इस पवित्र शहर में शिव जी के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी-विश्वनाथ विराजमान हैं। इसे बनारस या काशी भी कहा जाता है, जो गंगा नदी के बाएं किनारे पर स्थित है। देश और दुनिया से यहां हजारों की संख्या में लोग आते है। ऐसे में अगर आप भी वाराणसी जाने की योजना बना रहे हैं, तो यहां के प्रसिद्ध घाटों और शिव मंदिरों के साथ प्रसिद्ध हनुमान मंदिर के दर्शन करना न भूलें। आइए जानते हैं इसके बारे में। (Pm modi photo- ani)
हनुमान जयंती पर करें संकट मोचन महाराज के दर्शन

वाराणसी में स्थित भगवान हनुमान जी का यह मंदिर लगभग 35,000 वर्ग मीटर में फैला हुआ है। हनुमान जी के इस मंदिर को इस प्रकार से बनाया गया है कि हनुमान जी के मूर्ति के ठीक सामने प्रभु श्री राम, माता सीता एवं श्री लक्ष्मण जी की मूर्तियां यहां स्थापित है।
मंदिर का इतिहास
वाराणसी में स्थित संकट मोचन हनुमान मंदिर का इतिहास लगभग 400 साल पुराना है, जो संत तुलसीदास द्वारा स्थापित किया गया था, जहां उन्हें हनुमान जी के दर्शन हुए थे। बता दें, इस मंदिर को लेकर लोगों के मन में काफी आस्था है। हनुमान जन्मोत्सव का पावन दिन पर यहां श्रद्धालुओं की काफी भीड़ देखने को मिलती है।
मंदिर में खास तरीके से मनाया जाता है हनुमान जन्मोत्सव
संकट मोचन हनुमान मंदिर के दर्शन करने की योजना बनाना चाहते हैं तो आपको हनुमान जन्मोत्सव के दिन आने की सलाह दी जाती है। बता दें, यहां हनुमान जयंती बड़े धूमधाम से मनाई जाती है। मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया जाता है. इस दौरान एक विशेष शोभा यात्रा निकाली जाती है जो दुर्गाकुंड से सटे ऐतिहासिक दुर्गा मंदिर से लेकर संकट मोचन तक जाती है। वहीं प्रसाद के रूप में शुद्ध घी के बेसन के लड्डू चढ़ाए जाते हैं।
खास है यहां की मूर्ति

संकट मोचन हनुमान मंदिर में भगवान हनुमान की मूर्ति काफी खास है, क्योंकि मूर्ति की स्थापना स्वयं तुलसी दास जी के द्वारा केवल मिट्टी से की थी। मूर्ति हृदय के ठीक सीध में श्री राम लला की मूर्ति विद्यमान है। भक्तों का मानना है, कि सदियों से मूर्ति के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है और आज भी मूर्ति पहले जैसी ही है। इसी के साथ बता दें, मंदिर के प्रांगण में एक प्राचीन कूआं भी है, जो संत तुलसीदास जी के समय का कहा जाता है।
वाराणसी में कहां स्थित है हनुमान मंदिर
संकट मोचन हनुमान मंदिर वाराणसी के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के नजदीक दुर्गा मंदिर और विश्वनाथ मंदिर के रास्ते में स्थित हैं। जहां पहुंचना काफी आसान है। मंदिर प्रतिदिन सुबह 5:00 बजे से रात 10:00 बजे तक खुला रहता है। बता दें, यहां आरती का समय अलग-अलग है।
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