनवरी में सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा था कि हमें मजबूत महिला अधिकारी चाहिए इसका मतलब है कि हमें काली माता का रूप चाहिए। उन्होंने कहा था कि महिला और पुरुष अधिकारियों के फिजिकल टेस्ट पैरामीटर करीब करीब एक जैसे होने चाहिए लेकिन फिजिकल कंडीशन को देखते हुए कुछ एक्सेप्शन हो सकते हैं।
अभी ये है भारतीय सेना में शारीरिक क्षमता का पैमानाभारतीय सेना में कमिशन होने से पहले महिलाओं की ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकेडमी (ओटीए) गया और ओटीए चेन्नै में ट्रेनिंग होती है। इसी साल से आईएमए में भी महिलाओं की ट्रेनिंग शुरू हुई है। तीनों जगह तय फिजिकल पैरामीटर के हिसाब से ही ट्रेनिंग होगी।
बेटल फिजिकल इफिसिएंसी टेस्ट (बीपीईटी) में करीब 4.5 किलो वजन के साथ 5 किलोमीटर की दौड़ पुरुष कैडेट को 27.30 मिनट में और महिला कैडेट को 34 मिनट में पूरी करनी होती है। 60 मीटर की स्पिंट (तेज दौड़) पुरुष कैडेट को 12 सेकंड में पूरी करनी होती है और महिला कैडेट को 19 सेकंड में।
फिजिकल टेस्ट के पहले राउंड
इसी तरह फिजिकल प्रफेसिएंसी टेस्ट (पीपीटी) में पहले टर्म में 2.4 किलोमीटर की दौड़ पुरुषों को 10.30 मिनट में पूरी करनी होती है और महिलाओं को 14 मिनट में। सेकंड टर्म में यही दौड़ पुरुषों को 10 मिनट में महिलाओं को अब 13 मिनट में करनी होती है। पहले टर्म में पुरुषों को 4 चिनअप्स करने होते हैं तो महिलाओं को 12 पुशअप्स। सेकंड टर्म में पुरुषों को 6 चिनअप्स और महिलाओं को 16 पुशअप्स करने होते हैं। सिटअप्स दोनों के लिए समान हैं। पहले टर्म में दोनों को कम से कम 25 और दूसरे टर्म में 30 सिटअप्स करने होते हैं।
अमेरिका में कॉम्बेट रोल में फिजिकल पैरामीटर जेंडर न्यूट्रल
यूएस एंबेंसी के प्रवक्ता ने कहा कि ‘आर्मी बूट कैंप का मकसद नागरिकों को सैनिकों में बदलना और यह सुनिश्चित करना है कि वे हमेशा उच्च स्तर की तैयारी में रहें। यह ट्रेनिंग और तैयारी का मानक हर सैनिक चाहे वह पुरुष हो या महिला, सबके लिए समान है। ज्यादातर गैर लड़ाकू भूमिकाओं में फिटनेस और बॉडी-कम्पोज़िशन मानक उम्र और लिंग (जेंडर) के अनुसार तय किए जाते हैं। लेकिन कॉम्बेट रोल यानी लड़ाकू भूमिकाओं में सभी के लिए प्रदर्शन मानक एक जैसे ही होते हैं’।
यूएस आर्मी का आर्मी फिटनेस टेस्ट
इसी साल अप्रैल में यूएस आर्मी ने ऐलान किया कि अब सभी सैनिकों के लिए नया आर्मी फिटनेस टेस्ट (AFT) लागू होगा। यह टेस्ट पहले वाले आर्मी कॉम्बेट फिटनेस टेस्ट की जगह लेगा। इसमें पांच तरह की एक्सरसाइज शामिल हैं- –तीन बार का अधिकतम डेडलिफ्ट, हैंड-रिलीज पुश-अप विद आर्म एक्सटेंशन, स्प्रिंट-ड्रैग-कैरी, प्लैंक और दो मील की दौड़। AFT को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है। यूएस आर्मी के मुताबिक AFT का कॉम्बैट स्टैंडर्ड लिंग-निरपेक्ष (जेंडर न्यूट्रल) है और इसमें उम्र के हिसाब से मानक रखे गए हैं। कॉम्बैट भूमिकाओं में काम करने वाले सैनिकों को हर अभ्यास में कम से कम 60 अंक और कुल मिलाकर कम से कम 350 अंक हासिल करना अनिवार्य होगा। हालांकि AFT का सामान्य स्टैंडर्ड सैनिकों के लिंग और उम्र के समूहों के आधार पर तय किया गया है।
