नई दिल्लीः बुराड़ी के केशव नगर की गली नंबर 6 में लोगों की आवाजाही के बीच खामोशी पसरी हुई है। रोने सिसकने की आवाज इस खामोशी को कुछ पल के लिए तोड़ती है। वजह, बुजुर्ग राम कुमारी के परिवार में दो जवान बेटों समेत चार लोगों की वैष्णो देवी में लैंडस्लाइड के दौरान दर्दनाक मौत। शुक्रवार की आधी रात जब दो एंबुलेस जम्मू से बुराड़ी के केशव नगर स्थित इस घर के सामने रुकी तो चार शवों को देखकर आसपास के हर एक शख्स की आंखें नम थी। 23 अगस्त को यह परिवार और इनके रिश्तेदार के कुल 16 लोग वैष्णो देवी रवाना हुए थे। इनके गाजियाबाद में रहने वाले रिश्तेदार के परिवार से भी दो लोगों की इस हादसे में जान चली गई।
परिवार के सामने काफी संकट
यश ने एनबीटी को बताया कि उनके दोनों मामा अजय और राजा का परिवार पूरी तरह बिखर गया है। सरकार और इच्छुक लोगों से अपील है कि वे परिवार की हर तरह से अधिक से अधिक मदद करें। अब दोनों के न रहने से बचे हुए परिवार के सामने काफी संकट है। यश ने बताया कि उनकी नानी राम कुमारी है। इनके तीन बेटे अजय, राजा, राजेश है। तीनों ही शादीशुदा है। गली में ही तीनों परिवार के साथ रहते हैं।
हादसे में चली गई जान
यश ने बताया कि उनके मामा राजा अपने दो साल के बेटे अयांश का मुंडन कराने के लिए वैष्णो देवी 23 अगस्त को गए थे। जिनमें राजा, उनकी पत्नी पिंकी, अयांश, बेटी दीपांशी, छोटी बेटी आरोही, राजा के बड़े भाई अजय और मां रामकुमारी देवी, इसके अलावा गाजियाबाद में रहने वाली पिंकी की बहनें, जीजा व उनके परिवार के सदस्य थे। यश ने बताया कि तबीयत ठीक नहीं होने पर उनके नाना प्रदीप नहीं गए थे। इस हादसे में अजय और राजा, राजा की पत्नी पिंकी और 12 वर्षीय बेटी दीपांशी की मौत हो चुकी है, जबकि अयांश अभी भी कटरा स्थित अस्पताल के आईसीयू में भर्ती है। डॉक्टरों ने बताया है कि अयांश की हालत में सुधार हो रहा है।
छह लोगों की मौत की सूचना मिली
यश ने बताया कि नानी राम कुमारी के लिए मामा ने पालकी कर दी थी। पालकी में राजा की छोटी बेटी आरोही भी थी। ये लोग अर्धकुंवारी के लिए धीरे-धीरे बढ़े, जिसकी वजह से इनकी जान बच गई। उधर, परिवार के लोग अर्धकुंवारी के पास पहुंच, तभी हादसा हो गया। नानी आरोही को गोद में लेकर परिवार को ढूंढ़ने में लगी रहीं। फिर प्रशासन ने उन्हें कटरा पहुंचा दिया। दो दिन बाद परिवार और रिश्तेदार के छह लोगों की मौत की सूचना मिली। यश के मुताबिक, गाजियाबाद के रिश्तेदारों में 17 साल की तान्या और 22 साल के पुकार की मौत हुई है। ये पिंकी की बहन की बेटियां है।
नाना-नानी और बच्चों के अलावा कोई नहीं बचा
यश ने बताया कि घर में अब बुजुर्ग नाना-नानी और बच्चों के अलावा कोई नहीं बचा। अजय की पत्नी का पांच साल पहले निधन हो चुका है। उनके परिवार में सिर्फ 23 साल की बेटी, 18 साल का बेटा और 16 साल का बेटा बचा है। इसी तरह राजा के परिवार में अयांश और आरोही बचे हैं। यश के मुताबिक, अजय ने पिछले महीने ही फाइनेंस कराके नया ई रिक्शा लिया था। राजा बतौर माली का काम करते थे। जबकि पिंकी हाउस वाइफ थी। बच्चे पढ़ाई कर रहे है।
प्रशासन के रवैये से नाखुश है परिवार
यश के मुताबिक, हादसे के बाद वह बुधवार को ही जम्मू पहुंच गए। पता चला कि जम्मू से 20 किलोमीटर दूर जीएमसी हॉस्पिटल में सभी शव रखे हुए हैं। इसके बाद सभी जरूरी औपचारिकताएं पूरी करके वह जम्मू से दो एंबुलेंस के जरिए शवों को लेकर शुक्रवार रात दिल्ली पहुंचे। उसके बाद अंतिम संस्कार किया गया। प्रशासन की अब तक की मदद से भी परिवार नाखुश है। भांजे यश ने बताया कि हम सब को वहां के प्रशासन से एक ही शिकायत है कि श्राइन बोर्ड की तरफ से यात्रा बंद कर दी गई थी। तो फिर यात्रा क्यों होने दी। अगर प्रशासन ने सही समय पर निर्णय लिया होता तो आज इतने परिवार तबाह न हुए होते।
