मुंबई    : मुंबई के पवई इलाके में हुए चर्चित रोहित आर्या बंधक कांड और उसके बाद हुए एनकाउंटर केस में एक नया मोड़ सामने आया है। जानकारी के अनुसार, मुंबई क्राइम ब्रांच अब महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और शिवसेना विधायक दीपक केसरकर का बयान दर्ज करने की तैयारी में है। मुंबई पुलिस के अनुसार, घटना के दिन जब रोहित आर्या ने पवई में बच्चों को बंधक बना रखा था, उस समय पुलिस ने हालात को संभालने के लिए दीपक केसरकर से संपर्क किया था। पुलिस ने उनसे आरोपी रोहित आर्या से बात करने का अनुरोध किया था, लेकिन केसरकर ने बातचीत करने से इनकार कर दिया था।   
   
पुलिस की मानें तो, दीपक केसरकर का इस मामले में सीधा नहीं, बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से संबंध सामने आया है। इसी कारण क्राइम ब्रांच अब उनका बयान दर्ज कर यह समझने की कोशिश करेगी कि उस दिन उन्होंने बातचीत से इंकार क्यों किया और क्या उन्हें आरोपी से पहले से कोई जानकारी थी। इस मामले में आरोपी के परिवार ने अभी तक पुलिस को कोई बयान नहीं दिया है।
     
क्या है रोहित आर्या केसयह मामला तब सुर्खियों में आया था जब पवई के एक अपार्टमेंट में रोहित आर्या ने कुछ बच्चों को बंधक बना लिया था। कई घंटों की मशक्कत के बाद पुलिस ने एनकाउंटर में रोहित आर्या को ढेर कर दिया था। आरोपी रोहित आर्या ने बच्चों को बंधक बनाने की योजना का कदम 2 करोड़ रुपए की वसूली के लिए उठाया था, जो उसने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री दीपक केसरकर के कार्यकाल के दौरान स्कूल शिक्षा विभाग के लिए एक परियोजना के तहत किया था।
     
इस घटना को पुलिस ने बयान जारी कर बताया कि पवई स्थित आरए स्टूडियो में हुई एक नाटकीय गोलीबारी में गोली लगने से आर्या की मौत हो गई। उसने गुरुवार दोपहर करीब 1.45 बजे 17 किशोर अभिनय ऑडिशन देने वालों सहित 19 लोगों को दो घंटे तक बंधक बनाकर रखा था।
   
दीपक केसरकर ने क्या कहावहीं इस मामले में दीपक केसरकर ने कहा कि रोहित आर्या को शिक्षा विभाग से कोई आश्वासन चाहिए था। मैं उससे क्या बात करता, क्योंकि अब मैं विभाग का मंत्री नहीं हूं। मैं कुछ नहीं कर सकता था इसलिए मैंने उससे बात करने से इनकार किया था। उन्होंने कहा कि वह अपने बयान दर्ज कराने के लिए तैयार हैं। क्राइम ब्रांच पूछताछ कर सकती है।
  
पुलिस की मानें तो, दीपक केसरकर का इस मामले में सीधा नहीं, बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से संबंध सामने आया है। इसी कारण क्राइम ब्रांच अब उनका बयान दर्ज कर यह समझने की कोशिश करेगी कि उस दिन उन्होंने बातचीत से इंकार क्यों किया और क्या उन्हें आरोपी से पहले से कोई जानकारी थी। इस मामले में आरोपी के परिवार ने अभी तक पुलिस को कोई बयान नहीं दिया है।
क्या है रोहित आर्या केसयह मामला तब सुर्खियों में आया था जब पवई के एक अपार्टमेंट में रोहित आर्या ने कुछ बच्चों को बंधक बना लिया था। कई घंटों की मशक्कत के बाद पुलिस ने एनकाउंटर में रोहित आर्या को ढेर कर दिया था। आरोपी रोहित आर्या ने बच्चों को बंधक बनाने की योजना का कदम 2 करोड़ रुपए की वसूली के लिए उठाया था, जो उसने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री दीपक केसरकर के कार्यकाल के दौरान स्कूल शिक्षा विभाग के लिए एक परियोजना के तहत किया था।
इस घटना को पुलिस ने बयान जारी कर बताया कि पवई स्थित आरए स्टूडियो में हुई एक नाटकीय गोलीबारी में गोली लगने से आर्या की मौत हो गई। उसने गुरुवार दोपहर करीब 1.45 बजे 17 किशोर अभिनय ऑडिशन देने वालों सहित 19 लोगों को दो घंटे तक बंधक बनाकर रखा था।
दीपक केसरकर ने क्या कहावहीं इस मामले में दीपक केसरकर ने कहा कि रोहित आर्या को शिक्षा विभाग से कोई आश्वासन चाहिए था। मैं उससे क्या बात करता, क्योंकि अब मैं विभाग का मंत्री नहीं हूं। मैं कुछ नहीं कर सकता था इसलिए मैंने उससे बात करने से इनकार किया था। उन्होंने कहा कि वह अपने बयान दर्ज कराने के लिए तैयार हैं। क्राइम ब्रांच पूछताछ कर सकती है।
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