ब्रिटिश आर्मी में ये हैं मानक
ब्रिटिश आर्मी के प्रवक्ता ने कहा कि “पुरुष और महिला उम्मीदवारों के बीच शारीरिक मानकों में सिर्फ़ BMI रेंज और कमर की परिधि का अंतर है। बाकी सभी शारीरिक एंट्री स्टैंडर्ड समान हैं, जिनमें ‘रोल फिटनेस टेस्ट ऑन एंट्री’ और न्यूनतम 155 सेंटीमीटर की लंबाई शामिल है। कुछ खास भूमिकाओं के लिए सीमित छूट के साथ।”
ब्रिटिश आर्मी से जुड़ी अलग अलग वेबसाइट के मुताबिक जिन उम्मीदवारों का BMI 18.0 से 29.9 के बीच है और जो फिटनेस टेस्ट पास कर लेते हैं, वे सीधे बेसिक ट्रेनिंग या कमीशनिंग कोर्स के लिए आगे बढ़ सकते हैं। जिन उम्मीदवारों का BMI 30.0 से 32 के बीच है और जिन्होंने फिटनेस टेस्ट पास कर लिया है, उनकी कमर की परिधि (Waist Circumference ) नापी जाएगी। ये पुरुष उम्मीदवार के लिए अधिकतम 98 सेमी तक मान्य। महिला उम्मीदवार के लिए अधिकतम 84 सेमी तक मान्य है। ऐसे उम्मीदवार बेसिक ट्रेनिंग (BT) या कमीशनिंग कोर्स (CC) के लिए आगे बढ़ सकते हैं।
इजरायल में जेंडर के हिसाब से तय हैं मानकइजरायल एंबेसी के प्रवक्ता ने बताया कि इजरायली सेना में महिला और पुरूष दोनों के लिए शारीरिक टेस्ट होते हैं, लेकिन पुरुषों के पैरामीटर थोड़ा ज्यादा होता है। जैसे 100 अंक पाने के लिए पुरुषों को 75 पुश-अप करने होते हैं और महिलाओं को 48। इसी तरह जो वज़न (वेस्ट) साथ रखना होता है वह भी पुरुषों के लिए ज़्यादा होता है। ये फर्क इसलिए है ताकि पुरुष और महिलाएं बराबर प्रदर्शन कर सकें। लेकिन ट्रेनिंग, बूट कैंप, एक्सरसाइज, नींद के घंटे और बाकी सब चीजें दोनों के लिए एक जैसी होती हैं।
सेना की एक डिवीज़न का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि पुरुषों के लिए 7 पुल-अप्स (7 किलो वज़न के साथ), 7 डिप्स, 7 स्क्वाट्स (+80 किलो वज़न के साथ), 3 किलोमीटर दौड़ 14:20 मिनट से कम समय में, यह सब जरूरी है। महिलाओं के लिए 7 पुल-अप्स (रबर बैंड की मदद से), 7 डिप्स, 7 स्क्वाट्स (+60 किलो वज़न के साथ), 3 किलोमीटर दौड़ 18:30 मिनट से कम समय में, ये जरूरी है। इजरायल में दोनों के लिए सेना में सेवा अनिवार्य है। अगर पुरुष फिट हैं तो उन्हें कॉम्बेट (युद्ध) रोल में जाना होता है। महिलाओं के लिए यह ज़रूरी नहीं है। उन्हें कॉम्बेट रोल खुद चुनना होता है। फिर भी महिलाएं सेना में हर भूमिका में हैं और वही ज़िम्मेदारियां निभा रही हैं जो पुरुष निभाते हैं।
