अभय सिंह राठौड़, लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर पार्टी सुप्रीमो मायावती की रैली ने अब तक के सारे समीकरण बदल दिए हैं। जो बसपा अभी तक आगामी चुनाव की फाइट में दूर-दूर तक खड़ी नजर नहीं आ रही थी, वो एक चुनावी रैली के बाद विधानसभा चुनाव की लड़ाई में आ गई है। मायावती ने आगामी चुनाव जीत दर्ज कराने और पांचवी बार मुख्यमंत्री बनाने का आह्वान कर दिया है। इस रैली के बाद से मायावती से ज्यादा आकाश आनंद राजनीतिक दलों के निशाने पर आ गए हैं। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने आकाश आनंद को आड़े हाथों ले लिया है। आकाश आनंद पर दिए गए अखिलेश यादव के बयान को राजनीतिक विश्लेषक इसे सपा मुखिया का डर बता रहे हैं।
चर्चा में आकाश आनंददरअसल, लंबे समय शांत पड़ी बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की चुनाव दर चुनाव राजनीतिक जमीन खिसकती जा रही है। 2007 में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने वाली मायावती का आज की डेट में सिर्फ एक विधायक है। मायावती से ज्यादा इस समय उनके भतीजे आकाश आनंद चर्चाओं में आ गए हैं।
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने आकाश आनंद को लेकर कहा था कि आज आकाश आनंद की जरूरत बसपा से ज्यादा बीजेपी को है। जिसके बाद से सूबे की राजनीति गरमा गई है। जानकारों का कहना है कि अखिलेश यादव युवा आकाश आनंद से डर गए हैं। इसी वजह से ऐसी बयानबाजी कर रहे हैं।
आकाश पर लगातार रहे हैं मुखरराजनीतिक विश्लेषक एवं वरिष्ठ पत्रकार सैयद कासिम ने बताया कि मायावती ने जब आकाश आनंद को पद और पार्टी से निकाला था, तब यही अखिलेश यादव कह रहे थे कि आकाश आनंद अच्छा कर सकते हैं, बीजेपी के खिलाफ हिम्मत की बोलने की। अखिलेश यादव ने आकाश आनंद को लेकर यहां तक कह दिया था कि आकाश आनंद बहुजन समाज पार्टी का भविष्य हैं।
अब वही अखिलेश यादव आकाश आनंद पर निशाना साध रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार ने कहा कि अखिलेश यादव को यह अंदाजा हो गया है कि मायावती आकाश आनंद को नबंवर के बाद यूपी में लगाने जा रही है। वह समाजवादी पार्टी की पीडीए यानी पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक राजनीति के लिए खतरा हो सकते हैं।
आखिर क्या है वजह?सैयद कासिम ने बताया कि अखिलेश यादव हर एक विधानसभा क्षेत्र में नहीं जाएंगे और न ही मायावती विधानसभा क्षेत्रों में जाएगी। लेकिन, आकाश आनंद हर एक विधानसभा क्षेत्र में जा सकते हैं। इसी वजह से आकाश आनंद को लेकर अखिलेश यादव में डर हैं। वरिष्ठ पत्रकार ने कहा कि लोकसभा चुनाव में दिए गए भाषणों की वजह से खासकर मुसलमान आकाश आनंद को पसंद करता है।
आकाश आनंद तेज-तर्रार हैं, जब भी मायावती ने आकाश आनंद को बोलने का मौका दिया तो आकाश असली विपक्ष की भूमिका दिखा देंगे। उनका एक चार्म है, लोग उन्हें पसंद करते हैं।
मायावती थीं अब तक साइलेंटवरिष्ठ पत्रकार ने कहा कि अभी तक मायावती बिल्कुल साइलेंट थी, वो न ही बाहर निकल रही थी और न ही बीजेपी को आड़े हाथों ले रही थी। इस वजह से अखिलेश यादव को इसका फायदा मिल रहा था। लेकिन अब आकाश आनंद का विधानसभा तक जाने का प्लान है तो ऐसे में अखिलेश यादव के निशाने पर आकाश का आना स्वाभाविक है।
सैयद कासिम ने कहा कि अगर आकाश आनंद विधानसभा तक जाते हैं तो यह अखिलेश यादव के दिक्कत वाली बात होगी। आकाश आनंद युवा है और खुलकर बोलते हैं, इसी वजह से लोग आकाश आनंद को पसंद करते हैं। आकाश जितना एक्टिव होंगे और बोलेंगे उतना समाजवादी पार्टी को नुकसान होगा।
अखिलेश के सामने बड़ी चुनौतीवरिष्ठ पत्रकार ने कहा कि यहां एक तरह कुंआ और दूसरी तरफ खाई है। अखिलेश यादव अगर मायावती को टारगेट करेंगे तो दलित समुदाय उनसे नाराज हो जाएगा। बुजुर्ग से लेकर महिलाएं तक आखिलेश यादव से नाराज हो जाएगी। इसी वजह से आकाश आनंद हमला बोलने के लिए एक सॉफ्ट कॉर्नर है। आकाश आनंद ही मैदान में निकलने जा रहे हैं और बसपा का भविष्य भी है। इस लिए सपा मुखिया अखिलेश यादव अभी से आकाश आनंद को बीजेपी का बताने में जुटे हैं।
