बॉलीवुड के ये फेमस और लीजेंड एक्टर की पहली शादी सिर्फ 19 साल की उम्र में हो गई थी। इससे भी बड़ी बात ये कि वो महिला उनसे 15 साल बड़ी थीं? हालांकि, ज्यादातर लोग यही जानते हैं कि उनकी पत्नी बॉलीवुड और टीवी की एक बड़ी स्टार हैं। लेकिन सच ये है कि इससे पहले उनकी एक और पत्नी थीं। पहली पत्नी को एक्टर करीब 12 साल तक एलिमनी देते रहे थे, जिसके लिए उन्हें खूब स्ट्रगल करना पड़ा था।
आइए, आज यहां जानते हैं उसी एक्टर के बारे में। वो कोई नहीं बल्कि नसीरुद्दीन शाह थे और जानते हैं उनकी लाइफ से जुड़े इसी अनसुने किस्से के बारे में, जो काफी लोगों को पता ही नहीं। नसीर का शुरुआती दौर काफी स्ट्रगल से भरा था। उन्होंने अपनी पहली वाइफ परवीन मुराद को एलीमनी देने के लिए करीब एक दशक तक संघर्ष करते रहे।
उस समय नसीर केवल 19 साल के थे'बॉलीवुडशादी' में छपी कहानी में कई अलग-अलग रिपोर्ट्स का हवाला दिया गया है। इस रिपोर्ट्स में बताया गया है कि नसीरुद्दीन पहली बार परवीन से अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में मिले थे, जब वे स्टूडेंट थे। उस समय नसीर केवल 19 साल के थे और परवीन 34 साल की तलाकशुदा महिला थीं, जिनके बच्चे भी थे। यानी उम्र में उनसे वो 15 साल बड़ी थीं।
सबसे बड़ी समस्या तो उनकी शादी से पहले ही सामने आ गईदोनों ने 1969 में एक पारंपरिक समारोह में शादी की और एक साल के भीतर ही उनकी इकलौती संतान हुई जिसका नाम हीबा रखा। हालांकि, जल्द ही उनके सामने चुनौतियां आने लगीं। सबसे बड़ी समस्या तो उनकी शादी से पहले ही सामने आ गई थी। दरअसल परिवार इस शादी के लिए कतई राजी नहीं था और उनके विरोधों के बावजूद उन्होंने शादी कर ली।
आखिरकार वही हुआ जिसका सबको डर थानसीरुद्दीन के परिवार को यह मंजूर वहीं था क्योंकि न केवल परवीन तलाकशुदा थीं, बल्कि उनके बच्चे भी थे और वह उनसे 14-15 साल बड़ी थीं। इधर परवीन के परिवार को भी कई तरह की शंकाएं थीं। समय के साथ आखिरकार वही हुआ जिसका सबको डर था। दोनों के बीच इस अंतर ने इस जोड़े को तोड़ा दिया और उन्होंने धीरे-धीरे अलग होने का फैसला कर लिया।
परवीन को एलीमनी की वो रकम देनी पड़ी जैसा...परवीन ने तलाक की स्थिति में पर्याप्त महर यानी एलीमनी, जिसे गुजारा भत्ता भी कहते हैं, उसकी मांग की। तलाक के बाद, बॉलीवुड के दिग्गज स्टार को परवीन को एलिमनी की वो रकम देनी पड़ी जैसा कि उनके परिवार ने तय किया था।
एलीमनी के लिए किश्तों में भुगतान करना पड़ाइस आर्थिक धक्के की वजह से उन्हें आगे बढ़ने में देरी हुई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्हें एलीमनी के लिए किश्तों में भुगतान करना पड़ा और इसमें एक दशक से अधिक समय लगा। हालांकि, इस दौरान नसीरुद्दीन ने अपनी एक्टिंग जारी रखी और कई साल बाद, उन्होंने फिल्म 'मासूम' में अभिनय किया। बताया जाता है कि इस फिल्म से हुई कमाई से वह पूरी रकम चुका पाए थे और आखिरकार 12 साल बाद यह मामला सुलझ गया।
उनकी दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदल गईबताते चलें कि जब वह अपनी पहली पत्नी को गुजारा भत्ता देने का काम संभाल रहे थे, तभी 1975 में थिएटर के दौरान उनकी मुलाकात रत्ना पाठक से हुई। उनकी दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदल गई और वे डेट करने लगे। चूंकि नसीरुद्दीन अभी अपनी पहली शादी से कानूनी तौर पर आजाद नहीं हुए थे, इसलिए उस समय वे शादी नहीं कर सकते थे, इसलिए दोनों ने लिव-इन रिलेशनशिप में साथ रहने का फैसला किया।
नसीरुद्दीन और रत्ना ने 1982 में शादी के बंधन में बंध गएकरीब 7 साल तक डेटिंग करने के बाद, नसीरुद्दीन और रत्ना ने 1982 में शादी के बंधन में बंध गए और साथ में अपनी लाइफ शुरू की। इस जोड़े ने जल्द ही दो बेटों, इमाद शाह और विवान शाह का स्वागत किया । दोनों करीब चार दशकों से भी ज्यादा समय से एक-दूसरे का साथ निभा रहे हैं।
'निशांत' और 'आक्रोश' जैसी दमदार फिल्मों से शुरुआतवह भारत के सबसे सम्मानित एक्टर में से एक हैं। 1970 के दशक में 'निशांत' और 'आक्रोश' जैसी दमदार फिल्मों से शुरुआत करते हुए, उन्होंने गंभीर भूमिकाओं के साथ-साथ 'मासूम', 'कर्मा' और 'त्रिदेव' जैसी हिट फिल्मों में भी अपनी चमक बिखेरी।उन्हें कई राष्ट्रीय पुरस्कारों और पद्म भूषण जैसे सम्मानों के साथ, उनका यह सफर आज भी जारी है।