फ्रेंच आर्मी में भी हर रोल में महिलाएंफ्रांस एबेंसी के एक प्रवक्ता के मुताबिक फ्रेंच आर्मी में शारीरिक आकलन मूल रूप से पुरुषों और महिलाओं के लिए समान हैं लेकिन कुछ टेस्ट में मानकों को निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए अडजस्ट किया जाता है। फ्रांस आर्मी में महिलाएं कॉम्बेट यूनिट्स में शामिल हो सकती हैं और वे उन सभी पदों के लिए पात्र हैं जो पुरुषों के लिए उपलब्ध हैं, जिनमें इन्फेंट्री भी शामिल है। शारीरिक परीक्षण सभी यूनिट्स में मानकीकृत (standardised) हैं और भूमिका के अनुसार इनमें कोई फर्क नहीं है।
फ्रेंच आर्मी में भर्ती के समय शारीरिक आवश्यकताओं में ये सब शामिल है। दौड़ परीक्षण, इसमें प्रोग्रेसिव शटल रन (मल्टी-स्टेज फिटनेस टेस्ट) होता है जिसमें पुरुषों को लेवल 7 और महिलाओं को लेवल 6 तक पहुंचना होता है। पुरुषों के लिए न्यूनतम 6 पुल-अप्स या वैकल्पिक रूप से महिलाओं के लिए 10 पुली पुल्स। किली टेस्ट (दीवार से टिककर बैठने की स्थिति को अधिकतम 168 सेकंड तक बनाए रखना)। सभी को standardised बाधा दौड़ (ऑब्स्टेकल कोर्स) को पूरा करना होता है।
भारत में कॉम्बेट रोल में नहीं हैं महिलाएंभारतीय सेना में अभी महिलाएं कॉम्बेट रोल में नहीं हैं। भारतीय सेना में इंफ्रेंट्री, आर्मर्ड और मैकेनाइज्ड इंफ्रेंट्री आर्मी की कॉम्बेट आर्म यानी लड़ाकू शाखाएं हैं। इनमें अभी महिलाएं नहीं हैं। हालांकि अब आर्टिलरी में महिलाएं हैं और एयर डिफेंस सहित आर्मी एविएशन में भी महिलाएं हैं। लेकिन एनडीए में लड़कियों की एंट्री के साथ ही इस पर भी चर्चा होने लगी थी कि क्या लड़ाकू भूमिकाएं भी महिलाओं के लिए खोली जानी चाहिए।
SC के आदेश के बाद हुई एंट्री
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एनडीए में लड़कियों की एंट्री हुई और जून 2022 में एनडीए में लड़कियों का पहला बैच पहुंचा। एनडीए का पहला लड़कियों का बैच पासआउट होकर इंडियन मिलिट्री अकेडमी में ट्रेनिंग ले रहा है। इसी साल जनवरी में सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा था कि हमें मजबूत महिला अधिकारी चाहिए इसका मतलब है कि हमें काली माता का रूप चाहिए। उन्होंने कहा था कि महिला और पुरुष अधिकारियों के फिजिकल टेस्ट पैरामीटर करीब करीब एक जैसे होने चाहिए लेकिन फिजिकल कंडीशन को देखते हुए कुछ एक्सेप्शन हो सकते हैं।
अभी ये है भारतीय सेना में शारीरिक क्षमता का पैमानाभारतीय सेना में कमिशन होने से पहले महिलाओं की ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकेडमी (ओटीए) गया और ओटीए चेन्नै में ट्रेनिंग होती है। इसी साल से आईएमए में भी महिलाओं की ट्रेनिंग शुरू हुई है। तीनों जगह तय फिजिकल पैरामीटर के हिसाब से ही ट्रेनिंग होगी।
बेटल फिजिकल इफिसिएंसी टेस्ट (बीपीईटी) में करीब 4.5 किलो वजन के साथ 5 किलोमीटर की दौड़ पुरुष कैडेट को 27.30 मिनट में और महिला कैडेट को 34 मिनट में पूरी करनी होती है। 60 मीटर की स्पिंट (तेज दौड़) पुरुष कैडेट को 12 सेकंड में पूरी करनी होती है और महिला कैडेट को 19 सेकंड में।