आकाश आनंद के पीछे मायावती और उनकी पार्टी बहुजन समाज पार्टी जुड़ी है। ऐसे में अगर आकाश आनंद विधानसभा तक पहुंचते हैं तो सपा को डैमेज कर सकते हैं। इसी लिए अखिलेश यादव अभी से ही आकाश आनंद को बीजेपी से जुड़ा बताने की कोशिश कर रहे हैं।
चर्चा में आकाश आनंददरअसल, लंबे समय शांत पड़ी बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की चुनाव दर चुनाव राजनीतिक जमीन खिसकती जा रही है। 2007 में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने वाली मायावती का आज की डेट में सिर्फ एक विधायक है। मायावती से ज्यादा इस समय उनके भतीजे आकाश आनंद चर्चाओं में आ गए हैं।
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने आकाश आनंद को लेकर कहा था कि आज आकाश आनंद की जरूरत बसपा से ज्यादा बीजेपी को है। जिसके बाद से सूबे की राजनीति गरमा गई है। जानकारों का कहना है कि अखिलेश यादव युवा आकाश आनंद से डर गए हैं। इसी वजह से ऐसी बयानबाजी कर रहे हैं।
आकाश पर लगातार रहे हैं मुखरराजनीतिक विश्लेषक एवं वरिष्ठ पत्रकार सैयद कासिम ने बताया कि मायावती ने जब आकाश आनंद को पद और पार्टी से निकाला था, तब यही अखिलेश यादव कह रहे थे कि आकाश आनंद अच्छा कर सकते हैं, बीजेपी के खिलाफ हिम्मत की बोलने की। अखिलेश यादव ने आकाश आनंद को लेकर यहां तक कह दिया था कि आकाश आनंद बहुजन समाज पार्टी का भविष्य हैं।
अब वही अखिलेश यादव आकाश आनंद पर निशाना साध रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार ने कहा कि अखिलेश यादव को यह अंदाजा हो गया है कि मायावती आकाश आनंद को नबंवर के बाद यूपी में लगाने जा रही है। वह समाजवादी पार्टी की पीडीए यानी पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक राजनीति के लिए खतरा हो सकते हैं।
आखिर क्या है वजह?सैयद कासिम ने बताया कि अखिलेश यादव हर एक विधानसभा क्षेत्र में नहीं जाएंगे और न ही मायावती विधानसभा क्षेत्रों में जाएगी। लेकिन, आकाश आनंद हर एक विधानसभा क्षेत्र में जा सकते हैं। इसी वजह से आकाश आनंद को लेकर अखिलेश यादव में डर हैं। वरिष्ठ पत्रकार ने कहा कि लोकसभा चुनाव में दिए गए भाषणों की वजह से खासकर मुसलमान आकाश आनंद को पसंद करता है।
आकाश आनंद तेज-तर्रार हैं, जब भी मायावती ने आकाश आनंद को बोलने का मौका दिया तो आकाश असली विपक्ष की भूमिका दिखा देंगे। उनका एक चार्म है, लोग उन्हें पसंद करते हैं।
मायावती थीं अब तक साइलेंटवरिष्ठ पत्रकार ने कहा कि अभी तक मायावती बिल्कुल साइलेंट थी, वो न ही बाहर निकल रही थी और न ही बीजेपी को आड़े हाथों ले रही थी। इस वजह से अखिलेश यादव को इसका फायदा मिल रहा था। लेकिन अब आकाश आनंद का विधानसभा तक जाने का प्लान है तो ऐसे में अखिलेश यादव के निशाने पर आकाश का आना स्वाभाविक है।
सैयद कासिम ने कहा कि अगर आकाश आनंद विधानसभा तक जाते हैं तो यह अखिलेश यादव के दिक्कत वाली बात होगी। आकाश आनंद युवा है और खुलकर बोलते हैं, इसी वजह से लोग आकाश आनंद को पसंद करते हैं। आकाश जितना एक्टिव होंगे और बोलेंगे उतना समाजवादी पार्टी को नुकसान होगा।
अखिलेश के सामने बड़ी चुनौतीवरिष्ठ पत्रकार ने कहा कि यहां एक तरह कुंआ और दूसरी तरफ खाई है। अखिलेश यादव अगर मायावती को टारगेट करेंगे तो दलित समुदाय उनसे नाराज हो जाएगा। बुजुर्ग से लेकर महिलाएं तक आखिलेश यादव से नाराज हो जाएगी। इसी वजह से आकाश आनंद हमला बोलने के लिए एक सॉफ्ट कॉर्नर है। आकाश आनंद ही मैदान में निकलने जा रहे हैं और बसपा का भविष्य भी है। इस लिए सपा मुखिया अखिलेश यादव अभी से आकाश आनंद को बीजेपी का बताने में जुटे हैं।
आकाश आनंद के पीछे मायावती और उनकी पार्टी बहुजन समाज पार्टी जुड़ी है। ऐसे में अगर आकाश आनंद विधानसभा तक पहुंचते हैं तो सपा को डैमेज कर सकते हैं। इसी लिए अखिलेश यादव अभी से ही आकाश आनंद को बीजेपी से जुड़ा बताने की कोशिश कर रहे हैं।
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