परिवार के सामने काफी संकट
यश ने एनबीटी को बताया कि उनके दोनों मामा अजय और राजा का परिवार पूरी तरह बिखर गया है। सरकार और इच्छुक लोगों से अपील है कि वे परिवार की हर तरह से अधिक से अधिक मदद करें। अब दोनों के न रहने से बचे हुए परिवार के सामने काफी संकट है। यश ने बताया कि उनकी नानी राम कुमारी है। इनके तीन बेटे अजय, राजा, राजेश है। तीनों ही शादीशुदा है। गली में ही तीनों परिवार के साथ रहते हैं।
हादसे में चली गई जान
यश ने बताया कि उनके मामा राजा अपने दो साल के बेटे अयांश का मुंडन कराने के लिए वैष्णो देवी 23 अगस्त को गए थे। जिनमें राजा, उनकी पत्नी पिंकी, अयांश, बेटी दीपांशी, छोटी बेटी आरोही, राजा के बड़े भाई अजय और मां रामकुमारी देवी, इसके अलावा गाजियाबाद में रहने वाली पिंकी की बहनें, जीजा व उनके परिवार के सदस्य थे। यश ने बताया कि तबीयत ठीक नहीं होने पर उनके नाना प्रदीप नहीं गए थे। इस हादसे में अजय और राजा, राजा की पत्नी पिंकी और 12 वर्षीय बेटी दीपांशी की मौत हो चुकी है, जबकि अयांश अभी भी कटरा स्थित अस्पताल के आईसीयू में भर्ती है। डॉक्टरों ने बताया है कि अयांश की हालत में सुधार हो रहा है।
छह लोगों की मौत की सूचना मिली
यश ने बताया कि नानी राम कुमारी के लिए मामा ने पालकी कर दी थी। पालकी में राजा की छोटी बेटी आरोही भी थी। ये लोग अर्धकुंवारी के लिए धीरे-धीरे बढ़े, जिसकी वजह से इनकी जान बच गई। उधर, परिवार के लोग अर्धकुंवारी के पास पहुंच, तभी हादसा हो गया। नानी आरोही को गोद में लेकर परिवार को ढूंढ़ने में लगी रहीं। फिर प्रशासन ने उन्हें कटरा पहुंचा दिया। दो दिन बाद परिवार और रिश्तेदार के छह लोगों की मौत की सूचना मिली। यश के मुताबिक, गाजियाबाद के रिश्तेदारों में 17 साल की तान्या और 22 साल के पुकार की मौत हुई है। ये पिंकी की बहन की बेटियां है।
नाना-नानी और बच्चों के अलावा कोई नहीं बचा
यश ने बताया कि घर में अब बुजुर्ग नाना-नानी और बच्चों के अलावा कोई नहीं बचा। अजय की पत्नी का पांच साल पहले निधन हो चुका है। उनके परिवार में सिर्फ 23 साल की बेटी, 18 साल का बेटा और 16 साल का बेटा बचा है। इसी तरह राजा के परिवार में अयांश और आरोही बचे हैं। यश के मुताबिक, अजय ने पिछले महीने ही फाइनेंस कराके नया ई रिक्शा लिया था। राजा बतौर माली का काम करते थे। जबकि पिंकी हाउस वाइफ थी। बच्चे पढ़ाई कर रहे है।
प्रशासन के रवैये से नाखुश है परिवार
यश के मुताबिक, हादसे के बाद वह बुधवार को ही जम्मू पहुंच गए। पता चला कि जम्मू से 20 किलोमीटर दूर जीएमसी हॉस्पिटल में सभी शव रखे हुए हैं। इसके बाद सभी जरूरी औपचारिकताएं पूरी करके वह जम्मू से दो एंबुलेंस के जरिए शवों को लेकर शुक्रवार रात दिल्ली पहुंचे। उसके बाद अंतिम संस्कार किया गया। प्रशासन की अब तक की मदद से भी परिवार नाखुश है। भांजे यश ने बताया कि हम सब को वहां के प्रशासन से एक ही शिकायत है कि श्राइन बोर्ड की तरफ से यात्रा बंद कर दी गई थी। तो फिर यात्रा क्यों होने दी। अगर प्रशासन ने सही समय पर निर्णय लिया होता तो आज इतने परिवार तबाह न हुए होते।
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