फिजिकल टेस्ट के पहले राउंड
इसी तरह फिजिकल प्रफेसिएंसी टेस्ट (पीपीटी) में पहले टर्म में 2.4 किलोमीटर की दौड़ पुरुषों को 10.30 मिनट में पूरी करनी होती है और महिलाओं को 14 मिनट में। सेकंड टर्म में यही दौड़ पुरुषों को 10 मिनट में महिलाओं को अब 13 मिनट में करनी होती है। पहले टर्म में पुरुषों को 4 चिनअप्स करने होते हैं तो महिलाओं को 12 पुशअप्स। सेकंड टर्म में पुरुषों को 6 चिनअप्स और महिलाओं को 16 पुशअप्स करने होते हैं। सिटअप्स दोनों के लिए समान हैं। पहले टर्म में दोनों को कम से कम 25 और दूसरे टर्म में 30 सिटअप्स करने होते हैं।
अमेरिका में कॉम्बेट रोल में फिजिकल पैरामीटर जेंडर न्यूट्रल
यूएस एंबेंसी के प्रवक्ता ने कहा कि ‘आर्मी बूट कैंप का मकसद नागरिकों को सैनिकों में बदलना और यह सुनिश्चित करना है कि वे हमेशा उच्च स्तर की तैयारी में रहें। यह ट्रेनिंग और तैयारी का मानक हर सैनिक चाहे वह पुरुष हो या महिला, सबके लिए समान है। ज्यादातर गैर लड़ाकू भूमिकाओं में फिटनेस और बॉडी-कम्पोज़िशन मानक उम्र और लिंग (जेंडर) के अनुसार तय किए जाते हैं। लेकिन कॉम्बेट रोल यानी लड़ाकू भूमिकाओं में सभी के लिए प्रदर्शन मानक एक जैसे ही होते हैं’।
यूएस आर्मी का आर्मी फिटनेस टेस्ट
इसी साल अप्रैल में यूएस आर्मी ने ऐलान किया कि अब सभी सैनिकों के लिए नया आर्मी फिटनेस टेस्ट (AFT) लागू होगा। यह टेस्ट पहले वाले आर्मी कॉम्बेट फिटनेस टेस्ट की जगह लेगा। इसमें पांच तरह की एक्सरसाइज शामिल हैं- –तीन बार का अधिकतम डेडलिफ्ट, हैंड-रिलीज पुश-अप विद आर्म एक्सटेंशन, स्प्रिंट-ड्रैग-कैरी, प्लैंक और दो मील की दौड़। AFT को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है। यूएस आर्मी के मुताबिक AFT का कॉम्बैट स्टैंडर्ड लिंग-निरपेक्ष (जेंडर न्यूट्रल) है और इसमें उम्र के हिसाब से मानक रखे गए हैं। कॉम्बैट भूमिकाओं में काम करने वाले सैनिकों को हर अभ्यास में कम से कम 60 अंक और कुल मिलाकर कम से कम 350 अंक हासिल करना अनिवार्य होगा। हालांकि AFT का सामान्य स्टैंडर्ड सैनिकों के लिंग और उम्र के समूहों के आधार पर तय किया गया है।
ब्रिटिश आर्मी में ये हैं मानक
ब्रिटिश आर्मी के प्रवक्ता ने कहा कि “पुरुष और महिला उम्मीदवारों के बीच शारीरिक मानकों में सिर्फ़ BMI रेंज और कमर की परिधि का अंतर है। बाकी सभी शारीरिक एंट्री स्टैंडर्ड समान हैं, जिनमें ‘रोल फिटनेस टेस्ट ऑन एंट्री’ और न्यूनतम 155 सेंटीमीटर की लंबाई शामिल है। कुछ खास भूमिकाओं के लिए सीमित छूट के साथ।”
ब्रिटिश आर्मी से जुड़ी अलग अलग वेबसाइट के मुताबिक जिन उम्मीदवारों का BMI 18.0 से 29.9 के बीच है और जो फिटनेस टेस्ट पास कर लेते हैं, वे सीधे बेसिक ट्रेनिंग या कमीशनिंग कोर्स के लिए आगे बढ़ सकते हैं। जिन उम्मीदवारों का BMI 30.0 से 32 के बीच है और जिन्होंने फिटनेस टेस्ट पास कर लिया है, उनकी कमर की परिधि (Waist Circumference ) नापी जाएगी। ये पुरुष उम्मीदवार के लिए अधिकतम 98 सेमी तक मान्य। महिला उम्मीदवार के लिए अधिकतम 84 सेमी तक मान्य है। ऐसे उम्मीदवार बेसिक ट्रेनिंग (BT) या कमीशनिंग कोर्स (CC) के लिए आगे बढ़ सकते हैं।
