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शेर को मिर्गी का दौरा तो तेंदुए को डायबिटीज, आखिर कैसे इंसानी बीमारियों के शिकार हो रहे जंगली जानवर

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क्या बाघ-तेंदुए जैसे जंगली जानवरों को भी डायबिटीज होती है? क्या जंगली जानवर भी इंसानों वाली बीमारियों के शिकार हो सकते हैं? इसका जवाब है...हां। हाल ही यूपी में गोरखपुर के चिड़ियाघर से कुछ चौंकाने वाली खबरें आईं। यहां जंगली जानवर कैंसर, डायबिटीज और मोतियाबिंद जैसी बीमारियों से पीड़ित पाए गए।



गोरखपुर के इसी चिड़ियाघर में एक तेंदुए की मौत कैंसर की वजह से हुई। एक शेर को मिर्गी का दौरा पड़ गया। जबकि एक बाघिन ने मोतियाबिंद के चलते 90 फीसदी तक अपनी आंखों की रोशनी गंवा दी। एक दूसरे तेंदुए की जांच की गई तो पता चला कि उसे डायबिटीज है। लेकिन आखिर कैसे जंगली जानवर इंसानों वाली बीमारियों का शिकार हो रहे हैं? डायबिटीज जैसी बीमारी को लाइफस्टाइल डिसीज माना जाता है, फिर क्या जंगली जानवरों की लाइफस्टाइल भी बदल गई है?



जंगली जानवरों को होती हैं ये बीमारियांकई रिसर्च में यह पहले भी सामने आ चुका है कि जंगली जानवरों को कैंसर, डायबिटिज, कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याएं होती हैं। अमेरिका के एक एक्वेरियम में इसी साल फरवरी में एक क्लाउडेड लैपर्ड की मौत डायबिटिज की वजह से हुई। जंगली जानवरों को टीबी, हार्ट अटैक भी होते हैं। भालुओं में कई बार हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या देखने को मिली है।



किस वजह से इंसानी बीमारियों के शिकार हो रहे जंगली जानवरविशेषज्ञों की मानें तो इस तरह की बीमारियों का शिकार अधिकतर वही जानवर हो रहे हैं, जिन्हें चिड़ियाघर या एक निश्चित बाड़े में रखा गया है। यहां उन्हें प्राकृतिक खाना नहीं मिल रहा बल्कि इंसानों द्वाारा तैयार डाइट दी जा रही है। जंगल में वो तभी खाते हैं, जब भूख लगती है। लेकिन कैद में ऐसा नहीं है, जब मालिक खाना देता है तभी खाना होता है। जंगल में खाने के लिए उन्हें शिकार करना पड़ता है, लेकिन यहां बिना कुछ किए ही खाना मिल रहा है। चिड़ियाघर में उनके पास घूमने-फिरने के लिए भी ज्यादा जगह नहीं होती, जिसके चलते धीरे-धीरे बीमारियां घर करने लगती हैं।



जंगली जानवरों में डायबिटिज के कारणजंगली जानवरों में डायबिटीज जैसे मामलों पर enviroliteracy की एक रिपोर्ट में कई कारण बताए गए हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार जंगल और चिड़ियाघर में रहने वाले किसी भी जंगली जानवर को शुगर हो सकती है। बस जंगली जानवरों के नियमित टेस्ट नहीं हो पाते हैं। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं।



  • जेनेटिक: इंसानों की तरह जानवरों में भी यह बीमारी जेनेटिक हो सकती है। मतलब मां-बाप से बच्चों में।
  • डाइट: यह समस्या चिड़ियाघर या कैद में रहने वाले जानवरों के साथ ज्यादा होती है। ज्यादा कार्बोहाइड्रेट और शुगर वाले खाने से समस्या पैदा हो सकती है।
  • उम्र: जंगली जानवरों में भी उम्र बढ़ने के साथ बीमारियों का खतरा बढ़ता जाता है।
  • पर्यावरण: जी हां, प्रदूषण से सिर्फ इंसान ही नहीं जंगली जानवर भी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।
  • चलना-फिरना कम करना: अक्सर पिंजरों या बेड़े में बंद जंगली जानवरों में घूमना-फिरना कम हो जाता है।


  • इन जानवरों पर डायबिटिज का ज्यादा खतराअपनी फुर्ती के लिए मशहूर तेंदुओं में भी अब डायबिटीज की समस्या देखने को आ रही है। हालांकि बंदर, सुअर, भेड़, मगरमच्छ, हाथी और गिलहरी में डायबिटिज का खतरा ज्यादा रहता है। हैरानी की बात यह है कि भारी-भरकम और शहद खाना पसंद करने वाले भालू के शरीर में ऐसे प्रोटीन होते हैं, जो उसे इस बीमारी से बचाकर रखने में काफी हद तक सफल होते हैं।

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