सिंगर-कंपोजर और एक्टर जुबीन गर्ग की मौत की गुत्थी जहां 50 दिन बाद भी नहीं सुलझी है, वहीं इस मामले की जांच अब 'मर्डर केस' मानकर की जा रही है। असम पुलिस के बाद अब CID ने जांच की शुरुआत कर दी है। जुबीन गर्ग के पूर्व मैनेजर तरसेम मित्तल से शुक्रवार को गुवाहाटी में सीआईडी की टीम ने पूछताछ की है। 19 सितंबर को यह झकझोर देने वाली खबर आई कि जुबीन गर्ग का सिंगापुर में निधन हो गया है। शुरुआत में जहां इसे डूबने के कारण हुई मौत माना जा रहा था, वहीं अब असम की सरकार से हत्या मानकर इसकी जांच करवा रही है। इस मामले में अब तक कई लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
'ईटाइम्स' की रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार को राज्य सरकार की विशेष जांच टीम (SIT) और सीआईडी ने तरसेम मित्तल समेत कई अन्य लोगों से भी पूछताछ की है। इससे पहले जुबीन के मैनेजर सिर्द्धार्थ शर्मा समेत 7 अन्य लोगों को न्यायिक हिरासत में लिया जा चुका है।
पैसों की गड़बड़ी, मनी ट्रांजेक्शन को लेकर सवाल-जवाब
कथित तौर पर इस पूछताछ में जुबीन गर्ग के निधन के बाद सामने आई संभावित पैसों की गड़बड़ी, इसको लेकर हुए मनी ट्रांजेक्शन को लेकर सवाल-जवाब किए गए हैं। तरसेम मित्तल लंबे समय तक सिंगर के मैनेजर रहे थे। बाद में उनकी जगह सिद्धार्थ शर्मा को अपॉइंट किया गया था।
मित्तल की सिफारिश पर ही मैनेजर बने थे सिद्धार्थ शर्मा
रिपोर्ट के मुताबिक, जांचकर्ताओं का कहना है कि सिंगर की टीम में सिद्धार्थ शर्मा की एंट्री तरसेम मित्तल की सिफारिश पर ही की गई थी। दोनों के बीच गहरे प्रोफेशनल संबंध रहे हैं। ऐसे में पूछताछ से पैसों के लेन-देन से जुड़े मामले में नई और बड़ी जानकारी मिल सकती है।
सिंगापुर के डेथ सर्टिफिकेट में 'डूबना' है मौत का कारण
इसी साल 19 सितंबर 2025 को, जुबीन गर्ग की सिंगापुर में मृत्यु हो गई। वह नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल के ब्रांड एंबेसडर के रूप में सिंगापुर की यात्रा पर थे। सिंगापुर के मृत्यु प्रमाण पत्र में मौत का कारण 'डूबना' बताया गया है। असम सरकार ने इसके छह दिन बाद 25 सितंबर को, मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया।
SIT को 8 दिसंबर तक चार्जशीट दाखिल करने का निर्देश
हाल ही, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने घोषणा की कि जुबीन गर्ग की मौत को एक दुर्घटना की बजाय, एक हत्या का मामला माना जाएगा। उन्होंने विशेष जांच दल को अपना आरोप पत्र जमा दाखिल करने के लिए 8 दिसंबर तक की समय सीमा दी है। यह घटना विदेशी धरती पर हुई थी, इसलिए औपचारिक रूप से चार्जशीट दायर करने से पहले गृह मंत्रालय (MHA) की मंजूरी भी जरूरी है।
बॉडीगार्ड्स के खातों में भी पैसों का हुआ लेन-देन
बताया जाता है कि SIT का उद्देश्य यह पता लगाना है कि क्या इस दुखद मामले में लापरवाही, आपराधिक षडयंत्र या अन्य गंभीर चूक की कोई भूमिका थी या नहीं। मामला तब और भी पेचीदा हो गया, जब जुबीन गर्ग के परिवार, करीबी और बॉडीगार्ड्स के बैंक खातों में कथित तौर पर करोड़ों रुपये के लेन-देन देखे गए। ऐसे में मामले में धोखाधड़ी से लेकर मनी लॉन्ड्रिंग जैसे सवाल उठने लगे।
'ईटाइम्स' की रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार को राज्य सरकार की विशेष जांच टीम (SIT) और सीआईडी ने तरसेम मित्तल समेत कई अन्य लोगों से भी पूछताछ की है। इससे पहले जुबीन के मैनेजर सिर्द्धार्थ शर्मा समेत 7 अन्य लोगों को न्यायिक हिरासत में लिया जा चुका है।
पैसों की गड़बड़ी, मनी ट्रांजेक्शन को लेकर सवाल-जवाब
कथित तौर पर इस पूछताछ में जुबीन गर्ग के निधन के बाद सामने आई संभावित पैसों की गड़बड़ी, इसको लेकर हुए मनी ट्रांजेक्शन को लेकर सवाल-जवाब किए गए हैं। तरसेम मित्तल लंबे समय तक सिंगर के मैनेजर रहे थे। बाद में उनकी जगह सिद्धार्थ शर्मा को अपॉइंट किया गया था।
मित्तल की सिफारिश पर ही मैनेजर बने थे सिद्धार्थ शर्मा
रिपोर्ट के मुताबिक, जांचकर्ताओं का कहना है कि सिंगर की टीम में सिद्धार्थ शर्मा की एंट्री तरसेम मित्तल की सिफारिश पर ही की गई थी। दोनों के बीच गहरे प्रोफेशनल संबंध रहे हैं। ऐसे में पूछताछ से पैसों के लेन-देन से जुड़े मामले में नई और बड़ी जानकारी मिल सकती है।
सिंगापुर के डेथ सर्टिफिकेट में 'डूबना' है मौत का कारण
इसी साल 19 सितंबर 2025 को, जुबीन गर्ग की सिंगापुर में मृत्यु हो गई। वह नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल के ब्रांड एंबेसडर के रूप में सिंगापुर की यात्रा पर थे। सिंगापुर के मृत्यु प्रमाण पत्र में मौत का कारण 'डूबना' बताया गया है। असम सरकार ने इसके छह दिन बाद 25 सितंबर को, मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया।
SIT को 8 दिसंबर तक चार्जशीट दाखिल करने का निर्देश
हाल ही, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने घोषणा की कि जुबीन गर्ग की मौत को एक दुर्घटना की बजाय, एक हत्या का मामला माना जाएगा। उन्होंने विशेष जांच दल को अपना आरोप पत्र जमा दाखिल करने के लिए 8 दिसंबर तक की समय सीमा दी है। यह घटना विदेशी धरती पर हुई थी, इसलिए औपचारिक रूप से चार्जशीट दायर करने से पहले गृह मंत्रालय (MHA) की मंजूरी भी जरूरी है।
बॉडीगार्ड्स के खातों में भी पैसों का हुआ लेन-देन
बताया जाता है कि SIT का उद्देश्य यह पता लगाना है कि क्या इस दुखद मामले में लापरवाही, आपराधिक षडयंत्र या अन्य गंभीर चूक की कोई भूमिका थी या नहीं। मामला तब और भी पेचीदा हो गया, जब जुबीन गर्ग के परिवार, करीबी और बॉडीगार्ड्स के बैंक खातों में कथित तौर पर करोड़ों रुपये के लेन-देन देखे गए। ऐसे में मामले में धोखाधड़ी से लेकर मनी लॉन्ड्रिंग जैसे सवाल उठने लगे।
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