इजरायल में जेंडर के हिसाब से तय हैं मानकइजरायल एंबेसी के प्रवक्ता ने बताया कि इजरायली सेना में महिला और पुरूष दोनों के लिए शारीरिक टेस्ट होते हैं, लेकिन पुरुषों के पैरामीटर थोड़ा ज्यादा होता है। जैसे 100 अंक पाने के लिए पुरुषों को 75 पुश-अप करने होते हैं और महिलाओं को 48। इसी तरह जो वज़न (वेस्ट) साथ रखना होता है वह भी पुरुषों के लिए ज़्यादा होता है। ये फर्क इसलिए है ताकि पुरुष और महिलाएं बराबर प्रदर्शन कर सकें। लेकिन ट्रेनिंग, बूट कैंप, एक्सरसाइज, नींद के घंटे और बाकी सब चीजें दोनों के लिए एक जैसी होती हैं।
सेना की एक डिवीज़न का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि पुरुषों के लिए 7 पुल-अप्स (7 किलो वज़न के साथ), 7 डिप्स, 7 स्क्वाट्स (+80 किलो वज़न के साथ), 3 किलोमीटर दौड़ 14:20 मिनट से कम समय में, यह सब जरूरी है। महिलाओं के लिए 7 पुल-अप्स (रबर बैंड की मदद से), 7 डिप्स, 7 स्क्वाट्स (+60 किलो वज़न के साथ), 3 किलोमीटर दौड़ 18:30 मिनट से कम समय में, ये जरूरी है। इजरायल में दोनों के लिए सेना में सेवा अनिवार्य है। अगर पुरुष फिट हैं तो उन्हें कॉम्बेट (युद्ध) रोल में जाना होता है। महिलाओं के लिए यह ज़रूरी नहीं है। उन्हें कॉम्बेट रोल खुद चुनना होता है। फिर भी महिलाएं सेना में हर भूमिका में हैं और वही ज़िम्मेदारियां निभा रही हैं जो पुरुष निभाते हैं।
फ्रेंच आर्मी में भी हर रोल में महिलाएंफ्रांस एबेंसी के एक प्रवक्ता के मुताबिक फ्रेंच आर्मी में शारीरिक आकलन मूल रूप से पुरुषों और महिलाओं के लिए समान हैं लेकिन कुछ टेस्ट में मानकों को निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए अडजस्ट किया जाता है। फ्रांस आर्मी में महिलाएं कॉम्बेट यूनिट्स में शामिल हो सकती हैं और वे उन सभी पदों के लिए पात्र हैं जो पुरुषों के लिए उपलब्ध हैं, जिनमें इन्फेंट्री भी शामिल है। शारीरिक परीक्षण सभी यूनिट्स में मानकीकृत (standardised) हैं और भूमिका के अनुसार इनमें कोई फर्क नहीं है।
फ्रेंच आर्मी में भर्ती के समय शारीरिक आवश्यकताओं में ये सब शामिल है। दौड़ परीक्षण, इसमें प्रोग्रेसिव शटल रन (मल्टी-स्टेज फिटनेस टेस्ट) होता है जिसमें पुरुषों को लेवल 7 और महिलाओं को लेवल 6 तक पहुंचना होता है। पुरुषों के लिए न्यूनतम 6 पुल-अप्स या वैकल्पिक रूप से महिलाओं के लिए 10 पुली पुल्स। किली टेस्ट (दीवार से टिककर बैठने की स्थिति को अधिकतम 168 सेकंड तक बनाए रखना)। सभी को standardised बाधा दौड़ (ऑब्स्टेकल कोर्स) को पूरा करना होता है।
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