आइए, आज यहां जानते हैं उसी एक्टर के बारे में। वो कोई नहीं बल्कि नसीरुद्दीन शाह थे और जानते हैं उनकी लाइफ से जुड़े इसी अनसुने किस्से के बारे में, जो काफी लोगों को पता ही नहीं। नसीर का शुरुआती दौर काफी स्ट्रगल से भरा था। उन्होंने अपनी पहली वाइफ परवीन मुराद को एलीमनी देने के लिए करीब एक दशक तक संघर्ष करते रहे।

उस समय नसीर केवल 19 साल के थे'बॉलीवुडशादी' में छपी कहानी में कई अलग-अलग रिपोर्ट्स का हवाला दिया गया है। इस रिपोर्ट्स में बताया गया है कि नसीरुद्दीन पहली बार परवीन से अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में मिले थे, जब वे स्टूडेंट थे। उस समय नसीर केवल 19 साल के थे और परवीन 34 साल की तलाकशुदा महिला थीं, जिनके बच्चे भी थे। यानी उम्र में उनसे वो 15 साल बड़ी थीं।
सबसे बड़ी समस्या तो उनकी शादी से पहले ही सामने आ गईदोनों ने 1969 में एक पारंपरिक समारोह में शादी की और एक साल के भीतर ही उनकी इकलौती संतान हुई जिसका नाम हीबा रखा। हालांकि, जल्द ही उनके सामने चुनौतियां आने लगीं। सबसे बड़ी समस्या तो उनकी शादी से पहले ही सामने आ गई थी। दरअसल परिवार इस शादी के लिए कतई राजी नहीं था और उनके विरोधों के बावजूद उन्होंने शादी कर ली।
आखिरकार वही हुआ जिसका सबको डर थानसीरुद्दीन के परिवार को यह मंजूर वहीं था क्योंकि न केवल परवीन तलाकशुदा थीं, बल्कि उनके बच्चे भी थे और वह उनसे 14-15 साल बड़ी थीं। इधर परवीन के परिवार को भी कई तरह की शंकाएं थीं। समय के साथ आखिरकार वही हुआ जिसका सबको डर था। दोनों के बीच इस अंतर ने इस जोड़े को तोड़ा दिया और उन्होंने धीरे-धीरे अलग होने का फैसला कर लिया।
परवीन को एलीमनी की वो रकम देनी पड़ी जैसा...परवीन ने तलाक की स्थिति में पर्याप्त महर यानी एलीमनी, जिसे गुजारा भत्ता भी कहते हैं, उसकी मांग की। तलाक के बाद, बॉलीवुड के दिग्गज स्टार को परवीन को एलिमनी की वो रकम देनी पड़ी जैसा कि उनके परिवार ने तय किया था।
एलीमनी के लिए किश्तों में भुगतान करना पड़ाइस आर्थिक धक्के की वजह से उन्हें आगे बढ़ने में देरी हुई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्हें एलीमनी के लिए किश्तों में भुगतान करना पड़ा और इसमें एक दशक से अधिक समय लगा। हालांकि, इस दौरान नसीरुद्दीन ने अपनी एक्टिंग जारी रखी और कई साल बाद, उन्होंने फिल्म 'मासूम' में अभिनय किया। बताया जाता है कि इस फिल्म से हुई कमाई से वह पूरी रकम चुका पाए थे और आखिरकार 12 साल बाद यह मामला सुलझ गया।
उनकी दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदल गईबताते चलें कि जब वह अपनी पहली पत्नी को गुजारा भत्ता देने का काम संभाल रहे थे, तभी 1975 में थिएटर के दौरान उनकी मुलाकात रत्ना पाठक से हुई। उनकी दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदल गई और वे डेट करने लगे। चूंकि नसीरुद्दीन अभी अपनी पहली शादी से कानूनी तौर पर आजाद नहीं हुए थे, इसलिए उस समय वे शादी नहीं कर सकते थे, इसलिए दोनों ने लिव-इन रिलेशनशिप में साथ रहने का फैसला किया।
नसीरुद्दीन और रत्ना ने 1982 में शादी के बंधन में बंध गएकरीब 7 साल तक डेटिंग करने के बाद, नसीरुद्दीन और रत्ना ने 1982 में शादी के बंधन में बंध गए और साथ में अपनी लाइफ शुरू की। इस जोड़े ने जल्द ही दो बेटों, इमाद शाह और विवान शाह का स्वागत किया । दोनों करीब चार दशकों से भी ज्यादा समय से एक-दूसरे का साथ निभा रहे हैं।
'निशांत' और 'आक्रोश' जैसी दमदार फिल्मों से शुरुआतवह भारत के सबसे सम्मानित एक्टर में से एक हैं। 1970 के दशक में 'निशांत' और 'आक्रोश' जैसी दमदार फिल्मों से शुरुआत करते हुए, उन्होंने गंभीर भूमिकाओं के साथ-साथ 'मासूम', 'कर्मा' और 'त्रिदेव' जैसी हिट फिल्मों में भी अपनी चमक बिखेरी।उन्हें कई राष्ट्रीय पुरस्कारों और पद्म भूषण जैसे सम्मानों के साथ, उनका यह सफर आज भी जारी है।
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